PM Kisan: 9.7 करोड़ किसानों को रक्षाबंधन का तोहफा, खातों में ‘खटाखट’ जमा होंगे 20500 करोड़ रुपये
रक्षाबंधन से ठीक पहले केंद्र सरकार PM-Kisan योजना के तहत किसानों के खातों में 20500 करोड़ रुपये जमा कराने जा रही है. इससे देशभर के 9.7 करोड़ किसानों को फायदा मिलेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वारणसी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इस योजना के तहत 20वीं किस्त जारी करेंगे.

PM KISAN 20Th Installment Date: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 अगस्त को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आयोजित होने वाले एक कायक्रम के दौरान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) योजना की 20वीं किस्त जारी करेंगे. इस बार 20,500 करोड़ रुपये की राशि सीधे 9.7 करोड़ किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी.
कब जारी होगी 20वीं किस्त?
कृषि मंत्रालय के मुताबिक 2019 में शुरू की गई इस योजना के तहत अब तक सरकार किसानों के खातों में 19 किस्तों के जरिये कुल 3.69 लाख करोड़ की राशि जमा करा चुकी है. योजना की 20वीं किस्त की जानकारी देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक बयान में बताया कि 10वीं किस्त 2 अगस्त, 2025 को जारी की जाएगी. इससे 9.7 करोड़ किसानों को लाभ होगा.
वाराणसी में होगा विशेष कार्यक्रम
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में इसकी जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मोदी पीएम किसान योजना की 20वीं किस्त को वाराणसी में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान लॉन्च करेंगे.
क्या है PM-Kisan योजना?
इस योजना के तहत किसानों को सालाना 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है. यह राशि किसानों के खातों में दो-दो हजार रुपये की तीन समान किस्तों में सीधे बैंक खातों में जमा कराई जाती है. इस योजना का मकसद छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहयोग देना है.
क्या हैं पात्रता की शर्तें?
PM-Kisan योजना का लाभ लेने के लिए पात्र किसानों के पास E-KYC वाला बैंक खाता होना चाहिए, जो किसान के आधार कार्ड से लिंक होना चाहिए. इसके साथ ही भूमि रिकॉर्ड सही और अपडेटेड होना चाहिए. सरकार की तरफ से इन शर्तों पर जोर दे रही है, ताकि वास्तविक लाभार्थी ही योजना का लाभ ले सकें और किसी तरह की गड़बड़ी रोकी जा सके.
किसानों के लिए बड़ी राहत
PM-Kisan योजना से उन किसानों को बड़ी राहत मिली है, जिनके पास बहुत छोटे खेत हैं और उनके पास जीवनयापन के लिए खेती के अलावा कोई दूसरा जरिया नहीं है. ऐसे सीमांत किसानों को खेती से जुड़ी अपनी छोटी-मोटी जरूरतों को भी पूरा करने के लिए सूदखोरों से कर्ज लेना पड़ता था. लेकिन, इस योजना के चलते किसानों को हर तीन महीने में 2000 रुपये मिलते हैं, जिनसे उनके छोटे-मोटे खर्च आसानी से पूरे हो जाती हैं.
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