जापानी PM इशिबा ने दिया इस्तीफा, अमेरिका के साथ टैरिफ डील का था इंतजार; अधूरे काम पर जताया अफसोस
जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने रविवार को प्रधानमंत्री और लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के नेता पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने जुलाई में हुए संसदीय चुनाव में हार की जिम्मेदारी स्वीकार की. इशिबा ने कहा कि वह पहले अमेरिका के साथ टैरिफ वार्ता पूरी करना चाहते थे. इस बड़ी उपलब्धि के बाद उन्होंने उत्तराधिकारी के लिए रास्ता साफ करने का फैसला लिया.
Japan PM Shigeru Ishiba resignation: जापान में राजनीतिक उथल-पुथल के एक नए दौर की शुरुआत हो गई है. देश के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने रविवार को औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री और अपनी सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के नेता के पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी. 68 वर्षीय इशिबा ने जुलाई में हुए संसदीय चुनाव में एलडीपी नेतृत्व वाले गठबंधन की हार की जिम्मेदारी लेने के लिए यह कदम उठाया है.
पिछले साल अक्टूबर में संभाली थी सत्ता
इशिबा ने पिछले साल अक्टूबर में पदभार संभाला था. उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि वह कुछ समय से अपनी पार्टी की हाल में हुए चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेने का इरादा रखते थे, लेकिन पहले वह अमेरिका के साथ टैरिफ वार्ता में प्रगति करने के लिए प्रतिबद्ध थे. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी सरकार के साथ कौन गंभीरता से बातचीत करता जिसके नेता ने यदि यह कहा होता कि वह पद छोड़ रहे हैं?’’
अमेरिका ने 15 फीसदी किया टैरिफ
उनके इस्तीफे की घोषणा का सीधा संबंध शुक्रवार को हुई एक महत्वपूर्ण घटना से है. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जापानी कारों और अन्य प्रोडक्ट पर टैरिफ को पहले से लागू 25 प्रतिशत की दर से घटाकर 15 प्रतिशत करने के आदेश के साथ वह क्षण आ गया है.
इशिबा ने कहा, ‘‘अमेरिकी टैरिफ वार्ता में एक मील का पत्थर हासिल करने के बाद, मैंने फैसला किया कि अब उत्तराधिकारी के लिए रास्ता बनाने का समय आ गया है.’’
पार्टी के भीतर विभाजन रोकने के लिए बड़ा फैसला
इशिबा का यह कदम ऐसे समय सामने आया है, जब उनकी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) नेतृत्व चुनाव कराने को लेकर निर्णय करने वाली है. यदि इसे मंजूरी मिल जाती है, तो यह उनके खिलाफ एक प्रकार का अविश्वास प्रस्ताव होगा. उन्होंने कहा कि उन्होंने इस कदम को टालने के लिए ‘‘इस्तीफा देने का दर्दनाक फैसला’’ लिया क्योंकि ‘‘इससे पार्टी के भीतर गंभीर विभाजन पैदा हो सकता था और यह मेरा कतई इरादा नहीं था.’’ इशिबा ने कहा कि वह अपने उत्तराधिकारी के लिए पार्टी नेतृत्व के मतदान की प्रक्रिया शुरू करेंगे.
जुलाई में नहीं हासिल हुई थी बहुमत
उन्होंने कहा कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे, हालांकि उन्हें वेतन वृद्धि, कृषि सुधार और जापान की सुरक्षा को और मजबूत करने जैसे अधूरे कामों को छोड़ देने का अफसोस है. जुलाई में, इशिबा के सत्तारूढ़ गठबंधन को 248 सदस्यीय उच्च सदन में संसदीय चुनाव में बहुमत हासिल नहीं हो सका, जिससे उनकी सरकार की स्थिरता और अधिक कमजोर हो गई.
उन्होंने शनिवार को कृषि मंत्री शिंजिरो कोइजुमी और अपने मार्गदर्शक माने जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा से मुलाकात के बाद यह फैसला लिया. सुगा ने सोमवार को होने वाले मतदान से पहले इशिबा को इस्तीफे की सलाह दी थी.
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