पानी की जंग में भारत को टक्कर देगा पाकिस्तान, लेगा ये 3 बड़े एक्शन, जानें कितना दम
कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सख्त रवैया अपनाते हुए सिंधु जल समझौते को कुछ समय के लिए रोक दिया है. भारत के इस फैसले को चुनौती देने के लिए पाकिस्तान ने कुछ खास रणनीति बनाई है, तो क्या हैं वो एक्शन प्लान, जानें पूरी डिटेल.
Indus Waters Treaty: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए सिंधु जल समझौते (Indus Waters Treaty) को फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया है. पानी रोके जाने से पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है. 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए इस जल समझौते ने 1965, 1971 और 1999 का युद्ध भी झेला, लेकिन इसके बावजूद पानी नहीं बंद किया गया था. मगर इस बार भारत की सख्ती से पाकिस्तान बौखला गया है. पाक इसे भारत का एकतरफा कदम बता रहा है. साथ ही इसे “युद्ध की कार्रवाई” के समान बताया है. पानी की इस जंग में भारत को चुनौती देने के लिए पाकिस्तान ने 3 सूत्रीय प्लान बनाया है, तो क्या है उसकी रणनीति और कितनी मिलेगी कामयाबी, आइए जानते हैं.
क्या है पाकिस्तान की योजना?
पाकिस्तान के कानून और न्याय राज्य मंत्री अकील मलिक ने रॉयटर्स को बताया कि इस्लामाबाद तीन कानूनी रास्तों पर विचार कर रहा है. जिसमें पहला विकल्प है, वर्ल्ड बैंक के सामने मुद्दे को उठाना, जो सिंधु समझौते का मध्यस्थ है. दूसरा रास्ता, हेग में स्थायी मध्यस्थता के तहत न्यायालय (Permanent Court of Arbitration) या अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में भारत पर 1969 के वियना संधि कानून (Vienna Convention on the Law of Treaties) के उल्लंघन का आरोप लगाना. तीसरा विकल्प यह होगा कि पाकिस्तान इस मसले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में इस मुद्दे को उठाकर कूटनीतिक दबाव बनाएगा. इसके अलावा पाकिस्तान कानूनी रणनीति पर सलाह-मशविरा करके जल्द ही एक या एक से अधिक रास्तों पर फैसला लेगा.
क्या है सिंधु जल समझौता?
सिंधु जल समझौता साल 1960 में वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता में तय हुआ था. इस जल संधि के तहत सिंधु नदी और इसकी सहायक नदियों जैसे- सतलज, ब्यास, रावी, चिनाब, और झेलम के पानी का बंटवारा भारत और पाकिस्तान के बीच तय हुआ. समझौते के अनुसार, सतलज, ब्यास और रावी का पानी भारत को, जबकि चिनाब, झेलम और इंदस का पानी पाकिस्तान को मिलता है. भारत तकनीकी रूप से सभी छह नदियों के पानी पर अधिकार रखता है मगर उसका नियंत्रण मुख्य तौर पर पूर्वी नदियों पर है, वहीं संधि के बाद पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों का हिस्सा मिला.
पहलगाम हमले ने बदला समीकरण
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे, इसमें एक विदेशी नागरिक भी शामिल था. आरोप है कि हमलावरों ने पर्यटकों से उनकी धार्मिक पहचान साबित करने को कहा और फिर गोलीबारी की. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (लश्कर-ए-तैयबा का एक हिस्सा) ने ली थी. भारत ने इसे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का सबूत मानते हुए सिंधु जल समझौते को तब तक स्थगित करने का फैसला किया, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन पूरी तरह से बंद न कर दें.
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क्यों नहीं मिलेगी पाकिस्तान को राहत?
जानकारों का मानना है कि पाकिस्तानी की कूटनीतिक रणनीति के बावजूद उसका प्लान कामयाब होना काफी मुश्किल है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में इसे राहत मिलने की गुंजाइश नहीं है, क्योंकि ICJ का अधिकार क्षेत्र दूसरे देशों की सहमति पर निर्भर करता है. इसके अलावा PCA में भी देशों की सहमति जरूरी है. रही बात वर्ल्ड बैंक की तो ये महज मध्यस्थ है न कि गारंटर. इसलिए वह महज सुझाव दे सकता है, लेकिन भारत को मजबूर नहीं कर सकता है.