किसने बनाया है S-400 जैसा खतरनाक कवच, इसके आगे USA का Patriot भी फेल, जिससे भारत बना अभेद्य
S-400 रूस द्वारा विकसित एक उन्नत एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसे 2007 में तैनात किया गया था. यह दुश्मन के फाइटर जेट्स, ड्रोन, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों को 400 किमी तक की दूरी से मार गिरा सकता है. भारत ने 2018 में इसकी 5 रेजीमेंट्स के लिए रूस से 5.43 अरब डॉलर की डील की थी. इसका उत्तराधिकारी एस-500 अंतरिक्ष में सैटेलाइट तक मार करने में सक्षम होगा.
S-400 Russia Air Defence: भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष में रूस की S-400 डिफेंस सिस्टम ने खूब चर्चा बटोरी. पाकिस्तानी हमले को नाकाम करने में इसने अहम भूमिका निभाई और कई पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराया. दुनिया के सबसे बेहतरीन एयर डिफेंस सिस्टम में शुमार S-400 को रूस की सरकारी कंपनी अलमाज-आंतेई ने बनाया है. यह सरकारी रक्षा कंपनी है, जिसे वर्ष 2002 में रूसी राष्ट्रपति के आदेश से स्थापित किया गया था. यह कंपनी मुख्य रूप से एयर डिफेंस सिस्टम, क्रूज मिसाइल और मिसाइल रक्षा तकनीक विकसित करती है. इसका मुख्यालय मास्को में स्थित है और यह दुनिया की टॉप 10 रक्षा कंपनियों में शामिल है.
कब बना S-400
S-400 एक सरफेस-टू-एयर, यानी कि जमीन से हवा में मार करने वाली डिफेंस सिस्टम है, जिसे टारगेट को ट्रैक और नष्ट करने के लिए बनाया गया है. इसे 2007 में पहली बार रूस की सेना में शामिल किया गया था. इससे पहले रूस की सेना एस-300 डिफेंस सिस्टम का उपयोग करती थी, जो कि सोवियत दौर में बना था. S-400 उसका ही उत्तराधिकारी है. इसे बनाने की जिम्मेदारी रूस की सरकारी कंपनी अलमाज-आंतेई को सौंपी गई थी.
कितना घातक है S-400
S-400 को दुनिया का सबसे बेहतरीन डिफेंस सिस्टम माना जाता है. इसके मुकाबले अमेरिका की पैट्रियट और THAAD डिफेंस सिस्टम कहीं नहीं टिकती हैं. यह सिस्टम इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह फाइटर जेट्स, क्रूज मिसाइल, बैलिस्टिक मिसाइल, ड्रोन, के साथ-साथ कुछ स्टेल्थ और हाइपरसोनिक मिसाइलों को भी ट्रैक कर उन्हें मार गिराने में सक्षम है. यह अपने टारगेट को 600 किलोमीटर दूर से ट्रैक कर लेता है और 400 किलोमीटर दूर से मार गिरा सकता है. इसके अलावा यह एक साथ 300 से ज्यादा टारगेट्स को ट्रैक कर सकता है और 30 टारगेट्स को एक साथ मार गिराने में सक्षम है.
S-400 vs Patriot vs THAAD
विशेषता / सिस्टम | 🇷🇺 S-400 Triumf | 🇺🇸 Patriot PAC-3 | 🇺🇸 THAAD |
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निर्माता | अलमाज-आंतेई (रूस) | रेथियॉन (अमेरिका) | लॉकहीड मार्टिन (अमेरिका) |
सेवा में शामिल वर्ष | 2007 | 1980 के दशक (PAC-3: 2001) | 2008 |
मुख्य उद्देश्य | एयरक्राफ्ट, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलें | मुख्यतः बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलें | उच्च ऊंचाई की बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा |
अधिकतम रेंज | 400 किमी | 70–160 किमी (PAC-3) | 200 किमी (एंटी-बैलिस्टिक भूमिका में) |
अधिकतम ऊंचाई | 30 किमी | लगभग 20 किमी | 150 किमी |
ट्रैकिंग क्षमता | 300+ लक्ष्यों की पहचान | लगभग 100 लक्ष्यों की पहचान | लगभग 100 लक्ष्यों की पहचान |
एक साथ टारगेट | 36 लक्ष्यों तक | 9–12 (PAC-3) | 48 लक्ष्यों तक |
मोबिलिटी | उच्च (ट्रक माउंटेड) | मध्यम (सेमी-मोबाइल) | उच्च (ट्रक माउंटेड) |
तकनीक / रडार | AESA रडार (600+ किमी रेंज) | AESA रडार | AN/TPY-2 (X-बैंड, हाई-रेज़ोल्यूशन) |
लगभग कीमत | $500 मिलियन – $1.2 बिलियन प्रति रेजिमेंट | $1 बिलियन+ प्रति बैटरी | $800 मिलियन – $1.5 बिलियन प्रति बैटरी |
कैसा होगा इसका उत्तराधिकारी
रूस S-400 का उत्तराधिकारी एस-500 बना रहा है. यह सिस्टम S-400 की सभी खूबियों के साथ और भी एडवांस तकनीक से लैस होगा, जो कि हाइपरसोनिक मिसाइल, इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल, और लो ऑर्बिट सैटेलाइट्स को भी मार गिराने में सक्षम होगा. इसकी मारक रेंज 600 किलोमीटर से भी अधिक होगी और इसे अंतरिक्ष और सामरिक रक्षा के लिए डिजाइन किया जा रहा है.
S-300 बनाम S-400 बनाम S-500
विशेषता | S-300 | S-400 | S-500 |
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अधिकतम रेंज | लगभग 150 किमी | 400 किमी | 600+ किमी (चुनिंदा लक्ष्यों पर) |
निशाना प्रकार | विमान, क्रूज मिसाइल | विमान, मिसाइलें | हाइपरसोनिक, सैटेलाइट, ICBM |
रडार क्षमता | मध्यम | उन्नत | नेक्स्ट-जेनरेशन |
तैनाती वर्ष | 1979 से | 2007 से | 2021+ (सीमित तैनाती) |
ऊंचाई | लगभग 27 किमी | लगभग 30 किमी | लगभग 200 किमी (अंतरिक्ष लक्ष्यों के लिए) |
कितना महंगा है S-400
भारत ने रूस के साथ 2018 में एक डील के तहत 5 रेजीमेंट्स को 5.43 बिलियन अमेरिकी डॉलर में खरीदने का समझौता किया था. इसकी कीमत की बात करें तो यह लगभग 1.2 बिलियन डॉलर प्रति रेजीमेंट है. इसकी कीमत कई फैक्टर्स पर निर्भर करती है जैसे कि लॉन्चर और मिसाइलों की संख्या, रडार और कंट्रोल यूनिट्स की क्वालिटी. इसी हिसाब से इसकी कीमत में बदलाव संभव है.