PMFBY के तहत 30 लाख किसानों को मिलेगी बीमा राशि, सोमवार को शिवराज सिंह चौहान करेंगे ₹3200 करोड़ डिजिटली ट्रांसफर
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत 30 लाख किसानों को 3,200 करोड़ रुपये का इंश्योरेंस क्लेम डिजिटल तरीके से ट्रांसफर किया जाएगा. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, झुंझुनू, राजस्थान में आयोजित कार्यक्रम में यह राशि किसानों के खातों में भेजेंगे. इसमें मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों के किसान लाभान्वित होंगे. सरकार ने क्लेम सेटलमेंट सिस्टम को सरल बनाकर समय पर भुगतान की व्यवस्था की है.
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को किसानों को बड़ा तोहफा देने वाले हैं. शिवराज सिंह चौहान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत 30 लाख किसानों को 3,200 करोड़ रुपये का इंश्योरेंस क्लेम डिजिटल तरीके से ट्रांसफर करेंगे. यह राशि झुंझुनू, राजस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान किसानों के खातों में भेजी जाएगी. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी और राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा भी मौजूद रहेंगे.
किसानों को मिलेगी बड़ी राहत
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, कुल क्लेम राशि में से 1,156 करोड़ रुपये मध्य प्रदेश, 1,121 करोड़ रुपये राजस्थान के 7 लाख किसानों, 150 करोड़ रुपये छत्तीसगढ़ और 773 करोड़ रुपये अन्य राज्यों के किसानों को मिलेंगे. केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि किसानों के हित में सरकार ने क्लेम सेटलमेंट सिस्टम को सरल बनाया है. अब केंद्र की सब्सिडी मिलते ही राज्यों के प्रीमियम योगदान का इंतजार किए बिना किसानों को आनुपातिक भुगतान किया जा सकेगा.
उन्होंने कहा कि खरीफ 2025 सीजन से अगर कोई राज्य सरकार अपना सब्सिडी योगदान देर से करती है, तो उस पर 12 फीसदी का जुर्माना लगेगा. इसी तरह, अगर बीमा कंपनियां भुगतान में देरी करती हैं, तो किसानों को 12 फीसदी अतिरिक्त राशि मिलेगी.
PMFBY ने बदली किसानों की तकदीर
PMFBY योजना वर्ष 2016 में शुरू होने के बाद से अब तक 1.83 लाख करोड़ रुपये के क्लेम का भुगतान कर चुकी है, जबकि किसानों ने केवल 35,864 करोड़ रुपये का प्रीमियम दिया है. चौहान ने कहा कि इसका मतलब है कि प्रीमियम के मुकाबले औसतन पांच गुना ज्यादा क्लेम राशि मिली है, जो सरकार की किसान-हितैषी नीति को दर्शाता है.
तकनीक ने बढ़ाई पारदर्शिता और गति
पिछले कुछ वर्षों में योजना में कई टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन किए गए हैं, जैसे YES-Tech, WINDS पोर्टल, AIDE मोबाइल ऐप, कृषि रक्षक पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर 14447. इनसे न केवल क्लेम निपटान की गति और पारदर्शिता बढ़ी है, बल्कि मौसम डेटा की सटीकता में भी सुधार हुआ है. साथ ही, किसानों को गांव स्तर पर ही पंजीकरण की सुविधा मिल रही है.
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नई व्यवस्था से मिलेगा जल्दी लाभ
कृषि मंत्रालय के अनुसार, नई व्यवस्था से किसानों को समय पर दावा राशि मिल सकेगी. अब तक कई बार राज्यों के प्रीमियम योगदान में देरी के कारण किसानों को भुगतान मिलने में विलंब होता था, लेकिन अब केंद्र सरकार की सब्सिडी मिलते ही आनुपातिक भुगतान शुरू हो जाएगा.
इसके अलावा, देरी पर 12 फीसदी जुर्माने का प्रावधान राज्य सरकारों और बीमा कंपनियों को समय पर कार्रवाई के लिए प्रेरित करेगा, जिससे किसानों को और अधिक लाभ मिलेगा.