फ्री फिल्म का शौक अब पड़ेगा महंगा! जेल और जुर्माने की होगी दोहरी मार, जानें पायरेटेड कंटेंट को लेकर निमय

सरकार ने सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) अधिनियम, 2023 के जरिए फिल्म पायरेसी पर सख्ती बरती है. अब बिना अनुमति फिल्म देखना, डाउनलोड करना या शेयर करना अपराध है, जिसमें तीन साल तक की जेल और 3 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. जानें क्या है ये कानून.

पायरेसी को लेकर क्या हैं नियम Image Credit: @Money9live

Pirated Content Rule and Law: अगर आप नई फिल्में टेलीग्राम या किसी वेबसाइट से फ्री में डाउनलोड करते हैं या थिएटर में रिकॉर्ड की गई फिल्में ऑनलाइन देखते हैं, तो अब आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. सरकार ने पायरेसी को रोकने के लिए एक कानून में सख्ती की है, जिसमें न सिर्फ फिल्म बनाने वालों की सुरक्षा की गई है, बल्कि पायरेसी में शामिल दर्शकों को भी सजा देने का प्रावधान है. यह कानून है सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) अधिनियम, 2023, जिसे संसद ने जुलाई 2023 में पास किया था. कानून और सजा को जानने से पहले आइए समझते हैं कि पायरेसी होती क्या है.

पायरेसी क्या है?

पायरेसी का मतलब है किसी फिल्म, वेब सीरीज या दूसरे वीडियो कंटेंट को बिना अनुमति के रिकॉर्ड करना, शेयर करना या देखना. उदाहरण के तौर पर:

  • किसी फिल्म को थिएटर में मोबाइल से रिकॉर्ड करना
  • उस रिकॉर्डिंग को इंटरनेट पर डालना
  • टेलीग्राम या वेबसाइट्स से डाउनलोड करना या देखना
  • ये सभी काम पायरेसी की श्रेणी में आते हैं और अब यह कानूनन अपराध हैं.

क्या है कानून?

संसद ने जुलाई 2023 में सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) अधिनियम, 2023 को पास किया. इस कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी फिल्म को बिना इजाजत रिकॉर्ड करता है या उसे इंटरनेट पर अपलोड करता है, तो यह एक गंभीर अपराध माना जाएगा. यहां तक कि अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर पायरेटेड फिल्म देखता या डाउनलोड करता है, तो उसे भी दोषी माना जा सकता है. इस कानून के तहत दोषी पाए जाने पर तीन साल तक की जेल या तीन लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. खास बात यह है कि यह अपराध अब संज्ञेय (Cognizable) और गैर-जमानती माना गया है. यानी पुलिस अब बिना वारंट के भी ऐसे मामलों में गिरफ्तारी कर सकती है.

पायरेसी के कारण होता है बड़ा नुकसान

भारत में हर साल फिल्म पायरेसी के कारण हजारों करोड़ रुपये का नुकसान होता है. फिल्म रिलीज होते ही वह टेलीग्राम चैनलों, वेबसाइट्स या अवैध ऐप्स पर लीक हो जाती है, जिससे सिनेमाघरों और OTT प्लेटफॉर्म्स को बड़ा घाटा होता है. सरकार का मानना है कि यह कानून रचनात्मक लोगों, जैसे लेखक, निर्देशक, अभिनेता और तकनीकी टीम की मेहनत को सुरक्षित रखने के लिए बेहद जरूरी था. सरकार अब पायरेसी रोकने के लिए तकनीकी उपाय भी अपना रही है. साइबर सेल, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर और डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए पायरेटेड वेबसाइट्स को ब्लॉक किया जा रहा है. टेलीग्राम और सोशल मीडिया पर निगरानी बढ़ा दी गई है. कुछ चैनल्स को पहले ही बंद करवाया जा चुका है.

क्या करें दर्शक?

अगर आप मनोरंजन का आनंद लेना चाहते हैं, तो हमेशा कानूनी और अधिकृत माध्यमों का ही इस्तेमाल करें. Netflix, Amazon Prime, JioCinema, Disney+ Hotstar जैसे प्लेटफॉर्म पर प्लान्स खरीद कर आप तमाम कंटेंट का फायदा उठा सकते हैं. पायरेटेड कंटेंट देखना अब “छोटी गलती” नहीं बल्कि कानूनी अपराध है, जिसकी सजा तय है. इसलिए अगली बार अगर कोई टेलीग्राम या वेबसाइट पर आपको नई फिल्म का फ्री लिंक भेजे, तो उसे न खोलें. क्योंकि एक क्लिक आपकी जेब और आजादी दोनों को महंगा पड़ सकता है.

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