नर्सरी की कमाई पर नहीं लगेगा कोई टैक्स, नए इनकम टैक्स बिल में भी मिलेगा फायदा; संसदीय समिति ने किया स्पष्ट

इनकम टैक्स बिल 2025 को लेकर उठी नर्सरी इनकम पर टैक्स की आशंका अब खत्म हो गई है. वित्त मंत्रालय और संसद समिति ने स्पष्ट किया है कि यह आय पहले की तरह ही कृषि आय मानी जाएगी और इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. नया बिल सिर्फ भाषा और ढांचे को आसान बनाने के लिए है, न कि नीति बदलने के लिए.

खेती पर टैक्स

Nursery Income: देश में 60 साल पुराने इनकम टैक्स कानून को बदलने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने नया इनकम टैक्स बिल 2025 (Income-Tax Bill, 2025) संसद में पेश किया. इस बिल का मकसद कानून को सरल बनाना है. हालांकि, सबसे ज्यादा चर्चा एग्रीकल्चर इनकम यानी कि खेती से होने वाली कमाई पर रही. संसद की समीक्षा समिति और वित्त मंत्रालय दोनों ने साफ कर दिया है कि नर्सरी से होने वाली इनकम पर पहले की तरह कोई टैक्स नहीं लगेगा और इसे पूरी तरह से एग्रीकल्चर इनकम ही माना जाएगा.

क्या है एग्रीकल्चर इनकम और क्या हैं कानूनी प्रावधान?

फिलहाल इनकम टैक्स एक्ट 1961 के Section 2(1A), Explanation में यह स्पष्ट रूप से लिखा है कि नर्सरी से पौधों, सैपलिंग, बीज और कोको पिट की बिक्री से होने वाली आय को कृषि आय माना जाएगा. लेकिन नए इनकम टैक्स बिल 2025 में इसे हटाकर एक नया सब-क्लॉज (2)(5)(d) जोड़ा गया है, जिसकी भाषा अलग है. इससे यह आशंका पैदा हुई कि यह बदलाव कानूनी रूप से कृषि आय की परिभाषा को बदल सकता है. हालांकि, वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह केवल भाषाई सुधार है और नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

खेती से होने वाली आय को लेकर संविधान क्या कहता है?

संविधान के अनुसार खेती से होने वाली इनकम पर केंद्र सरकार टैक्स नहीं लगा सकती है. लोकसभा की 31 सदस्यीय चयन समिति, जिसकी अध्यक्षता भाजपा सांसद बैजयंत पांडा कर रहे हैं, ने भी अपनी रिपोर्ट में यही जानकारी दी है कि कृषि आय की स्थिति जस की तस रहेगी. समिति ने 133 धाराओं वाले इनकम टैक्स बिल पर 32 औपचारिक संशोधन और 560 से अधिक सुधारात्मक सुझाव दिए हैं. यह बिल टैक्स रेट या छूट से जुड़े किसी मौजूदा प्रावधान में बदलाव नहीं करता. इसका उद्देश्य केवल कानून को सरल, स्पष्ट और पारदर्शी बनाना है.

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ऐसे में यह जानकारी उन लाखों किसानों, नर्सरी ऑपरेटरों और एग्री-स्टार्टअप्स के लिए राहत की खबर है, जो नर्सरी से इनकम को टैक्स फ्री मानकर अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग बनाते हैं.