कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी क्यों बेच रहे हैं प्रमोटर्स और बड़े शेयरहोल्डर्स, मुनाफावसूली या कुछ और?

मई 2025 में भारतीय शेयर बाजार में मजबूती के चलते कई बड़ी कंपनियों के प्रमोटर्स और प्रमुख शेयरधारकों ने अपनी हिस्सेदारी में कमी की है. उन्होंने अब तक 50,000 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर ब्लॉक और बल्क डील्स के जरिए बेच दिए हैं. इसमें ITC, भारती एयरटेल, इंडिगो, पीएनबी हाउसिंग, पेटीएम सहित कई बड़ी कंपनियां शामिल हैं.

प्रमोटर और बड़े शेयरहोल्डर बेच रहे हिस्सेदारी Image Credit: @Freepik

Promotes Shareholders Selling Stakes: पिछले 1 महीने में कई बड़ी कंपनियों के प्रमोटर और बड़े शेयरहोल्डर्स ने अपनी हिस्सेदारी को कम कर दिया है. आंकड़ों से समझने की कोशिश करें तो यह बिकवाली मई महीने में कुल 50000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रही है. ये तमाम बिक्री मुख्य रूप से ब्लॉक और बल्क डील्स के जरिये हुई है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि बाजार से इतने बड़े स्तर पर हिस्सेदारी को कम कर दिया गया. इन बिक्रियों का मुख्य मकसद मुनाफा लेना था या इसके पीछे कुछ और ही कारण है.

किन कंपनियों से घटी हिस्सेदारी?

बिकवाली का यह ट्रेंड अक्टूबर से पहले भी देखा गया था जब बाजार में बुल रन चल रहा था. लेकिन बीच के कुछ महीनों में बाजार में कई फैकटर्स के कारण बड़े स्तर पर बिकवाली हुई थी. हालांकि, पिछले कुछ समय से विदेशी निवेशकों की रुचि भारतीय बाजार में फिर से बढ़ने लगी है. यही कारण है कि प्रमोटर्स एक बार फिर अपने शेयर बेच रहे हैं. मई में जिन कंपनियों में हिस्सेदारी घटाई गई है, उनमें ITC, भारती एयरटेल, इंडिगो (InterGlobe Aviation), PNB हाउसिंग, पेटीएम (One 97 Communications), KFin टेक्नोलॉजीज, KPR मिल और PG इलेक्ट्रोप्लास्ट शामिल हैं. इन कंपनियों में बिके शेयरों की कीमत 1,133 करोड़ रुपये से लेकर 12,941 करोड़ रुपये तक रही है.

किसने कितनी घटाई हिस्सेदारी?

इनमें से सबसे बड़ी बिक्री ITC कंपनी में हुई. इसमें ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको ने अपनी 2.5 फीसदी हिस्सेदारी 12,941 करोड़ रुपये में बेची है. वहीं, भारती एयरटेल में सिंगटेल की सहयोगी कंपनी Pastel Ltd ने 12,880 करोड़ रुपये के शेयर बेचे. इंडिगो के प्रमोटर राकेश गंगवाल और उनके परिवार ने करीब 11,564 करोड़ रुपये के शेयर बेचे. पीएनबी हाउसिंग में प्राइवेट इक्विटी फर्म Carlyle की सहयोगी कंपनी ने अपनी पूरी 10.4 फीसदी हिस्सेदारी 2,713 करोड़ रुपये में बेची. अलीबाबा ग्रुप की फिनटेक कंपनी Ant Financial ने पेटीएम में 2,104 करोड़ रुपये के शेयर की बिक्री की. इसके अलावा, KFin टेक्नोलॉजीज में General Atlantic ने 1,790 करोड़ रुपये, KPR मिल में प्रमोटर्स ने 1,231 करोड़ रुपये और पीजी इलेक्ट्रोप्लास्ट में 1,132 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं.

क्रमांककंपनी का नामविक्रेता/प्रमोटरबिक्री राशि (₹ करोड़ में)
1ITCBritish American Tobacco₹12,941
2भारती एयरटेलPastel Ltd (Singtel सहयोगी)₹12,880
3इंडिगो (InterGlobe)राकेश गंगवाल और परिवार₹11,564
4PNB हाउसिंगCarlyle की सहयोगी कंपनी₹2,713
5पेटीएम (One97 Comm.)Ant Financial (Alibaba की फिनटेक कंपनी)₹2,104
6KFin टेक्नोलॉजीजGeneral Atlantic₹1,790
7KPR मिलप्रमोटर्स₹1,231
8PG इलेक्ट्रोप्लास्टप्रमोटर्स₹1,132

आगे भी जारी रह सकता है ट्रेंड

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, विशेषज्ञों का मानना है कि यह ट्रेंड तब तक जारी रह सकता है जब तक बाजार में सकारात्मक माहौल बना रहता है और कोई बड़ा आर्थिक या राजनीतिक संकट नहीं आता. घरेलू निवेशक, विदेशी फंड्स की वापसी, बेहतर कॉर्पोरेट नतीजे और मजबूत आर्थिक संकेतों के चलते इक्विटी डील्स में तेजी देखी जा रही है. इस साल के दूसरे हिस्से में IPO, फॉलो-ऑन ऑफर और ब्लॉक डील्स की संख्या पहले से कहीं ज्यादा होने की उम्मीद है. कई कंपनियों को पहले ही सेबी से मंजूरी मिल चुकी है और कई दूसरी कंपनियां फंड जुटाने की प्लानिंग कर रही हैं.

प्रमोटर्स क्यों घटाते हैं हिस्सेदारी?

मई महीने में निफ्टी 50 इंडेक्स में 2.05 फीसदी की बढ़त हुई है, जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में क्रमशः 6.5 फीसदी और 9.2 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रमोटर्स की ओर से सबसे ज्यादा हिस्सेदारी बेची गई थी. हालांकि प्रमोटर शेयर खरीदे तो उसे सकारात्मक संकेत माना जाता है, लेकिन हिस्सेदारी घटाने के पीछे कई वजहें हो सकती हैं- मुनाफा कमाना, कर्ज चुकाना, या नए बिजनेस में निवेश करना. 

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