जापान का 140 अरब डॉलर के राहत पैकेज का ऐलान, क्या संभलेगी लड़खड़ाती इकोनॉमी
जापान की कैबिनेट ने करीब 219 खरब येन यानी लगभग 140 अरब डॉलर के प्रोत्साहन पैकेज को मंजूरी दी है. इस पैकेज का उद्देश्य कर्मचारियों के वेतन बढ़ाने, निम्न आय वाले घरों के लिए नकद सहायता, गैस और बिजली बिलों के लिए सब्सिडी और सेमीकंडक्टर तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में इन्वेस्ट करना है.

जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशीबा के कैबिनेट ने अपने देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए एक प्रोत्साहन पैकेज की मंजूरी दी है. इस प्रोत्साहन पैकेज में करीब 219 खरब येन यानी लगभग 140 अरब डॉलर खर्च करने की योजना है, जिसका इस्तेमाल कर्मचारियों के वेतन बढ़ाने, निम्न आय वाले घरों के लिए नकद सहायता, गैस और बिजली बिलों के लिए सब्सिडी, और सेमीकंडक्टर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में निवेश करने के लिए किया जाएगा.
जापानी प्रधानमंत्री इशीबा ने कहा, आने वाले समय में इस पैकेज को और बढ़ाने की आवश्यकता होगी. उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने इस राहत पैकेज का वादा किया था, जिसे अब पूरा किया जा रहा है.”
किन क्षेत्रों में कितना होगा इन्वेस्ट?
जापान के प्रधानमंत्री इशीबा ने इसी हफ्ते इस प्रोत्साहन योजना को समर्थन जुटाने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी फॉर द पीपल के साथ एक समझौता किया था. पीएम ने यह समझौता अपनी सरकार के विकास की रूपरेखा को मजबूत करने के लिए किया है. उनकी पार्टी का उद्देश्य आगामी वित्तीय वर्ष में बजट को मजबूत करना है. पैकेज में बताए गए उपायों में से लगभग 10.4 ट्रिलियन येन का वित्तीय खर्च आर्थिक विकास के लिए, 4.6 ट्रिलियन येन मूल्य-राहत उपायों के लिए और 6.9 ट्रिलियन येन अन्य आर्थिक, सामाजिक और सुरक्षा उपायों के लिए होगा, जिसमें आपदा प्रबंधन भी शामिल है. कैबिनेट कार्यालय के मुताबिक, पैकेज का कुल आकार लगभग 39 ट्रिलियन येन तक पहुंच जाएगा.
पार्टी को मजबूत करना
इस राहत पैकेज को लाकर जापानी पीएम अपनी स्थिति को मजबूत करेंगे, क्योंकि हाल के जनमत सर्वेक्षणों में उनकी सरकार के लिए लोगों का समर्थन अपेक्षाकृत कम दिखाई दे रहा है. इसके अलावा, इसी हफ्ते सार्वजनिक प्रसारक NHK द्वारा प्रकाशित एक सर्वेक्षण में उनकी पार्टी को लोगों का समर्थन महज 41% दिखाई दिया, जो सरकार चलाने के लिए अपेक्षाकृत कम है. वहीं, जापानी पीएम ने 11 नवंबर को अपनी नई कैबिनेट के लाइनअप की घोषणा की थी.
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