दान-पुण्य के नाम पर लोगों को चकमा दे रहे साइबर चोर, फर्जी NGO के सहारे हो रही ठगी, डोनेशन से पहले अपनाएं ये तरीका

आजकल साइबर ठग फर्जी एनजीओ के नाम पर लोगों की दान करने की भावना का फायदा उठाकर लोगों से ठगी कर रहे हैं. भावुक कहानियां, बच्चों की तस्वीरें और आपदा की कहानी सुनाकर छोटी-छोटी रकम मांगकर लाखों की ठगी कर रहे हैं. गृह मंत्रालय के साइबर दोस्त ने वीडियो जारी कर चेतावनी दी है कि बिना जांचे दान न करें, वरना पूरा अकाउंट खाली हो सकता है.

NGO cyber fraud Image Credit: @AI/Money9live

आपने साइबर ठगी के तमाम तरीकों के बारे में सुना होगा, लेकिन साइबर ठगी का हालिया मामला आपको हैरान कर देगा. अब साइबर चोर लोगों को NGO का सहारा लेकर ठग रहे हैं. दान और सहायता की भावनाओं का फायदा उठाकर साइबर ठग इन दिनों फर्जी NGO के नाम पर लोगों को चपत लगा रहे हैं. सोशल मीडिया और फोन कॉल के जरिए वे भावुक अपील करके पैसे ऐंठ रहे हैं. इस बढ़ते खतरे को देखते हुए गृह मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाली संस्था साइबर दोस्त ने एक वीडियो जारी कर लोगों को सतर्क किया है. इस वीडियो में ठगों के हथकंडों को बारीकी से समझाया गया है.

ये ठगी होती कैसी है?

ठग सोशल मीडिया पर फर्जी एनजीओ के नाम से पेज बनाते हैं. गरीब बच्चों, बीमार लोगों या आपदा पीड़ितों की दर्दनाक तस्वीरें और कहानियां पोस्ट करते हैं. इसके बाद व्हाट्सएप, फोन या मैसेज के जरिए दान करने के लिए कहते हैं. वे छोटी रकम जैसे 200-500 रुपये मांगते हैं ताकि लोग बिना सोचे ट्रांसफर कर दें. दान का लिंक या क्यूआर कोड भेजते हैं जो फर्जी होता है. एक बार पैसे चले गए या बैंक डिटेल्स शेयर हो गईं तो पूरा अकाउंट खाली हो सकता है.

बचाव के तरीके

किसी भी एनजीओ को दान देने से पहले उसका रजिस्ट्रेशन चेक करें. NGO दर्पण पोर्टल (ngodarpan.gov.in) पर उसकी वैधता देखें. फोन पर आए दान के रिक्वेस्ट पर कभी तुरंत भरोसा न करें. खुद एनजीओ की आधिकारिक वेबसाइट या फोन नंबर से संपर्क करें. अनजान लिंक या क्यूआर कोड पर क्लिक न करें. बैंक डिटेल्स, ओटीपी या यूपीआई पिन कभी शेयर न करें. दान हमेशा भरोसेमंद संस्था को सीधे उनके आधिकारिक खाते में करें.

कहां करें शिकायत?

ठगी का शिकार होने पर तुरंत cybercrime.gov.in पर जाएं. होम पेज पर “Report and Check Suspicious” सेक्शन में शिकायत दर्ज करें. आपात स्थिति में साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें. साइबर दोस्त ने अपने वीडियो में भी यही अपील की है कि संदेह होने पर बिना देर किए cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें ताकि पैसा रोका जा सके और ठग पकड़े जा सकें.