PSU स्टॉक GRSE ने जून में छुआ था 3538 रुपये का शिखर, अब टूटा 26%; ये है गिरावट की 5 बड़ी वजहें
13 जून को एक सरकारी डिफेंस कंपनी ने निवेशकों को झटपट मुनाफा दिलाया था. स्टॉक ऐसा दौड़ा कि कुछ ही हफ्तों में रिटर्न 60 फीसदी तक पहुंच गया. लेकिन अब वही स्टॉक लड़खड़ा गया है. कुछ तो ऐसा हुआ है जिसने निवेशकों को हैरान कर दिया है…पूरा मामला जानने के लिए पढ़ें पूरी रिपोर्ट.
Why is garden reach falling?: 13 मई को जब डिफेंस सेक्टर की सरकारी कंपनी गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) का शेयर 9 फीसदी की छलांग के साथ 3158 रुपये के स्तर को छू गया था, उसके कुछ ही दिन बाद यानी 23 जून को स्टॉक ने अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जो था 3538 रुपये, तब निवेशकों में जबरदस्त जोश था. कंपनी के शेयर जब लगातार चढ़ने लगे तो लोग इसे डिफेंस सेक्टर का रॉकेट स्टॉक कहने लगे थे.
लेकिन आज, महज डेढ़ महीने बाद GRSE का शेयर करीब 2612 रुपये पर आ चुका है, यानी 26 फीसदी की गिरावट. अब सवाल ये है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि एक चमकता सितारा अचानक मद्धम पड़ गया? इसी सवाल का जवाब इस रिपोर्ट में आपको मिलेगा.
- ईरान-इजराइल सीजफायर ने गिरा दिया डिफेंस शेयरों का जोश
24 जून 2025 को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी घटना हुई- ईरान और इजराइल के बीच युद्धविराम की घोषणा. इस शांति समझौते ने डिफेंस सेक्टर के लगभग सभी शेयरों में भारी गिरावट ला दी. GRSE का शेयर उस दिन करीब 7 फीसदी टूटकर 3,251 रुपये पर आ गया. सिर्फ उसी दिन स्टॉक ने 6.4 फीसदी की गिरावट झेली.
इस शांति समझौते ने बाजार में यह संकेत दिया कि अब डिफेंस कंपनियों के लिए नए ऑर्डर और अंतरराष्ट्रीय टेंशन से जुड़ी डिमांड घट सकती है. इसी वजह से निवेशकों ने तेजी से मुनाफावसूली शुरू कर दी, और GRSE समेत डिफेंस सेक्टर के दूसरे शेयर लुढ़क गए.
- ASM लिस्टिंग से घटा निवेशकों का भरोसा
BSE और NSE दोनों ने GRSE को ASM (Additional Surveillance Measure) लिस्ट में डाल दिया है. ASM फ्रेमवर्क उन शेयरों पर लागू किया जाता है जिनमें असामान्य उतार-चढ़ाव या ट्रेडिंग पैटर्न नजर आता है. इसके तहत शेयरों पर 100 फीसदी मार्जिन की जरूरत होती है और इंट्राडे लेवरेज भी सीमित हो जाती है. इससे छोटे निवेशक दूरी बनाने लगते हैं. GRSE का ASM में जाना निवेशकों के लिए निगेटिव सिग्नल बना.
- तेज रैली के बाद आई मुनाफावसूली
GRSE ने मई-जून के बीच जबरदस्त रैली की थी. सिर्फ एक महीने में शेयर 60 फीसदी से ज्यादा चढ़कर 23 जून को 3,538 रुपये का ऑल टाइम हाई बना चुका था. मार्केट एक्सपर्ट्स ने तब ही चेताया था कि स्टॉक ‘ओवरबॉट जोन’ में पहुंच गया है और अब मुनाफावसूली की संभावना बढ़ रही है. हुआ भी वही, निवेशकों ने प्रॉफिट बुकिंग शुरू की और शेयर धीरे-धीरे फिसलने लगा.
- डिफेंस सेक्टर में व्यापक गिरावट
जुलाई 2025 के दौरान पूरा डिफेंस सेक्टर सुस्त पड़ गया. Nifty India Defence Index जून के हाई से 15 फीसदी टूट चुका है, और इसके लगभग आधे शेयर ‘oversold’ कैटेगरी में चले गए हैं. GRSE भी इस सेक्टर की गिरावट से अछूता नहीं रहा. 29 जुलाई तक लगातार 3 दिन में शेयर 5 फीसदी से ज्यादा लुढ़का.
- रिटेल निवेशकों ने भी मोड़ा मुंह
GRSE में रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी मार्च 2025 में 16.72% थी जो जून 2025 में घटकर 14.89 फीसदी रह गई. निवेशकों की संख्या भी 4.04 लाख से घटकर 3.97 लाख पर आ गई. यानी 7,000 से ज्यादा निवेशक बाहर हो चुके हैं, जो साफ तौर पर गिरते भरोसे का संकेत देता है.
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एक के बाद एक झटकों से टूटा स्टॉक
13 जून को GRSE का शेयर 3069.30 रुपये पर था, जो 23 जून को 3,492.70 रुपये तक गया. लेकिन 24 जून से शुरू हुई गिरावट ने इसे 31 जुलाई तक 2,622 रुपये तक ला दिया. यानी सिर्फ 5 हफ्तों में करीब 25 फीसदी का नुकसान. युद्धविराम, अनुबंध रद्द होना, ASM लिस्टिंग, ओवरवैल्यूएशन और सेक्टरवाइड करेक्शन- इन सभी वजहों ने मिलकर GRSE के निवेशकों की कमर तोड़ दी.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.