डिजिटल अरेस्ट तक नहीं रूक रहे ठग! आपको लूट फिर आपके ही नाम पर चला रहे गोरखधंधा, ऐसे बचें
इन दिनों साइबर अपराधी डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) के दौरान म्यूल अकाउंट्स (mule accounts) का सहारा लेकर लोगों के करोड़ों रुपये उड़ा रहे हैं. वे कम उम्र और कम आय वर्ग के लोगों को निशाना बनाते हैं. आइए जानते हैं कि यह अपराध कैसे अंजाम दिया जाता है और हम इससे कैसे बच सकते हैं.
साइबर अपराधी दिन-प्रतिदिन लोगों को ठगने के नए तरीके ईजाद कर रहे हैं. पिछले कई वर्षों में भारत में साइबर अपराध के मामलों में वृद्धि हुई है. 2024 में देश में 1.23 लाख से अधिक साइबर क्राइम के मामले दर्ज किए गए, जिनमें कुल 1,935 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. ये अपराधी विशेषकर कम उम्र के लोगों को निशाना बनाते हैं. हाल ही में गुरुग्राम से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें अपराधी वीडियो कॉल के माध्यम से लोगों को डराकर उनके बैंक अकाउंट के विवरण मांगते हैं, और कुछ ही मिनटों में उनके खाते से पैसे निकाल लेते हैं.
28 खातों से 6 करोड़ रुपये की चपत
इंडियन एक्सप्रेस ने 44 वर्षीय विज्ञापन कार्यकारी से जुड़े एक मामले की जांच की. यह घोटाला NCR के एक आलीशान अपार्टमेंट से शुरू होकर हरियाणा से होते हुए हैदराबाद तक पहुंच गया. इसकी जड़े 15 राज्यों तक फैल गई. इस घोटाले में जालसाजों ने लगभग 6 करोड़ रुपये की चपत लगाई. यह रकम 28 खातों से उड़ाया गया और फिर 141 बैंक खातों में भेजा गया. इसलिए अनजान नंबर से आए वीडियो कॉल को रिसीव करने से बचें.
कम उम्र के लोगों को निशाना बना रहे अपराधी
जांच से पता चला कि कैसे साइबर क्रिमिनल कम आय और उम्र वाले लोगों को मनी म्यूल के रूप में इस्तेमाल करते हैं. बड़ी रकम कुछ ही सेकंड में ट्रांसफर कर दी जाती है. इनमें से कई लोगों को पता ही नहीं था कि उनके खातों का इस्तेमाल कोई और कर रहा है. इस बीच, इन ट्रांजैक्शन को ट्रैक करने के लिए जिम्मेदार लोगों ने या तो साइन को नजरअंदाज कर दिया या सीधे तौर पर इसमें शामिल थे. IE की रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ एक व्यक्ति ने ही धोखाधड़ी की कुल राशि का 75 फीसदी रिकवर कर पाया.
म्यूल अकाउंट से हो रहा स्कैम
डिजिटल अरेस्ट स्कैम अक्सर एक या दो दिन में पूरे हो जाते हैं. जब तक पीड़ता को पता चलता है कि उनके साथ कुछ गड़बड़ हो रहा तब तक जालसाज अलग-अलग राज्यों में फैले म्यूल अकाउंट से पैसे ट्रांसफर कर चुके होते हैं. कई मामलों में, घोटाले का पता चलने से पहले ही इन खातों से पैसे नकद भी निकाल लिए जाते हैं. ज्यादातर म्यूल अकांउट के पते फर्जी होते हैं. इसलिए पुलिस के लिए यह पता लगा पाना बहुत मुश्किल हो जाता है.
क्या होता है म्यूल अकाउंट?
म्यूल अकाउंट ऐसे बैंक खाते होते हैं जिनका इस्तेमाल अपराधी अवैध रूप से प्राप्त धन को छुपाने या ट्रांसफर करने के लिए करते हैं. कभी अन्य लोगों का अकाउंट तो इस्तेमाल होता, लेकिन जिसका अकाउंट इस्तेमाल होता है उसे इसकी जानकारी नहीं होती है.