स्मार्टफोन में लगाते हैं 50 रुपये वाला टेम्पर्ड ग्लास, हो जाएं सावधान, वरना सस्ते के चक्कर में हो जाएगा ये बड़ा नुकसान
आजकल लोग स्मार्टफोन खरीदने के लिए तो बड़ी रकम खर्च कर देते हैं लेकिन कम दाम के चक्कर में लोग स्मार्टफोन के डिस्पले को सुरक्षित रखने वाला टेम्पर्ड ग्लास सस्ता लगवा लेते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि 50-100 रुपये में लगने वाला सस्ता टेम्पर्ड ग्लास आपके स्मार्टफोन को नुकसान पहुंचा सकता है. आइये इसके बारे में विस्तार से समझते हैं.
आजकल हर कोई स्मार्टफोन यूज करता है. लोग स्मार्टफोन लेने के साथ ही उसकी स्क्रीन को सुरक्षित रखने के लिए टेम्पर्ड ग्लास भी लगवाते हैं लेकिन मोबाइल में अच्छा पैसा खर्च करने के बाद कई लोग 50 से 100 रुपये वाले सस्ते टेम्पर्ड के चक्कर में पड़ जाते हैं. अगर आपने भी सस्ता टेम्पर्ड लगवाया है तो यह खबर आपके काम की हो सकती है क्योंकि सस्ता टेम्पर्ड ग्लास आपके मोबाइल फोन को नुकसान पहुंचा सकता है. हम आपको बताएंगे कि सस्ता टेम्पर्ड फोन कैसे नुकसान पहुंचाता है और इसे लगवाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
बाजार में हैं 2 तरह के टेम्पर्ड ग्लास
आजकल बाजार में 2 तरह के टेम्पर्ड ग्लास मिलते हैं. पहला ग्लास का और दूसरा प्लास्टिक का.
ग्लास का टेम्पर्ड
ग्लास टेम्पर्ड स्मूदली चलता है. दरअसल इस पर टच स्क्रीन अच्छे से काम करता है, लेकिन आपको अच्छी क्वॉलिटी पर ध्यान देना चाहिए.
प्लास्टिक का टेम्पर्ड
प्लास्टिक वाला टेम्पर्ड मजबूत होता है और स्क्रीन को बचाता है लेकिन प्लास्टिक का होने की वजह से इसमें स्क्रैच जल्दी आते जाते हैं. प्लास्टिक के स्क्रीन गार्ड पर धुंधलापन भी आता है. इन पर उंगलियों के निशान भी बनते हैं.
सस्ते के चक्कर में हो सकते हैं ये नुकसान
- ज्यादातर स्मार्टफोन्स में हाई-रिस्पॉन्सिव टच स्क्रीन होती है जो बहुत हल्के टच पर भी रिएक्ट करती है. अगर आप लोकल टेंपर्ड ग्लास लगवा लेते हैं जो मोटा या स्क्रीन के लिए नहीं बना होता, तो इससे टच रिस्पॉन्स में देरी आ सकती है. वहीं, इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर वाले फोन्स में यह दिक्कत और भी बढ़ सकती है.
- कर्व्ड डिस्प्ले वाले स्मार्टफोन्स में लोकल फ्लैट टेंपर्ड ग्लास ठीक से चिपकत नहीं है. यह किनारों से उखड़ने लगता है जिससे फोन का लुक खराब होता है और स्क्रीन सेफ नहीं रहती है. इसके अलावा ग्लास के नीचे बबल आ जाता है जिससे स्मार्टफोन को इस्तेमाल करने में परेशानी होती है. वहीं कई बार UV ग्लू यूज करने के चलते ग्लास ऐसे चिपक जाता है कि अलग ही नहीं होता और निकाला नहीं जा सकता जिससे डिस्प्ले भी खराब हो सकता है.
- सस्ते और घटिया क्वॉलिटी के टेंपर्ड ग्लास लगाने से स्क्रीन के असली रंग फीके पड़ जाते हैं. डिस्प्ले पीला या धुंधला भी दिखाई देने लगता है. इससे आपकी आंखों पर भी बुरा असर पड़ता है. कई स्मार्टफोन्स की स्क्रीन पर ओलेओफोबिक कोटिंग होती है. यह कोटिंग फिंगरप्रिंट, धूल और तेल को स्क्रीन पर टिकने नहीं देती है और खराब क्वॉलिटी का टेंपर्ड ग्लास लगाने से यह कोटिंग धीरे-धीरे हटने लगती है. जिससे स्क्रीन गंदी दिखने लगती है और उसे साफ करने में भी परेशानी होती है.
इसका रखें ध्यान
आपको हमेशा अपने फोन के मॉडल के हिसाब से ओरिजिनल या ब्रैंडेड टेंपर्ड ग्लास ही लेना चाहिए. अगर आपके फोन में कर्व्ड डिस्प्ले है तो केवल कर्व्ड-एज या 3D ग्लास ही लगवाना चाहिए. इस ग्लास का ट्रांसपरेंसी रेट कम-से-कम 99 प्रतिशत होना चाहिए. इससे डिस्प्ले की ब्राइटनेस और कलर क्वॉलिटी बरकरार रहती है. ग्लास की मोटाई भी ज्यादा नहीं होनी चाहिए. 0.3mm से ज्यादा मोटा टेंपर्ड ग्लास टच पर बुरा असर डाल सकता है. सस्ते के चक्कर में लोकल स्टोर से नहीं बल्कि भरोसेमंद ब्रैंड की वेबसाइट या भरोसेमंद दुकान से ही टेंपर्ड ग्लास खरीदना चाहिए.