दूध मंगाने पर भी अब हो रही ठगी! 1 लीटर ऑर्डर पर महिला ने गंवाए 18 लाख रुपये; कहीं आप तो नहीं अगला शिकार

आजकल क्विक कॉमर्स कंपनियों की सुविधा और ऑफर्स के कारण लोग छोटी चीजें भी ऑनलाइन ऑर्डर कर रहे हैं. लेकिन साइबर ठग इसका फायदा उठा रहे हैं. हाल ही में, मुंबई की एक 71 वर्षीय महिला ने 1 लीटर दूध के ऑर्डर में 18.5 लाख रुपये गंवा दिए. इस तरह के साइबर फ्रॉड से बचने के अपनाएं ये टिप्स.

Cyber Fraud on Milk Order Image Credit: Canva/ Money9

Cyber Fraud on Milk Order: क्विक कॉमर्स कंपनियां यूजर्स को इस हद तक सुविधा मुहैया करा रही है कि लोग छोटी से छोटी वस्तु दुकान से ना खरीद कर इन्हीं के डिजिटल प्लेटफॉर्म से ऑर्डर करते हैं. इसके पीछे की एक वजह इन कंपनियों का ऑफर और कूपन है. साइबर ठग उपभोक्ता के इसी लत का इस्तेमाल उन्हें ठगने में करते हैं. हाल ही में मुंबई में 71 साल की एक महिला को 1 लीटर दूध के बदले 18 लाख से अधिक रुपये गंवाने पड़े.

1 लीटर दूध की कीमत 18.5 लाख!

TOI की एक रिपोर्ट के अनुसार, वडाला में रहने वाली 71 साल की एक महिला को दीपक नाम के एक व्यक्ति का कॉल आया, जिसने खुद को एक दूध कंपनी का अधिकारी बताया. उसने महिला से कहा कि वह ऑनलाइन दूध ऑर्डर करने में मदद कर सकता है. फिर उसने महिला को एक लिंक भेजा और कॉल पर बने रहने को कहा. उसी दौरान पीड़िता का पर्सनल और बैंकिंग डिटेल्स चुराया गया. इसके बाद पीड़िता के तीन बैंक अकाउंट से एक के बाद ट्रांजैक्शन हुए जिसमें उसने 18.5 लाख गंवा दिया.

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इन टिप्स को फॉलो करके रहें सेफ

आप ‘क्विक कॉमर्स’ (जैसे Blinkit, Zepto, Swiggy Instamart आदि) कंपनियों के नाम पर होने वाले साइबर फ्रॉड से बचने के लिए इन टिप्स को फॉलो करें. इससे आप अपनी गाढ़ी कमाई बचा सकते हैं.

  • धोखाधड़ अक्सर फिशिंग लिंक या जाली ऐप्स (जैसे “icici.apk”) के माध्यम से शुरू होता है. उनसे बचने के लिए केवल आधिकारिक ऐप स्टोर (Google Play, App Store) से ही ऐप डाउनलोड करें और किसी संदिग्ध लिंक पर क्लिक ना करें.
  • “बहुत अधिक कैशबैक” या “असामान्य रूप से सस्ते दाम” वाले ऑफर अक्सर धोखाधड़ी के जाल होते हैं. ऐसे ऑफर देखकर तुरंत प्रतिक्रिया करने की बजाय खुद उस कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट या ऐप पर जाकर जांचें.
  • सुनिश्चित करें कि वेबसाइट का URL “https://” दर्ज कर रहा हो और उसमें लॉक आइकॉन मौजूद है कि नहीं. अगर नहीं है तो समझ लें ये रेड फ्लैग है.
  • बैलेंस और बैंक/UPI/क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट्स की जांच करते रहें, जिससे संदिग्ध गतिविधि समय रहते पहचानी जा सके.
  • यदि कोई अनऑथराइज्ड ट्रांजैक्शन दिखाई दे, तो तुरंत अपनी बैंक को रिपोर्ट करें.
  • DigiKavach — गूगल द्वारा चलाया गया ऑनलाइन फ्रॉड पहचान कार्यक्रम भी आपकी सुरक्षा में सहायक हो सकता है.

ठगी होने पर यहां करें रिपोर्ट

किसी साइबर अपराधी या ऑनलाइन धोखाधड़ी के शिकार होने पर नेशनल हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत करें और साथ ही भारत सरकार की वेबसाइट cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें. इससे इस बात की संभावना है कि आप खोई हुई रकम पा सकते हैं. इसके साथ आप राज्य साइबर क्राइम ब्रांच में भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. जैसे उत्तर प्रदेश में साइबर ठगी के शिकार होने वाले 112 पर कॉल करके इसकी जानकारी क्राइम ब्रांच को दे सकते हैं.

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