आपके फोन में छिपा है साइबर ठग का एजेंट, ठगी से पहले दिखाएं बाहर का रास्ता, सरकार ने जारी की चेतावनी

डिजिटल युग में स्मार्टफोन ने जिंदगी आसान की, लेकिन छुपा मालवेयर अब लाखों यूजर्स की नींद उड़ा रहा है. हैकर्स नकली बैंकिंग पेज और संदिग्ध लिंक के जरिए खातों को खाली कर रहे हैं और वो भी बिना यूजर्स को भनक लगे. साइबर दोस्त ने सतर्कता बरतने की सलाह दी है.

Hidden Malware Scam Image Credit: @Grok

Hidden Malware Scam: हैकर्स की एक नई चाल हिडन मालवेयर के जरिए देशभर के लाखों स्मार्टफोन यूजर्स की नींद उड़ा दी है. गृह मंत्रालय की वेबसाइट साइबर दोस्त ने भी इसे लेकर यूजर्स से सावधान रहने का कहा है. ये ठगी का ऐसा तरीका है जिसमें पीड़ित को पता चले बिना ठगी हो जाती है, क्योंकि उसे पता ही नहीं होता है कि उसके फोन या लैपटॉप में कोई मालवेयर भी है. यह मालवेयर उपयोगकर्ताओं की पहुंच से बिल्कुल छुपा रहता है और उनकी बैंकिंग से संबंधित जानकारी चुराकर खाते खाली कर सकते हैं.

यह ठगी होता कैसे है?

ठग यूजर्स को बैंक, कूरियर कंपनी (जैसे फ्लिपकार्ट, अमेजन), या सरकारी संस्था (आयकर विभाग) के नाम से भेजे गए ईमेल या एसएमएस के जरिए बेवकूफ बनाते हैं. इन मैसेज में एक लिंक दिया होता है. उस लिंक पर क्लिक करते ही या तो यजर्स के डिवाइस पर एक संदिग्ध ऐप (APK फाइल) डाउनलोड हो जाता है, या एक नकली वेबसाइट खुलती है जो लॉगिन क्रेडेंशियल्स चुरा लेती है.

एक बार इंस्टॉल होने के बाद, यह मालवेयर पर्दे के पीछे काम करना शुरू कर देता है. यह असली बैंकिंग ऐप्स के ऊपर एक नकली लॉगिन स्क्रीन दिखाता है. जब यूजर अपना यूजर आईडी, पासवर्ड और यहां तक कि एमपीआईएन डालता है, वह जानकारी सीधे हैकर्स के सर्वर पर पहुंच जाती है. इस जानकारी का इस्तेमाल कर हैकर उस व्यक्ति के बैंक खाते से पैसे ट्रांसफर कर देते हैं या ऑनलाइन खरीदारी कर डालते हैं. यह सब कुछ यूजर को पता भी नहीं चलता.

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खुद को कैसे बचाएं?

शिकायत कहां और कैसे करें?

अगर आप ऐसी ठगी का शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत अपने बैंक की कस्टमर केयर को फोन करके अपने अकाउंट को ब्लॉक/फ्रीज करवाएं. राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (National Cyber Crime Reporting Portal) पर आप ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इसके साथ ही आप सीधे 1930 (National Cyber Crime Helpline Number) पर कॉल करके ठगी की शिकायत कर सकते हैं. यह नंबर पूरे भारत में काम करता है. आप नजदीकी पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर (FIR) दर्ज करा सकते हैं. ध्यान रहे, साइबर ठगी की एफआईआर दर्ज कराना आपका कानूनी अधिकार है.

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