अटारी-वाघा बॉर्डर बंद होने से केसर की कीमतों में लगी आग, 5 लाख रुपये प्रति किलो पहुंचे भाव
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत सरकार ने अटारी-वाघा बॉर्डर को बंद कर दिया है, इससे दोनों देशों के बीच होने वाले ट्रेड प्रभावित हो रहे हैं. इसके चलते जहां हाल ही में अफगानी ड्राई फ्रूट्स महंगे हो गए थे, वहीं केसर की कीमतों में भी अब आग लग गई है. बॉर्डर बंद से सप्लाई पर भी संकट खड़ा हो गया है.

Attari-Wagah border closure impact: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत सरकार ने अटारी-वाघा बॉर्डर को बंद कर दिया है, जिससे अफगानिस्तान से भारत आने वाली चीजें महंगी हो गई हैं. पिस्ता, खुबानी और अखरोट समेत कई ड्राई फ्रूट्स की कीमतें जहां पहले ही 15 से 20 फीसदी तक बढ़ चुकी हैं, वहीं अब सीमा बंद का असर केसर पर भी देखने को मिल रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले चार दिनों में टॉप ग्रेड के केसर की रिटेल कीमत में 10% से ज्यादा का उछाल आया है. जिससे इसकी कीमत बढ़कर 5 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है.
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक चेन्नई की बेल सैफरन के सह-संस्थापक नीलेश मेहता का कहना है कि हमले से पहले सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले केसर की कीमत 4.25 लाख से 4.50 लाख रुपये प्रति किलो थी, जो अब बढ़कर 5 लाख तक पहुंच गई है. अटारी-वाघा सीमा के बंद होने से केसर की आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है. घरेलू ट्रेडर्स का मानना है कि अगले 10 दिनों में सप्लाई पूरी तरह रुक सकती है, जिससे दिल्ली जैसे बाजारों में केसर की रिटेल कीमतें 20% तक बढ़ सकती हैं.
ईरानी केसर भी महंगा
कश्मीरी केसर की तुलना में सस्ता माने जाने वाला ईरानी केसर भी इस बंद से अछूता नहीं रहा. जानकारों के मुताबिक ईरानी केसर की कीमतों में भी 5% की वृद्धि हुई है. बता दें भारत में सालाना 55 टन केसर की मांग है, जिसमें से कश्मीर केवल 6-7 टन का उत्पादन करता है. बाकी का आयात अफगानिस्तान और ईरान से होता है.
कश्मीर में उत्पादन पर संकट
रिपोर्ट के मुताबिक कश्मीर में केसर का उत्पादन भी चुनौतियों का सामना कर रहा है. अनियमित मौसम और पंपोर में नए सीमेंट कारखानों की वजह से उत्पादन में कमी आई है. वरिष्ठ व्यापार अधिकारियों के अनुसार सीमेंट की धूल नाजुक केसर के फूलों को नुकसान पहुंचाती है, जिससे गुणवत्ता और मात्रा दोनों प्रभावित होती है. अटारी-वाघा बॉर्डर भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापार का प्रमुख जरिया था, लेकिन पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद इसे बंद किए जाने से अफगानिस्तान से केसर और सूखे मेवों का आयात रुक गया है. नतीजतन इनकी कीमतों में इजाफा देखने को मिल रहा है.
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कश्मीरी केसर की किस्में
कश्मीर में केसर की कई किस्में हैं. मोंग्रा सबसे गहरे रंग और तीव्र सुगंध वाली किस्म है. लच्छा में लाल और पीले हिस्से होते हैं, जबकि जरदा का उपयोग फेस पैक और ब्यूटी क्रीम में होता है. एक ग्राम केसर के लिए 160-180 फूलों के रेशों की जरूरत होती है. इसके फसल का मौसम अक्टूबर के मध्य से शुरू होकर एक महीने में खत्म हो जाता है. चूंकि भारत में तीज-त्योहार और शादी-ब्याह में बनने वाली मिठाइयों और पकवानों में केसर का इस्तेमाल होता है, इसलिए यहां इसकी अच्छी मांग देखने को मिलती है.
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