IIT मद्रास और ISRO ने मिलकर बनाई स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप, जानें खासियत

इस नए माइक्रोप्रोसेसर के महत्व के बारे में बताते हुए IIT मद्रास के निदेशक वी. कामकोटि ने कहा कि साल 2018 में RIMO और 2020 में MOUSHIK के बाद, यह तीसरी SHAKTI चिप है जिसे हमने SCL चंडीगढ़ में तैयार की है. उन्होंने कहा कि IIT मद्रास में इसको सफलतापूर्वक बूट किया गया है.

सेमीकंडक्टर चिप की सांकेतिक फोटो) Image Credit: @tv9

Semiconductor Chip: इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास (IIT मद्रास) और इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) ने एक एयरोस्पेस क्वालिटी वाली सेमीकंडक्टर चिप विकसित की है. सेमीकंडक्टर चिप SHAKTI प्रोसेसर पर आधारित है. खास बात यह है कि चिप स्वदेशी निर्मित है. यानी इसको पूरी तरह से भारत में ही डिजाइन, विकसित और बनाया गया है.

इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य माइक्रोप्रोसेसर-आधारित उत्पादों के स्वदेशी विकास को बढ़ावा देना है. यह यूजर्स को कस्टम प्रोसेसर डिजाइन करने के लिए RISC-V टेक्नोलॉजी, एक ओपन-सोर्स इंस्ट्रक्शन सेट आर्किटेक्चर (ISA) को अपनाकर बेहतर सुरक्षा और विश्वसनीय देने का काम करेगा.

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का समर्थन

SHAKTI माइक्रोप्रोसेसर प्रोजेक्ट का नेतृत्व IIT मद्रास के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग में प्रताप सुब्रह्मण्यम सेंटर फॉर डिजिटल इंटेलिजेंस एंड सिक्योर हार्डवेयर आर्किटेक्चर में वी कामाकोटी ने किया है. इसे केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा अपनी ‘डिजिटल इंडिया RISC-V’ पहल के तहत समर्थन दिया गया है.

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‘IRIS’ (इंडिजिनस RISCV कंट्रोलर फॉर स्पेस एप्लीकेशन) चिप को ‘SHAKTI’ प्रोसेसर बेसलाइन से विकसित किया गया है. इसका उपयोग इंटरनेट ऑफ थिंग्स से लेकर रणनीतिक जरूरतों के लिए कंप्यूट सिस्टम तक के डिफरेंट डोमेन में किया जा सकता है. एक बयान में कहा गया है कि यह डेवलपमेंट इसरो द्वारा अपने अप्लीकेशन्स, कमांड और कंट्रोल सिस्टम और अन्य महत्वपूर्ण कामों के लिए उपयोग किए जाने वाले सेमीकंडक्टरों को स्वदेशी बनाने के प्रयास का हिस्सा है.

IIT मद्रास के सहयोग से बनी चीप

तिरुवनंतपुरम में इसरो इनर्शियल सिस्टम यूनिट (IISU) ने 64 बिट आरआईएससी-वी-आधारित नियंत्रक के विचार का प्रस्ताव रखा. साथ ही आईआईएसयू ने सेमीकंडक्टर चिप की स्पेसिफिकेशन्स और डिजाइन को परिभाषित करने में IIT मद्रास के साथ सहयोग किया. फॉल्ट-टॉलरेंट इंटरनल मेमोरी को SHAKTI कोर से जोड़ा गया, जिससे डिजाइन की विश्वसनीयता बढ़ गई.

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क्या बोले IIT मद्रास के निदेशक

इस नए माइक्रोप्रोसेसर के महत्व के बारे में बताते हुए IIT मद्रास के निदेशक वी. कामकोटि ने कहा कि साल 2018 में RIMO और 2020 में MOUSHIK के बाद, यह तीसरी SHAKTI चिप है जिसे हमने SCL चंडीगढ़ में तैयार की है. उन्होंने कहा कि IIT मद्रास में इसको सफलतापूर्वक बूट किया गया है. चिप डिजाइन, चिप फैब्रिकेशन, चिप पैकेजिंग, मदरबोर्ड डिजाइन, फैब्रिकेशन, असेंबली, सॉफ्टवेयर और बूट भारत में ही हुए हैं.