‘Godfather of AI’ बोले- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से अमीर होंगे बहुत अमीर, बाकी दुनिया होगी बेरोजगार

Artificial Intelligence (AI) के गॉडफादर कहे जाने वाले ज्योफ्री हिंटन 2024 के फिजिक्स के नोबेल विजेता हैं. वे लगातार AI से जुड़े जोखिम और खतरों को लेकर दुनिया को आगाह कर रहे हैं. हिंटन ने हाल में ही एक इंटरव्यू में विस्फोटक दावा करते हुए कहा है कि AI मानवता के सामने मौजूद सबसे बड़े खतरों में से एक है.

ज्योफ्री हिंटन Image Credit: Money9live

Geoffrey Hinton ने AI की वजह से बेरोजगारी और असमानता बढ़ने का दावा किया है. इसके साथ ही चेतावनी दी है कि AI मानवता के सामने मौजूद सबसे बड़ खतरों में से एक है. उन्होंने कहा कि AI की वजह से स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में बेहद चौंकाने वाले पॉजिटिव बदलाव आएंगे. लेकिन, AI की वजह से मानवता को इसके अस्तित्व के संकट का सामना भी करना पड़ सकता है, क्योंकि AI एक ऐसा ताकतवर हथियार है, तो एक बहुत ही औसत सी बुद्धि वाले व्यक्ति को परमाणु बननो की क्षमता दे ता है. Financial Times को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने उन तमाम जोखिमों के बारे में विस्तार से बताया, जो AI की वजह से मानवता के सामने आ सकते हैं. यहां, इस साक्षात्कार का सारांश दिया गया है.

बढ़ेगी बेरोजगारी और असमानता

नोबेल पुरस्कार विजेता ज्योफ्री हिंटन का कहना है कि AI से बड़े पैमाने पर बेरोजगारी बढ़ेगी और मुनाफा कुछ लोगों तक सीमित रहेगा. इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि यह असल में AI की वजह से नहीं, पूरी दुनिया में फैली मौजूदा पूंजीवादी व्यवस्था के कारण होगा.

गूगल छोड़ने का असली कारण

हिंटन ने बताया कि उन्होंने गूगल इसलिए छोड़ा, क्योंकि वे 75 वर्ष के हो चुके थे और पहले जैसी प्रोग्रामिंग नहीं कर पा रहे थे. उनका कहना है कि वे अब आराम करना चाहते थे और नेटफ्लिक्स पर देखने के लिए कई शो बाकी हैं. हालांकि, कई रिपोर्ट्स में यह भी दावे किए गए हैं कि हिंटन गूगल की तरफ से AI को लेकर किए जाने वाले प्रयोगों को बेहद खतरनाक मान रहे थे, जिसकी वजह से उन्होंने गूगल से दूरी बना ली थी.

AI से मानवता पर खतरा

हिंटन ने चेताते हुए कहा कि सुपरइंटेलिजेंट AI से मानवता खतरे में पड़ सकती है. जब उनसे पूछा गया कि AI से मानवता के अस्तित्व को कितना खतरा हो सकता है, तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि AI की जो मौजूदा क्षमताएं हैं, उन्हें देखते हुए कहा जा सकता है कि इसकी 10 से 20 फीसदी तक संभावना है कि AI भविष्य में मानव सभ्यता को खत्म कर दे.

AI के क्या खतरे संभव?

हिंटन का कहना है कि अगर AI को गलत लोग गलत इरादे से इस्तेमाल कर पाएं, तो यह तकनीक बेहद खतरनाक साबित हो सकती है. मसलन, कोई भी आम आदमी इसके जरिये बायो वैपन बना सकता है. यहां, तक कि एक औसत बुद्धि वाला व्यक्ति जिसके पास संसाधन और पैसे हों, वह आसानी से न्यूक्लियर बम बना सकता है. ऐसे में AI के इस्तेमाल को लेकर पूरी दुनिया में सख्त नीति के अभाव में हालात कब बिगड़ जाएं कुछ कहा नहीं जा सकता है.

क्या अच्छा हो सकता है?

हिंटन का कहना है कि AI की वजह से हेल्थ सेक्टर में चमत्कारिक बदलाव हो सकते हैं. क्योंकि, AI के जरिये बहुत ही सटीक ढंग से तमाम तरह की जांच रिपोर्ट्स का आकलन बहुत कम समय में किया जा सकता है. इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में खासतौर पर STEM यानी साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ के क्षेत्र में AI शिक्षक की भूमिका अहम हो सकती है.

क्या तैयारी करें इंसान?

हिंटन ने OpenAI CEO की यूनिवर्सल बेसिक इनकम योजना को नकारते हुए कहा कि इससे मानव गरिमा और काम से मिलने वाली पहचान की पूर्ति नहीं होगी. लेकिन, निश्चित तौर पर कुछ ऐसे काम करने होंगे, जिनसे इंसान और AI साथ-साथ काम कर सकें और खासतौर पर आखिरी नियंत्रण इंसान के हाथों में रखे रखना सबसे अहम है.

कैसा है भविष्य?

हिंटन ने कहा कि AI के असर को लेकर कोई निश्चित भविष्यवाणी नहीं की जा सकती. यह बदलाव आश्चर्यजनक हो सकता है, अच्छा भी और बुरा भी. मोटे तौर आगे क्या होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम AI को नियंत्रित करने के लिए आज क्या कर रहे हैं.

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