PM Kisan: क्या पीएम किसान की राशि में होने वाली है बढ़ोतरी, जानें क्या है ताजा अपडेट
केंद्र सरकार ने किसानों की इनकम बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत किसानों को साल में 6000 रुपये दिए जाते हैं. हालांकि, किसान काफी लंबे समय से इसमें बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. पात्र किसान परिवारों को हर चार महीने में 2000 रुपये की राशि सीधे उनके खाते में ट्रांसफर की जाती है.

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम किसान) की राशि में बढ़ोतरी होने का इंतजार कर रहे लाभार्थियों के लिए खुशखबरी है. संसदीय पैनल ने पीएम किसान की राशि में बढ़ोतरी करने की मांग की है. उसने पीएम किसान के तहत मिलने वाली मौजूदा 6,000 रुपये की राशि को बढ़ाकर 12,000 रुपये प्रति वर्ष करने की सिफारिश की है. ऐसे में किसानों की उम्मीद फिर से जाग गई है. इसके अलावा संसदीय पैनल ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने का भी सरकार से अनुरोध किया है.
दरअसल, कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता वाली कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण संबंधी स्थायी समिति ने पीएम किसान की राशि में बढ़ोतरी करने की सिफारिश की है. खास बात यह है कि इस समिति ने कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की ‘अनुदान मांगों (2024-25)’ पर अपनी पहली रिपोर्ट (अठारहवीं लोकसभा) में ये सिफारिशें की हैं, जिसे मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया. समिति ने कृषि और किसान कल्याण विभाग का नाम बदलकर ‘कृषि, किसान और खेत मजदूर कल्याण विभाग’ करने की भी सिफारिश की है.
कितने रुपये बढ़ाने की है मांग
समिति का मानना है कि पीएम किसान योजना के तहत दी जाने वाली सहायता राशि को बढ़ाकर 12,000 रुपये प्रति वर्ष किए जाने की जरूरत है. वर्तमान में यह 6,000 रुपये है. साथ ही समिति ने कहा है कि विभाग को किसानों को कानूनी गारंटी के रूप में एमएसपी के कार्यान्वयन के लिए जल्द से जल्द एक रोडमैप घोषित करने की आवश्यकता है.
कृषि से संबंधित व्यापार नीति की घोषणा करने से पहले समिति ने कहा कि मेरा मानना है कि कृषि उपज पर बदलती अंतरराष्ट्रीय आयात-निर्यात नीति के कारण किसानों को नुकसान होता है. समिति दृढ़ता से अनुशंसा करती है कि सीएसीपी (कृषि लागत और मूल्य आयोग) की तर्ज पर एक स्थायी निकाय/संस्था बनाई जा सकती है और इसमें कृषि विशेषज्ञों के साथ-साथ किसानों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जा सकता है.
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समिति की क्या है डिमांड
समिति ने किसानों और खेतिहर मजदूरों के कर्ज माफ करने की योजना शुरू करने की भी सिफारिश की है. इसने खेत मजदूरों को लंबे समय से लंबित अधिकार प्रदान करने के लिए जल्द से जल्द न्यूनतम जीवनयापन मजदूरी के लिए राष्ट्रीय आयोग की स्थापना की भी सिफारिश की है. समिति ने यह भी सिफारिश की है कि सरकार केंद्र सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) की तर्ज पर 2 हेक्टेयर तक की भूमि वाले छोटे किसानों को अनिवार्य सार्वभौमिक फसल बीमा प्रदान करने की संभावना तलाशे, जो सभी नागरिकों को प्रदान की जा रही है.
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