8,50,000 करोड़ का है पाकिस्तानी जनरल मुनीर का साम्राज्य ; हैसियत में भारत के ये दिग्गज भी पीछे

Pakistan Army को लेकर अक्सर कहा जाता है कि दुनिया में यह सिर्फ एक ही सेना है, जिसके पास अपना देश है. बाकी देशों के पास अपनी सेनाएं हैं. पाकिस्तान में अक्सर सेना के जनरल ही सबसे ताकतवर और सबसे अमीर शख्स होते हैं. उनकी इस अमीरी के पीछे सेना का व्यापार है, जिसमें ब्रेड बनाने से लेकर बंकर बनाने तक के काम शामिल हैं. जानते हैं पाकिस्तानी सेना का बिजनेस एंपायर कितना बड़ा है और मौजूदा जनरल असीम मुनीर कितने अमीर हैं?

पाकिस्तानी सेना Image Credit: money9live

Arab News की एक रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खेती को आधुनिक बनाने के लिए पाकिस्तानी पंजाब के पीरोवाल में देश का पहला कॉर्पोरेट फार्म शुरू किया है. यह फार्म ग्रीन पाकिस्तान इनिशिएटिव के तहत शुरू किया गया है. ORF की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस फार्म को फोनग्रो नाम की कंपनी चला रही है, जो पाकिस्तानी सेना के फौजी फाउंडेशन की सहायक कंपनी है.

स्रोत: Arab News, Army chief, PM inaugurate Pakistan’s first corporate farm to modernize agricultural practices

असीम मुनीर पहले पाकिस्तानी जनरल नहीं हैं, जिनका इंट्रेस्ट वॉर रूम से ज्यादा बोर्ड रूम मे हैं. पाकिस्तानी सेना के मामलात की जानकारी रखने वालों का मानना है कि असल में पाकिस्तानी सेना के जनरल्स अपनी यूनिफॉर्म पर, जो चांद सितारे और फीतें लगाए होते हैं, वे किसी मैदान-ए-जंग की बहादुरी के लिए नहीं हैं, बल्कि उनके बोर्ड रूम वॉर्स के कौशल का निशान हैं.

यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी सिडनी के कला और सामाजिक विज्ञान विभाग के मीडिया ट्रांजिशन सेंटर में पोस्ट-डॉक्टरल रिसर्च फेलो आयशा जहांगीर, पाकिस्तान के शक्तिशाली सैन्य उद्यम के इतिहास पर लिखते हुए कहती हैं, द कन्वर्सेशन पर प्रकाशित एक आर्टिकल में लिखती हैं, “2011 से 2015 के बीच पाकिस्तानी सेना की संपत्ति में 78% की वृद्धि हुई है. 2016 तक पाकिस्तान में सशस्त्र बलों की तरफ से 50 से ज्यादा वाणिज्यिक संस्थाओं का संचालन किया जा रहा था, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र के संगठन और रियल एस्टेट उद्यम शामिल थे, जिनकी कीमत 30 अरब ऑस्ट्रेलियन डॉलर थी, 2023 में यह बढ़कर 40 अरब ऑस्ट्रेलियन डॉलर से ज्यादा हो गई है.” इसके साथ ही वे लिखती हैं, “पेंडोरा पेपर्स ने पाकिस्तान के तमाम मौजूदा और पूर्व सैन्य अधिकारियों की एक लंबी सूची उजागर की, जिन्होंने कर चोरी और भ्रष्टाचार के जरिये अकूत संपत्ति अर्जित की है.”

मिलिट्री इंक के सीईओ मुनीर

मुनीर से पहले पाकिस्तानी सेना के प्रमुख रहे जनरल कमर जावेद बाजवा जब सेना से रिटायर हुए, तो पाकिस्तान से बाहर उनके परिवार की नेटवर्थ करीब 13 अरब PKR हो गई. जबकि, 2018 में जब वे जनरल बने, तो यह शून्य थी. इसी राह पर मुनीर चल रहे हैं, जो असल में पाकिस्तानी सेना के 100 अरब डॉलर के बिजनेस साम्राज्य को संभाल रहे हैं. असल में हर पाकिस्तानी जनरल पाकिस्तान के सबसे बड़े बिजनेस ग्रुप यानी आर्मी के सीईओ की तरह होता है, जो तमाम बिजनेस से जितना ज्यादा प्रॉफिट बनाता है, खुद के लिए उतनी संपत्ति बढ़ाता है.

100 अरब डॉलर का बिजनेस एंपायर

ET की एक रिपोर्ट में पाकिस्तानी सेना के तमाम धंधों को लेकर कहा गया है, “…सेना के जनरल के घर पर मोर देखकर कोई भी हैरान हो सकता है, क्योंकि ऐसी जगह पर आम तौर पर एक खूंखार कुत्ते की उम्मीद की जाती है. लेकिन यह पाकिस्तान के जनरलों, एडमिरल और एयर मार्शलों की कहानी बयां करता है, जिन्होंने 100 अरब डॉलर का व्यापारिक साम्राज्य चलाकर खुद को समृद्ध किया है, जो पाकिस्तान का सबसे बड़ा व्यापारिक समूह है. पाकिस्तान की सेना करीब 100 अलग-अलग व्यवसाय चलाती है. आप किसी किराने की दुकान या शॉपिंग मॉल से सैन्य कंपनी निर्मित कुछ सामान खरीदे बिना बाहर नहीं निकल सकते हैं. कॉर्नफ्लेक्स से लेकर ब्रेड और बिस्किट और सीमेंट से लेकर खाद तक, सेना सब कुछ बनाती और बेचती है. एयरलाइंस से लेकर लॉजिस्टिक्स कंपनियों और बैंकों से लेकर बीमा तक, सेना सब कुछ चलाती है.”

स्रोत: ET Report, Business warriors: What stolen peacocks tell us about Pakistan’s Military Inc.

दाने-दाने को मोहताज

अगर पाकिस्तानी सेना को एक बिजनेस ग्रुप के तौर पर देखा जाए, तो संपत्ति और रेवेन्यू के मामले में भारत के तमाम बड़े दिग्गज पाकिस्तानी सेना और इसके जनरल्स से पीछे हो जाते हैं. हालांकि, यह एक ऐसे देश के लिए बेहद शर्मनाक और दुखद स्थिति है, जिसके करोड़ों लोग दाने-दाने को मोहताज हैं, लेकिन इस जनरल्स विलायती मोरों को इंपोर्टेड खाना खिला रहे हैं.

स्रोत: BBC, Imran Khan: Supporters steal peacocks from army quarters

पाक मिलिट्री इंक से पीछे ये भारतीय दिग्गज

अगर ET की रिपोर्ट के हिसाब से देखा जाए, तो पाकिस्तानी सेना 100 अरब डॉलर का कारोबार चला रही है. अगर रेवेन्यू के लिहाज से देखें, तो भारत की सिर्फ दो कंपनियां हैं, जो पाकिस्तानी सेना से इस मामले में आगे हैं. भारत में रिलायंस इंडस्ट्रीज और LIC ही हैं, जिनका रेवेन्यू 100 अरब डॉलर से ज्यादा है.

इंडिया रैंकग्लोबल रैंककंपनीरेवेन्यू
(US $, Million)
प्रॉफिट (US $, Million)
186रिलायंस इंडस्ट्रीज$108,877.90$8,412.50
295LIC$103,547.60$4,944
3116इंडियन ऑयल$94,273$5,042.30
4178भारतीय स्टेट बैंक$71,844$8,106
5180तेल और प्राकृतिक गैस$71,466.10$5,947.60
6258भारत पेट्रोलियम$54,413.10$3,245.40
7271टाटा मोटर्स$53,634.90$3,794
8306HDFC बैंक$49,299.10$7,740.80
9463राजेश एक्सपोर्ट्स$33,944.10$40.50
स्रोत: Fortune Global 500

भारत के लीडिंग थिंक टैंक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की एक रिपोर्ट में मिलिट्री स्कूल, अजमेर और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र वीएसएम, ब्रिगेडियर सुशील तंवर लिखते हैं, “पिछले कुछ दशकों में पाकिस्तानी सेना के आर्थिक हित इसकी विशाल व्यापारिक साम्राज्य के जरिये कई गुना बढ़ गए हैं. हाल ही में नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान सरकार ने आधिकारिक डाटा पेश किया, जिससे पता चला कि पाकिस्तान सेना करीब 40 अरब अमेरिकी डॉलर की व्यावसायिक संस्थाएं चलाती है और यह अब तक इस गरीब देश का सबसे बड़ा व्यापारिक घराना है. पाकिस्तानी सेना के पास 50 से ज्यादा व्यावसायिक उद्यम, औद्योगिक इकाइयां, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और आवासीय कॉलोनियां आदि हैं, जिन्हें फौजी, फाउंडेशन, शाहीन फाउंडेशन, बहरिया फाउंडेशन, आर्मी वेलफेयर ट्रस्ट (AWT) और डिफेंस हाउसिंग अथॉरिटीज (DHAs) जैसी इसकी कंपनियां चलाती हैं. अब, सेना की कृषि क्षेत्र में भी महत्वाकांक्षाएं दिखा रही है, ताकि अपने विशाल व्यापारिक साम्राज्य को और मजबूत कर पाए. लंबे समय में यह वित्तीय जुनून पाकिस्तान और उसकी सेना दोनों के लिए महंगा साबित हो सकता है.”

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