मशरूम उगाकर कमा सकते हैं मोटा मुनाफा, कम्पोस्ट से लेकर मार्केटिंग तक इन बातों का रखना होगा खास ख्याल

मशरूम की खेती आज तेजी से बढ़ता हुआ बिजनेस बन चुका है. कम जगह और कम लागत में आप इससे मोटा मुनाफा कमा सकते हैं. सही मार्केटिंग स्ट्रेटेजी अपनाकर आप मशरूम प्रोडक्शन को सफल बिजनेस में बदल सकते हैं. जानिए सही कम्पोस्ट, बेहतरीन क्वालिटी का स्पॉन, मशरूम की शेल्फ लाइफ और साफ-सफाई का महत्व.

मशरूम फार्मिंग Image Credit: Freepik.com

Mushroom farming: आज मशरूम की खेती की डिमांड तेजी से बढ़ रही है. लोग कम जगह में इसकी खेती करके मोटा पैसा कमा रहे हैं. इसके लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती है. वहीं अगर इसे कंट्रोल इन्वायरमेंट में करते हैं, तो नुकसान होने का खतरा भी काफी कम रहता है. नवंबर की शुरुआत हो गई है और इसके साथ ही सर्दी की आहट भी दिखने लगी है. यह मशरूम उगाने का सबसे बेहतरीन महीना माना जाता है. तो चलिए जानते हैं कि अगर आप मशरूम की खेती करना चाहते हैं, तो आपको किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

कम्पोस्ट सबसे जरूरी

मशरूम के उत्पादन में कम्पोस्ट सबसे जरूरी और अहम हिस्सा होता है. कम्पोस्ट के बिना आप मशरूम की खेती नहीं कर सकते. ऐसे में अगर आप मशरूम की खेती करते हैं या करने का प्लान बना रहे हैं, तो अच्छा कम्पोस्ट होना बेहद जरूरी है. आप बाहर से खरीदकर कम्पोस्ट मंगा सकते हैं या फिर खुद भी कम्पोस्ट तैयार कर सकते हैं. कम्पोस्ट बनाने की आम तौर पर दो विधियां होती हैं, एक शॉर्ट मैथड और दूसरी लॉन्ग मैथड.

अच्छे क्वालिटी का स्पॉन

मशरूम स्पॉन, मशरूम की खेती के लिए इस्तेमाल होने वाला एक तरह का बीज है. मशरूम एक प्रकार का फंगस होता है, ऐसे में इसके स्पॉन को गेहूं या अन्य अनाज पर फंगस मिक्स करके तैयार किया जाता है. अगर स्पॉन अच्छा होगा, तो मशरूम का प्रोडक्शन भी अच्छा होगा, लेकिन अगर स्पॉन की क्वालिटी खराब हुई तो प्रोडक्शन प्रभावित होगा.

शेल्फ लाइफ

मशरूम की शेल्फ लाइफ बहुत कम होती है. आम तौर पर 24 से 48 घंटे के भीतर यह खराब हो जाता है. इसलिए तुड़ाई करते समय ध्यान रखें कि मशरूम जल्दी से जल्दी मार्केट तक पहुंच जाए ताकि आपको अच्छा मुनाफा मिल सके. इसके अलावा मशरूम की खेती में मार्केटिंग भी एक अहम भूमिका निभाती है.

साफ-सफाई

चाहे मशरूम चैंबर हो या फूस का बना हुआ सीजनल रूम, दोनों जगह साफ-सफाई बहुत मायने रखती है. मशरूम एक प्रकार का फंगस है, इसलिए दूसरे फंगस के अटैक का खतरा ज्यादा रहता है. ऐसे में मशरूम की खेती शुरू करने से पहले चैंबर को अच्छे से फार्मेलिन से सेनेटाइज कर लेना चाहिए, जिससे नुकसान का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है.

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