Isurance claim का झांसा देकर बुजुर्गों से हो रही ठगी, सरकार की चेतावनी, सेफ रहने के लिए अपनाएं ये तरीका

बुजुर्गों को निशाना बनाने वाला एक नया साइबर फ्रॉड तेजी से बढ़ रहा है, जिसमें ठग फर्जी इंश्योरेंस क्लेम का झांसा देकर लाखों रुपये लूट रहे हैं. कॉल पर खुद को इंश्योरेंस कंपनी के प्रतिनिधि बताकर ये ठग प्रोसेसिंग फीस और OTP मांगते हैं, जिससे पीड़ित अपनी बचत खो बैठते हैं.

Cyber Fraud: कल्पना कीजिए, एक बुजुर्ग व्यक्ति घर पर आराम कर रहा हो और अचानक फोन की घंटी बज उठे. दूसरी तरफ से एक मधुर आवाज दावा करे कि आपका पुराना इंश्योरेंस क्लेम मंजूर हो गया है, बस थोड़ी-सी प्रोसेसिंग फीस जमा कर दें तो लाखों रुपये आपके खाते में आ जाएंगे. खुशी से आंखों में चमक आ जाएगी, लेकिन यह खुशी जल्द ही आंसुओं में बदल जाएगी जब पता चले कि यह सिर्फ एक चालाकी भरी ठगी थी. भारतीय साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के आधिकारिक हैंडल ‘साइबर दोस्त’ ने हाल ही में एक्स पर एक वीडियो पोस्ट कर इस नई साइबर स्कैम की चेतावनी दी है. ठग अब खासतौर पर बुजुर्गों को निशाना बना रहे हैं, जो इंश्योरेंस क्लेम के लालच में अपना सब कुछ खो बैठते हैं.

इंश्योरेंस क्लेम की आड़ में चल रही यह ठगी क्या है?

यह एक साइबर फ्रॉड है, जिसमें ठग इंश्योरेंस कंपनियों के नाम पर फर्जी क्लेम प्रक्रिया का झांसा देते हैं. साइबर दोस्त के अनुसार, ठग बुजुर्गों को फोन कर बताते हैं कि उनका कोई पुराना हेल्थ या लाइफ इंश्योरेंस क्लेम लंबे समय से पेंडिंग था, जो अब मंजूर हो गया है. वे लाखों रुपये का लालच दिखाते हैं, लेकिन क्लेम रिलीज करने के लिए छोटी-मोटी प्रोसेसिंग फीस या वेरिफिकेशन चार्ज मांगते हैं. यह रकम कभी 500 रुपये से शुरू होकर हजारों तक पहुंच जाती है. एक बार पैसे ट्रांसफर होने के बाद, ठग गायब हो जाते हैं.

ठगी कैसे होती है?

ठगों की यह प्रक्रिया बेहद सुनियोजित होती है. सबसे पहले, वे रैंडम नंबर्स या डेटा लीक से प्राप्त जानकारी के आधार पर बुजुर्गों को टारगेट करते हैं. कॉल आने पर खुद को इंश्योरेंस कंपनी का प्रतिनिधि बताते हुए, वे कहते हैं, सर, आपकी पॉलिसी नंबर XYZ के तहत क्लेम अप्रूव हो गया है. बस 999 रुपये की प्रोसेसिंग फीस UPI से भेज दें. साइबर दोस्त के वीडियो में दिखाया गया है कि ठग OTP मांगकर बैंक डिटेल्स चुरा लेते हैं या लिंक भेजकर फिशिंग साइट पर ले जाते हैं. अगर पीड़ित हिचकिचाए, तो वे दबाव डालते हैं – ‘यह ऑफर सिर्फ 24 घंटे का है, वरना क्लेम कैंसल हो जाएगा. कई बार वे वॉट्सऐप पर फर्जी डॉक्यूमेंट भेजते हैं, जो असली लगते हैं.

बचाव के तरीके

इस ठगी से बचना मुश्किल नहीं, बस थोड़ी सावधानी बरतनी होगी. सबसे महत्वपूर्ण, याद रखें कि कोई भी असली इंश्योरेंस कंपनी फोन पर प्रोसेसिंग फीस या OTP कभी नहीं मांगती. साइबर दोस्त की सलाह है कि संदिग्ध कॉल आने पर तुरंत कॉल काट दें और कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट या हेल्पलाइन से क्लेम स्टेटस खुद चेक करें. बुजुर्गों को सलाह दी जाती है कि वे परिवार के किसी सदस्य को कॉल डिटेल्स शेयर करें और UPI पिन या बैंक डिटेल्स कभी न दें. फोन पर आने वाले लिंक्स पर क्लिक न करें, क्योंकि वे मैलवेयर से भरे हो सकते हैं.