SEBI लाने जा रही सख्त नियम, अधिकारियों की संपत्ति से लेकर म्यूचुअल फंड खर्च नियमों में होगा बदलाव

सेबी की बोर्ड बैठक में म्यूचुअल फंड और स्टॉक ब्रोकरेज नियमों में बड़े बदलावों पर चर्चा होगी. वरिष्ठ अधिकारियों की संपत्ति सार्वजनिक करने और हितों के टकराव पर सख्त नियमों पर विचार किया जाएगा. म्यूचुअल फंड के कुल खर्च रेशियो को स्पष्ट करने और अतिरिक्त खर्च हटाने का प्रस्ताव है.

सेबी की बोर्ड बैठक में बड़े बदलावों पर चर्चा होगी. Image Credit: Money9live

SEBI Board Meeting: SEBI की अहम बोर्ड बैठक आज, बुधवार को होने जा रही है. इस बैठक में म्यूचुअल फंड और स्टॉक ब्रोकरेज से जुड़े नियमों में बड़े बदलावों पर चर्चा की जाएगी. इसके अलावा सेबी के सीनियर अधिकारियों की जवाबदेही और ट्रांसपेरेंसी बढ़ाने से जुड़े प्रस्ताव भी एजेंडे में शामिल हैं. यह बैठक सेबी प्रमुख तुहिन कांत पांडे की अध्यक्षता में होगी. निवेशकों के हितों की सुरक्षा को लेकर कई अहम सुझावों पर फैसला लिया जा सकता है. साथ ही NRI के लिए KYC नियमों में ढील और नए ट्रेडिंग सिस्टम पर भी चर्चा होगी.

सेबी अधिकारियों के लिए सख्त नियम

बोर्ड मीटिंग में एक हाई लेवल समिति की रिपोर्ट पर विचार किया जाएगा. इस रिपोर्ट में सेबी के सीनियर अधिकारियों की संपत्ति सार्वजनिक करने का सुझाव दिया गया है ताकि हितों के टकराव से बचा जा सके. रिपोर्ट में महंगे उपहार लेने पर रोक लगाने की सिफारिश की गई है. इसके साथ ही रिटायरमेंट के बाद दो साल तक किसी पद पर नियुक्ति न लेने का प्रस्ताव है. समिति ने सिक्योर एंड कंफीडेंशिएल कंप्लेंट सिस्टम शुरू करने की भी बात कही है.

म्यूचुअल फंड नियमों में बड़े बदलाव का प्रस्ताव

सेबी म्यूचुअल फंड से जुड़े नियमों की व्यापक समीक्षा पर चर्चा करेगा. कुल खर्च रेशियो यानी टीईआर की परिभाषा को और स्पष्ट करने का प्रस्ताव है. एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को मिलने वाला अतिरिक्त पांच आधार अंक खर्च हटाने की योजना है. यह अतिरिक्त खर्च पहले अस्थायी रूप से लागू किया गया था. सेबी का मानना है कि अब इसकी जरूरत नहीं है. इन बदलावों का मकसद निवेशकों के लिए खर्चों को सरल और ट्रांसपेरेंट बनाना है.

टीईआर से बाहर करने की तैयारी

सेबी ने टीईआर से सभी स्टेट्यूटरी टैक्स को बाहर रखने का सुझाव दिया है. इसमें सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन एंड कमोडिटी ट्रांजेक्शन टैक्स शामिल हैं. इसके अलावा GST और स्टांप शुल्क को भी टीईआर लिमिट से बाहर किया जा सकता है. अभी कुछ टैक्स टीईआर की लिमिट में गिने जाते हैं. प्रस्तावित बदलाव से म्यूचुअल फंड खर्चों की कैलकुलेशन ज्यादा साफ होगी. इससे निवेशकों को सही जानकारी मिल सकेगी.

ये भी पढ़ें- Licious ने 100 करोड़ रुपये मंथली रेवेन्यू का आंकड़ा पार किया, लगभग 50% सेल्स रैपिड डिलीवरी सर्विस Flash से हुई

नियमों में तीन दशक बाद सुधार

बोर्ड बैठक में स्टॉक ब्रोकर्स से जुड़े नियमों की समीक्षा पर भी चर्चा होगी. मौजूदा नियम करीब तीस साल पुराने हैं. बाजार की मौजूदा जरूरतों को देखते हुए इन्हें अपडेट करना जरूरी माना जा रहा है. सेबी एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग की स्पष्ट परिभाषा लाने पर विचार कर रहा है. अभी इस तरह की ट्रेडिंग के लिए स्पष्ट नियम नहीं हैं. नए बदलावों से अनुपालन प्रक्रिया आसान हो सकती है.