आ गया साइबर फ्रॉड का नया तरीका, हो जाएं सावधान; वरना लग सकता है चूना

डिजिटल अरेस्ट स्कैम एक साइबर धोखाधड़ी है, जिसमें अपराधी सरकारी अधिकारी बनकर लोगों को फर्जी अरेस्ट वारंट का डर दिखाकर पैसे ऐंठते हैं. वे वीडियो कॉल, फर्जी पुलिस स्टेशन और तत्काल भुगतान की मांग जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं. इससे बचने के लिए सतर्क रहें, सरकारी एजेंसियों से सत्यापन करें और संदिग्ध कॉल की रिपोर्ट करें.

डिजिटल अरेस्ट स्कैम एक साइबर धोखाधड़ी है. Image Credit:

Digital Arrest: डिजिटल युग में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं और इसमें डिजिटल अरेस्ट स्कैम सबसे खतरनाक धोखाधड़ी में से एक बन चुका है. इसमें अपराधी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को डराने और उनसे पैसे ऐंठने की कोशिश करते हैं. यदि आपको कभी किसी सरकारी एजेंसी से कॉल या मैसेज आया हो जिसमें आपसे तुरंत पेमेंट करने या निजी जानकारी शेयर करने के लिए कहा गया हो, तो यह स्कैम हो सकता है. आइए समझते हैं कि यह स्कैम क्या है, कैसे काम करता है और इससे बचाव के लिए आपको क्या करना चाहिए.

डिजिटल अरेस्ट स्कैम क्या है?

यह एक साइबर फ्राड है, जिसमें स्कैमर झूठा दावा करते हैं कि आपके खिलाफ डिजिटल अरेस्ट वारंट जारी हुआ है. वे कस्टम्स, इनकम टैक्स विभाग या केंद्रीय जांच एजेंसियों के अधिकारी बनकर आपसे पैसे मांगते हैं या आपकी पर्सनल जानकारी हासिल करने की कोशिश करते हैं.

क्या है स्कैम का तरीका

ये भी पढे़ें- आपकी पहचान ही चुरा लेते हैं हैकर्स, बच्चे भी निशाने पर; ऐसे हो रहा है खेल

डिजिटल अरेस्ट स्कैम से कैसे बचें?

यहां दर्ज कराएं शिकायत