हर स्मार्टफोन में होगा सरकारी साइबर सेफ्टी ऐप, सरकार ने कंपनियों को दी 90 दिन की मोहलत, Apple की बढ़ीं मुश्किलें
यह आदेश ऐसे समय में आया है जब केवल अक्टूबर महीने में ही इस ऐप की मदद से 50,000 चोरी या गुम मोबाइल बरामद किए जा चुके हैं और जनवरी से अब तक कुल 700,000 से अधिक फोन वापस मिल चुके हैं. Reuters की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि Apple, Samsung, Vivo, Oppo और Xiaomi जैसी कंपनियों को 90 दिनों के भीतर सुनिश्चित करना होगा.
देश में बढ़ते साइबर फ्रॉड, चोरी हुए मोबाइल और धोखाधड़ी वाले IMEI नंबरों के मामलों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. इसी बैकड्रॉप में केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए स्मार्टफोन कंपनियों को आदेश दिया है कि वे हर नए स्मार्टफोन में सरकारी साइबर सेफ्टी ऐप Sanchar Saathi को पहले से इंस्टॉल करके बेचें. यह ऐप फोन में रहेगी और यूजर इसे डिलीट या डिसेबल नहीं कर पाएंगे. यह आदेश ऐसे समय में आया है जब केवल अक्टूबर महीने में ही इस ऐप की मदद से 50,000 चोरी या गुम मोबाइल बरामद किए जा चुके हैं और जनवरी से अब तक कुल 700,000 से अधिक फोन वापस मिल चुके हैं.
सरकार ने कंपनियों को 90 दिन का समय दिया
Reuters की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि Apple, Samsung, Vivo, Oppo और Xiaomi जैसी कंपनियों को 90 दिनों के भीतर सुनिश्चित करना होगा कि हर नया फोन Sanchar Saathi के साथ प्री-लोडेड आए. जो फोन कंपनियों की सप्लाई चेन में पहले ही मौजूद हैं, उन पर यह ऐप सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए भेजी जाएगी. हालांकि यह आदेश फिलहाल पब्लिक नहीं किया गया है, बल्कि चुनिंदा कंपनियों को निजी तौर पर भेजा गया है.
Apple के लिए सबसे बड़ी मुश्किल
भारत दुनिया का सबसे बड़ा फोन मार्केट है, जहां 1.2 बिलियन से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं. लेकिन इस फैसले पर सबसे बड़ा टकराव Apple से माना जा रहा है. क्योंकि कंपनी की इंटरनल पॉलिसी किसी भी सरकारी या थर्ड-पार्टी ऐप को फोन की बिक्री से पहले प्री-इंस्टॉल करने की अनुमति नहीं देती. Counterpoint की रिपोर्ट कहती है कि 2025 के मध्य तक भारत में मौजूद 735 मिलियन स्मार्टफोन्स में Apple की हिस्सेदारी लगभग 4.5 फीसदी रही है, जबकि बाकी Android पर आधारित हैं.
संचार साथी ऐप से कैसे पता लगाएं अपना फोन?
अगर आपका फोन चोरी हो गया है, तो सबसे पहले आप या तो संचार साथी का ऐप डाउनलोड करें या फिर इसकी साइट पर जाएं, जहां,
- चोरी या गुम हुए डिवाइस को ब्लॉक करने का ऑप्शन चुनें.
- फोन की जानकारी भरें जैसे कि कॉन्टैक्ट नंबर, IMEI नंबर, ब्रांड, और मॉडल.
- फोन खोने की लोकेशन और पुलिस शिकायत नंबर दर्ज करें.
- अपनी व्यक्तिगत जानकारी और आधार या पैन कार्ड अपलोड करें.
- रिक्वेस्ट सबमिट करें.
अगर आप अपना फोन वापस पा लेते हैं, तो आप संचार साथी पोर्टल पर जाकर इसे अनब्लॉक कर सकते हैं. आपको अपनी रिक्वेस्ट आईडी और कांटैक्ट डिटेल दर्ज करने होंगे.
क्या है सरकार का तर्क?
सरकार ने आदेश में कहा है कि फर्जी या डुप्लीकेट IMEI नंबरों से “टेलीकॉम साइबर सिक्योरिटी को गंभीर खतरा” पैदा होता है. यही IMEI नंबर चोरी हुए फोन की नेटवर्क ब्लॉकिंग, ट्रैकिंग और ब्लैकलिस्टिंग में सबसे अहम भूमिका निभाता है.
Sanchar Saathi ऐप से फोन यूजर्स को क्या सुविधाएं मिलेगी?
इस ऐप के जरिए यूजर्स को विशेष रुप में तीन सुविधाएं मिलेगी. इनमें,
- फोन का IMEI वेरिफाई करना.
- चोरी या गुम मोबाइल को ब्लॉक कराना.
- संदिग्ध कॉल की रिपोर्ट करना.
सरकार का कहना है कि इस ऐप को 5 मिलियन से अधिक डाउनलोड हो चुके हैं और लॉन्च के बाद से अब तक 3.7 मिलियन से अधिक चोरी या गुम मोबाइल ब्लॉक किए जा चुके हैं. इसके साथ ही 30 मिलियन से अधिक फ्रॉड कनेक्शन भी बंद कराए गए हैं. सरकार का दावा है कि यह ऐप साइबर फ्रॉड रोकने, चोरी हुए फोन का पता लगाने और ब्लैक मार्केट में नकली फोन के धंधे को रोकने में मदद कर रहा है.
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