11 करोड़ किसानों को जल्द मिलेगी खुशखबरी, इस दिन जारी होगी PM-KISAN की 21वीं किस्त
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने PM-KISAN योजना की 21वीं किस्त जारी करने की तारीख की घोषणा कर दी है. अब तक 11 करोड़ से ज्यादा किसानों को 3.70 लाख करोड़ रुपये का फायदा मिल चुका है. इस योजना के तहत पात्र किसानों को सालाना 6,000 रुपये की सहायता मिलती है, जबकि सरकार अब ‘फार्मर रजिस्ट्री’ बनाकर लाभ पहुंचाने की प्रक्रिया को और आसान कर रही है.
PM Kisan 21st Installment Date: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 नवंबर को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना की 21वीं किस्त जारी करेंगे. इस योजना के तहत देशभर के पात्र किसानों को हर साल 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जाती है. यह राशि तीन बराबर किस्तों में दी जाती है, जिससे किसान सालभर खेती से जुड़ी मूलभूत जरूरतों को पूरा कर सकें. केंद्र सरकार की यह सबसे बड़ी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) योजनाओं में से एक है और सरकार का कहना है कि यह कदम किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाता है.
जारी हो चुके हैं 20 किस्त
4 साल से अधिक समय में PM-KISAN किसानों के लिए बड़ी राहत साबित हुई है. अब तक सरकार 20 किस्तों के जरिए किसानों के बैंक खातों में 3.70 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि भेज चुकी है. इस योजना का सीधा लाभ देश के 11 करोड़ से ज्यादा किसान परिवारों को मिला है. इन पैसों का इस्तेमाल किसान सिर्फ खेती तक सीमित नहीं रखते, बल्कि परिवार के मेडिकल खर्च, बच्चों की पढ़ाई और जरूरी घरेलू जरूरतों को पूरा करने में भी करते हैं. यह स्थायी आर्थिक सहायता किसानों को मुश्किल समय में बड़ी राहत देती है.
किसे मिलेगा इस योजना का फायदा?
योजना का फायदा सिर्फ उन्हीं किसानों को मिलता है जिनके जमीन रिकॉर्ड PM-KISAN पोर्टल पर दर्ज और सत्यापित हैं. साथ ही, किसानों के बैंक खाते आधार से लिंक होना भी बेहद जरूरी है. सरकार गांव-गांव में चलाए गए विशेष कैंपों के माध्यम से उन किसानों को भी योजना में शामिल कर रही है, जो किसी तकनीकी कारण या दस्तावेजों की कमी से अब तक योजना में रजिस्टर नहीं हो पाए थे. सरकार का कहना है कि लक्ष्य है कि देश का कोई भी योग्य किसान इस सहायता से वंचित न रहे.
क्या है फार्मर रजिस्ट्री?
सरकार किसानों तक योजना का लाभ बिना किसी देरी या जटिलता के पहुंचे, इसके लिए कृषि मंत्रालय ने एक नई पहल- फार्मर रजिस्ट्री भी शुरू की है. यह एक व्यापक और सत्यापित डेटाबेस होगा, जिसमें देश के सभी खेती योग्य जमीन रखने वाले किसानों की जानकारी एक जगह उपलब्ध रहेगी. इससे किसानों को अलग-अलग सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए बार-बार दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसके साथ ही, फर्जीवाड़े और डुप्लीकेट रजिस्ट्रेशन की समस्या भी खत्म होगी. सरकार का मानना है कि फार्मर रजिस्ट्री बनने से किसानों तक अंतिम छोर यानी लास्ट-माइल डिलीवरी और बेहतर तरीके से सुनिश्चित की जा सकेगी.
बड़ा असर!
इस योजना के प्रभाव को आंकने के लिए 2019 में इंटरनेशनल फूड एंड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट (IFPRI) ने भी एक अध्ययन किया था. रिपोर्ट में स्पष्ट बताया गया कि PM-KISAN किसानों के लिए सिर्फ आर्थिक मदद ही नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक गतिविधियों को तेज करने में भी कारगर साबित हुआ है. अध्ययन में कहा गया कि इस योजना ने किसानों की क्रेडिट यानी कर्ज लेने की जरूरत को कम किया, खेती में निवेश बढ़ा और कृषि प्रोडक्शन पर पॉजिटिव असर डाला. इससे गांवों में छोटे-बड़े आर्थिक लेनदेन भी बढ़े, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद है.
ये भी पढ़ें- सोयाबीन तेल का हुआ रिकॉर्ड इंपोर्ट; कीमत बढ़ने से लागत में आई 22 फीसदी की बढ़ोतरी