NPCI का बड़ा फैसला! 31 जुलाई से बदल जाएगा UPI का तरीका; बैलेंस चेक समेत 10 सेवाओं पर लगेगी लिमिट
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने सभी बैंकों और पेमेंट ऐप्स को निर्देश दिया है कि वे UPI नेटवर्क पर सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले 10 API की सर्विस को सीमित करें. 31 जुलाई 2025 से लागू होने वाले इस नियम के तहत यूजर एक दिन में अधिकतम 50 बार ही बैलेंस चेक कर सकेंगे. इसके अलावा ऑटोपे मेंडेट को लेकर भी नियम में बदलाव किए गए हैं.
UPI New Limit Rule Change: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी की है. सर्कुलर में NPCI ने सभी बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (PSPs) जैसे Paytm, PhonePe को एक जरूरी निर्देश दिया है जिसका असर सभी यूपीआई सर्विस इस्तेमाल करने वाले यूजर्स पर पड़ने वाला है. UPI की जिम्मेदारी संभालने वाली कंपनी NPCI ने कहा कि यूपीआई प्लेटफार्म को अपने UPI नेटवर्क पर सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले 10 API (एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) के इस्तेमाल को सीमित और कंट्रोल करना होगा.
इन 10 API में बैलेंस इंक्वायरी, Autopay Mandate, ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक जैसी सर्विसेज शामिल हैं. अब ग्राहक इन सेवाओं का इस्तेमाल एक तय सीमा के भीतर ही कर पाएंगे. यह नया नियम 31 जुलाई 2025 से लागू होगा.
बैलेंस चेक पर लिमिट तय
NPCI के मुताबिक, अब एक यूजर किसी भी एक ऐप से एक दिन में अधिकतम 50 बार ही बैलेंस चेक कर सकता है. यानी अगर आप पेटीएम और फोनपे दोनों इस्तेमाल करते हैं तो दोनों पर अलग-अलग 50 बार बैलेंस जांच की जा सकती है. साथ ही, NPCI ने यह भी कहा है कि बैंकों को हर सफल ट्रांजैक्शन के साथ ही यूजर का उपलब्ध बैलेंस बताना होगा ताकि बार-बार बैलेंस चेक करने की आवश्यकता न पड़े.
तय समय में होगा Autopay Mandate
UPI पर चलने वाला ऑटोपे मैंडेट (जैसे Netflix सब्सक्रिप्शन, SIP के लिए) अब केवल नॉन-पीक घंटों में ही प्रोसेस किया जाएगा. हर मैंडेट के लिए अधिकतम 1 प्रयास किया जाएगा जिसमें 3 बार रिट्राई की अनुमति होगी. अगर कोई ट्रांजैक्शन अटक जाता है तो बैंक या PSP अब 90 सेकंड तक इंतजार करने के बाद ही पहली बार उसका स्टेटस चेक कर सकते हैं. और हर दो घंटे में अधिकतम तीन बार ही स्टेटस चेक किया जा सकता है. कुछ खास एरर कोड मिलने पर ट्रांजैक्शन को फेल मानकर दोबारा स्टेटस चेक नहीं किया जाएगा.
लिंक्ड अकाउंट की जानकारी भी सीमित
यूजर अब किसी भी UPI ऐप से एक दिन में केवल 25 बार ही यह देख पाएंगे कि उनके मोबाइल नंबर से कौन-कौन से बैंक अकाउंट जुड़े हुए हैं. यह भी तभी होगा जब ग्राहक खुद बैंक को सेलेक्ट करे और उसकी सहमति से ही यह प्रोसेस दोबारा हो पाएगा. इससे इतर हर एक्वायरिंग बैंक को साल में एक बार CERT-In की ओर से मान्यता प्राप्त ऑडिटर्स से सिस्टम का ऑडिट कराना होगा. पहली ऑडिट रिपोर्ट 31 अगस्त 2025 तक जमा करनी अनिवार्य होगी. NPCI ने साफ किया है कि इन 10 API में से केवल एक (ऑटोपे मैंडेट) ही फाइनेंशियल है. बाकी 9 API नॉन-फाइनेंशियल हैं. इसलिए ट्रांजैक्शन जैसे पैसे भेजना या प्राप्त करना, इन सीमाओं से प्रभावित नहीं होंगे.
ये भी पढ़ें- WhatsApp पर आ रहें मीम्स से हो जाएं सावधान, खाली हो जाएगा ‘बैंक अकाउंट’; ऐसे करें पहचान