आपका खोया मोबाइल, ठगों के लिए सोने की चिड़िया! ठगी से बचने के आसान टिप्स, चोरी होने पर तुरंत करें ये 5 काम
आज के डिजिटल युग में मोबाइल फोन हमारी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बन चुका है. यह मात्र संचार का साधन नहीं, बल्कि हमारा बैंक, वॉलेट, फोटो एल्बम और ऑफिस फाइल सब कुछ है. आधार, पैन, बैंकिंग एप्स, सोशल मीडिया और ईमेल जैसी संवेदनशील जानकारी इसमें होती है. मोबाइल खोने या चोरी होने पर न सिर्फ डिवाइस, बल्कि पहचान और पैसों का खतरा भी बढ़ जाता है.
आज के डिजिटल दौर में मोबाइल फोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. यह सिर्फ बातचीत का साधन नहीं बल्कि हमारी जेब में रखा बैंक, वॉलेट, फोटो एलबम और ऑफिस फाइल सब कुछ है. इसमें आधार, पैन, बैंकिंग एप्स, सोशल मीडिया अकाउंट और ईमेल तक की जानकारी मौजूद रहती है. ऐसे में अगर मोबाइल गुम हो जाए या चोरी हो जाए तो नुकसान सिर्फ फोन खोने का नहीं होता बल्कि आपकी पहचान और पैसों के दुरुपयोग का खतरा भी बढ़ जाता है. ठग ऐसे मौके पर आपके निजी डेटा का इस्तेमाल कर फर्जीवाड़ा करने में देर नहीं लगाते.
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ठगी कैसे होती है?
अक्सर चोर या ठग खोए हुए मोबाइल से बैंकिंग एप्स, वॉलेट और सोशल मीडिया अकाउंट्स तक पहुंच बना लेते हैं. पासवर्ड रीसेट करने के लिए ओटीपी का इस्तेमाल किया जाता है जो सिम के एक्टिव रहने पर आसानी से मिल जाता है. इसके बाद ठग आपके बैंक खाते से पैसे निकाल सकते हैं या आपके नाम से फर्जी लेनदेन कर सकते हैं. कई बार वे व्हाट्सऐप या मैसेंजर के जरिए आपके संपर्कों से पैसे भी उधार मांग लेते हैं.
ठगी से कैसे बचा जाए?
मोबाइल फोन खोने पर सबसे पहले अपने नंबर को तुरंत ब्लॉक कराएं ताकि ओटीपी का दुरुपयोग न हो सके. बैंकिंग और पेमेंट एप्स के पासवर्ड तुरंत बदलें. मोबाइल ट्रैकिंग और रिमोट डाटा डिलीट का विकल्प हमेशा ऑन रखें. स्क्रीन लॉक, बायोमेट्रिक लॉक और मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें.
ठगी के बाद कहां शिकायत करें?
अगर आपके मोबाइल से किसी तरह की ठगी हो गई है तो तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल (http://www.cybercrime.gov.in) पर शिकायत दर्ज करें. साथ ही नजदीकी पुलिस थाने में भी रिपोर्ट दर्ज कराना जरूरी है. बैंक या वॉलेट कंपनी की कस्टमर केयर टीम को तुरंत सूचित करें ताकि खाते को फ्रीज किया जा सके. खोया हुआ मोबाइल केवल एक डिवाइस नहीं बल्कि ठगी का जरिया भी बन सकता है. सतर्क रहकर और तुरंत कदम उठाकर ही इस खतरे से बचा जा सकता है.