दिल्ली में सामने आया SIM घोटाला, एक ही ID पर जारी हुई सैकडों SIM; CBI जांच में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा
CBI ने एक दिल्ली की फर्म के खिलाफ FIR दर्ज कर जांच शुरू की है जिस पर 20 हजार से ज्यादा बल्क SIM कार्ड गलत तरीके से लेने और उन्हें साइबर अपराधों में इस्तेमाल करने का आरोप है. फर्म ने DoT नियमों का उल्लंघन कर SIM Box ऑपरेशनों, डिजिटल अरेस्ट ठगी, IMEI टैंपरिंग और फर्जी कॉलिंग के लिए कनेक्शन बेचे.
Cyber Crime: दिल्ली की एक फर्म द्वारा हजारों सिम कार्ड लेने और उन्हें कथित रूप से साइबर ठगों को उपलब्ध कराने के मामले में CBI ने FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. आरोप है कि कंपनी ने दूरसंचार विभाग के नियम तोड़कर 20 हजार से ज्यादा SIM कार्ड लिए और उन्हें SIM बॉक्स, डिजिटल अरेस्ट, फर्जी कॉल और वित्तीय धोखाधड़ी जैसे मामलों में इस्तेमाल किया गया. हजारों नंबरों पर देशभर से शिकायतें दर्ज हुई हैं. शुरुआती जांच में कई गंभीर खुलासे सामने आए हैं.
20 हजार से ज्यादा SIM कार्ड लेने का आरोप
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, CBI के अनुसार फर्म ने 2020 से 2025 के बीच कुल 20986 मोबाइल कनेक्शन लिए. 2024 और 2025 में ही कंपनी ने 7721 नए SIM कार्ड लिए थे. जांच में पाया गया कि इन सिम कार्ड का इस्तेमाल अलग- अलग राज्यों में फर्जी कॉल, डिजिटल अरेस्ट और अधिकारियों के नाम पर डराकर पैसे वसूलने जैसी गतिविधियों में किया गया.
चल रहा था साइबर फ्रॉड ऑपरेशन
CBI ने बताया कि कई सिम कार्ड एक साथ अलग अलग IMEI नंबर पर सक्रिय थे, जो SIM बॉक्स के इस्तेमाल की पुष्टि करता है. SIM बॉक्स एक ऐसा उपकरण है जो कई सिम कार्ड में एक साथ कॉल कर सकता है और कॉल की पहचान छिपा सकता है. इससे फर्जी अंतराष्ट्रीय कॉल, VoIP टर्मिनेशन और ऑटोमेटेड मेसेजिंग जैसे काम आसानी से किए जाते हैं. CDR जांच में एक सेकंड की ऑटो कॉलिंग, IMEI बदलने और M2M कम्युनिकेशन के स्पष्ट संकेत मिले हैं.
189 मोबाइल नंबर एक ही फर्म से जुड़े
संचार साथी पोर्टल पर इस फर्म से जुड़े 189 नंबरों पर 210 शिकायतें दर्ज हुई हैं. कई नंबरों पर NCRP पोर्टल में साइबर क्राइम शिकायतें भी मिली हैं. CBI ने पाया कि 1000 नंबर सिर्फ 143 लोगों के नाम पर जारी किए गए, जबकि कई मामलों में 10 लोगों के नाम पर 90 SIM कार्ड जारी किए गए. यानी फर्जी एंड यूजर लिस्ट और एक ही आईडी पर कई SIM कार्ड जारी किए गए.
फर्जी अधिकारी बनकर की जाती थी ठगी
जांच में सामने आया कि इन SIM कार्ड से ठग TRAI, पुलिस, और अन्य सरकारी एजेंसी का अधिकारी बनकर कॉल करते थे. इन कॉल्स के माध्यम से लोगों को डराकर उनसे पैसे वसूले जाते थे. ऐसे कई मामलों में पीड़ितों ने शिकायत दर्ज कराई, जिस पर CBI ने प्राथमिकी दर्ज की है.
यह भी पढ़ें- भारत में नहीं शुरू हुई स्टारलिंक की सर्विस, कंपनी ने जारी की सफाई, कहां- तकनीकी गड़बड़ी से दिखी प्लान की कीमत
दिल्ली और नोएडा से संचालित था नेटवर्क
SIM कार्ड के CDR लोकेशन से पता चला कि इनका संचालन दिल्ली में कंपनी के पते और नोएडा के एक ऑफिस से किया जा रहा था. कई स्मार्ट डिवाइस, SIM बॉक्स और इंटरनेट आधारित सेटअप के इस्तेमाल की आशंका है. CBI ने कहा कि यह पूरा नेटवर्क संगठित साइबर क्राइम को बढ़ावा देने में इस्तेमाल किया गया.