भारत से साइबर रैकेट चला रहे थे जिम्बाब्वे के नागरिक, WHO के नाम पर 1.10 करोड़ का चूना, रहें अलर्ट

कोलकाता पुलिस ने एक बड़ी साइबर धोखाधड़ी का खुलासा करते हुए तीन जिम्बाब्वे नागरिकों को मोहाली से गिरफ्तार किया है.आरोप है कि इन्होंने एक फार्मा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी को कोला नट व्यापार के नाम पर 1.10 करोड़ रुपये की ठगी का शिकार बनाया.

पुलिस नेतीन जिम्बाब्वे नागरिकों को मोहाली से गिरफ्तार किया है. Image Credit: Jaap Arriens/NurPhoto via Getty Images

Cyber Fraud Zimbabwe Nationals: कोलकाता पुलिस ने एक बड़ी साइबर धोखाधड़ी का खुलासा करते हुए तीन जिम्बाब्वे नागरिकों को पंजाब के मोहाली से गिरफ्तार किया है. आरोप है कि इन्होंने एक फार्मा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी को कोला नट व्यापार के नाम पर 1.10 करोड़ रुपये की ठगी का शिकार बनाया.इस धोखाधड़ी में फर्जी ईमेल, अंतरराष्ट्रीय नंबर और विश्व स्वास्थ्य संगठन के नाम का दुरुपयोग किया गया. पुलिस की कार्रवाई में पंजाब पुलिस ने भी मदद की. पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है और गिरोह के अन्य सदस्यों के बारें में जानकारी इकट्टा कर रही है.

फर्जी दस्तावेजों से गढ़ा फ्रॉड का जाल

टाइम्स ऑफ इंडिया के रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपियों ने एक नामी ब्रिटिश फार्मा कंपनी और WHO के फर्जी लेटरहेड का इस्तेमाल करते हुए पीड़ित संदीप गुहा को एक कोला नट व्यापार में निवेश के लिए तैयार किया. कोला नट का उपयोग मानसिक बीमारियों की दवाओं में होता है, जिससे भरोसा और भी मजबूत हो गया.

1.10 करोड़ की ठगी

ठगों ने पहले व्हाट्सएप पर UK के नंबरों से संपर्क किया और फिर पूर्वोत्तर भारत के नकली व्यापारियों से मिलवाया. उन्होंने छोटी मात्रा में कोला नट की डिलीवरी कर विश्वास जमाया और पीड़ित से कई बार में 1.10 करोड़ रुपये अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करवा लिए.

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मोहाली से गिरफ्तारी

कोलकाता पुलिस की साइबर सेल और पंजाब पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए मोहाली के खारड़ क्षेत्र से तीनों आरोपियों को पकड़ा.इनके पास से 6 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप और कई बैंक दस्तावेज बरामद हुए हैं. पुलिस के अनुसार यह गिरफ्तारी भारत में चल रहे अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी नेटवर्क का संकेत है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच जारी है और देशभर में फैले ऐसे कई मामलों से इस गैंग के तार जुड़ सकते हैं. आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता लाया जाएगा और अन्य सहयोगियों की तलाश की जा रही है. मामला IT एक्ट और धोखाधड़ी की धाराओं के तहत दर्ज किया गया है.