प्यास से नहीं… अब भूख से भी मरेगा पाकिस्तान, संकट में फसल की बुआई, बांधों में पानी कम, बिना युद्ध के पड़ोसी पस्त

पाकिस्तान में खरीफ फसलों की बुआई गंभीर संकट में है. ऐसा इसलिए क्योंकि वहां पानी की भारी कमी हो रही है. इसकी दो बड़ी वजहें हैं. पहली, पाकिस्तान के दो बड़े बांधों, मंगला और तरबेला, में पानी का स्तर बहुत कम है. मंगला बांध झेलम नदी पर वहीं तरबेला बांध सिंधु नदी पर है.

संकट में फसल की बुआई Image Credit: Canva

Water Crisis in Pakistan: पाकिस्तान को अपनी किए की सजा बराबर मिल रही है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है. ऐसे में पाकिस्तान पानी के लिए तरस रहा है. दरअसल, पाकिस्तान में खरीफ फसलों (चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, मूंगफली, सोयाबीन, मूंग, उड़द और अरहर) की बुआई गंभीर संकट में है. ऐसा इसलिए क्योंकि वहां पानी की भारी कमी हो रही है. इसकी दो बड़ी वजहें हैं. पहली, भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद चिनाब नदी का पानी कम कर दिया है. दूसरी, पाकिस्तान के दो बड़े बांधों, मंगला और तरबेला, में पानी का स्तर बहुत कम है. मंगला बांध झेलम नदी पर वहीं तरबेला बांध सिंधु नदी पर है. इससे पाकिस्तान की खेती और बिजली प्रोडक्शन पर बुरा असर पड़ रहा है.

पाकिस्तान का दावा, पानी हो रहा कम

पाकिस्तान की इंडस रिवर सिस्टम अथॉरिटी (IRSA) ने बताया कि देश में पानी की कुल कमी 21% है. मंगला बांध में 50% से कम पानी बचा है. यानी कुल 5.9 मिलियन एकड़ फीट में से सिर्फ 2.7 मिलियन एकड़ फीट. वहीं, तरबेला बांध में थोड़ा सा 50% से ज्यादा पानी है. यानी कुल 11.6 मिलियन एकड़ फीट में से 6 मिलियन एकड़ फीट पानी बचा है. चिनाब नदी में भारत द्वारा पानी की आपूर्ति कम करने से खरीफ की शुरुआती बुआई में और मुश्किलें बढ़ेंगी. IRSA ने बांध और सिंचाई अधिकारियों को सलाह दी है कि वे पानी का इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर करें.

पानी को कंट्रोल कर रहा भारत

भारत ने जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर अपने बांधों बगलिहार और सलाल, में पानी को कंट्रोल किया है. भारत ने इन बांधों को साफ करके गाद हटाई और अतिरिक्त पानी जमा करने की जगह बनाई है. साथ ही भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद पाकिस्तान के साथ पानी का डेटा साझा करना बंद कर दिया. इससे पाकिस्तान को पानी की मात्रा का अंदाजा लगाना मुश्किल हो गया है. खासकर मॉनसून के दौरान जब बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है.

सिंधु नदी पर निर्भर है पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांत

पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांतों में खेती पूरी तरह सिंधु नदी पर निर्भर है. इसमें झेलम और चिनाब नदियां भी शामिल हैं. सिंधु जल संधि के तहत भारत को पूर्वी नदियों रावी, सतलुज और ब्यास का पूरा अधिकार है. लेकिन भारत के पास इनका पूरा उपयोग करने की सुविधा नहीं है. इससे पाकिस्तान को अतिरिक्त पानी मिलता रहा है. संधि के अनुसार, भारत पश्चिमी नदियों पर 3.6 मिलियन एकड़ फीट पानी जमा कर सकता है. लेकिन भारत इसका पूरा उपयोग नहीं कर पाया. इसका फायदा पाकिस्तान को मिला.

दो दिनों में इतना कम हुआ था पानी

पिछले दिनों पाकिस्तान ने दावा किया था कि चिनाब नदी का पानी दो दिनों में 91,000 क्यूसेक कम हो गया है. पाकिस्तान के वाटर एंड पावर डेवलपमेंट अथॉरिटी (WAPDA) के अनुसार, माराला हेडवर्क्स में चिनाब नदी का जलस्तर 29 मई को 98,200 क्यूसेक था. यह 1 जून को घटकर केवल 7,200 क्यूसेक रह गया. चिनाब नदी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से होकर गुजरती है.