इस सीजन रबी की बुवाई तोड़ेगी पिछला रिकॉर्ड, गेहूं–दाल–तिलहनों में तेजी, सरकार बोली- उम्मीद से बेहतर परफॉर्म
इस बार रबी सीजन की शुरुआत किसानों के लिए उत्साहजनक है. क्योंकि एग्रीकल्चर सेक्रेटरी देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि कुल रबी के सीजन में बोई गई जमीन पिछले साल के लेवल 655.88 लाख हेक्टेयर से ज्यादा रहने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि इस बार बारिश पर्याप्त हुई है. हालांकि कुछ इलाकों में फसल की देर से कटाई के कारण थोड़ा विलंब हुआ, लेकिन इसके बावजूद प्रगति उत्साहजनक है.
देश में रबी की फसल बुवाई ने इस साल शानदार रफ्तार पकड़ ली है. एग्रीकल्चर सेक्रेटरी देवेश चतुर्वेदी ने सोमवार को बताया कि कुल रबी बोई गई जमीन पिछले साल के स्तर यानी 655.88 लाख हेक्टेयर से ज्यादा रहने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि इस बार बारिश भी पर्याप्त हुई है. हालांकि कुछ इलाकों में फसल की देर से कटाई के कारण थोड़ा विलंब हुआ, लेकिन इसके बावजूद प्रगति उत्साहजनक है.
एग्रीकल्चर सेक्रेटरी ने कहा, रबी की बुवाई पिछले साल की तुलना में ज्यादा है. बारिश अच्छी हुई. कुछ जगहों पर कटाई देर से हुई, इसलिए शुरुआत थोड़ी धीमी रही, लेकिन हमें पूरा भरोसा है कि कुल रबी क्षेत्र पिछले साल से ऊपर जाएगा.
गेहूं की बुवाई में तेज उछाल
सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस साल 17 नवंबर तक गेहूं की बोआई 66.23 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है. पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 56.55 लाख हेक्टेयर था. देश की मुख्य रबी फसल गेहूं में यह बढ़त किसानों के बढ़े भरोसे को दिखाता है.
इसे भी पढ़ें- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जारी की PM-किसान की 21वीं किस्त, 18000 करोड़ रुपये ट्रांसफर; ऐसे चेक करें अपना स्टेटस
दालों और तिलहनों में भी बढ़ोतरी
दालों की बुवाई में भी तेजी आई है. इस साल 52.82 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में दालें बोई गई हैं, जबकि पिछले साल यह 48.93 लाख हेक्टेयर था. तिलहन फसलों का क्षेत्र भी बढ़कर 15.53 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले साल इसी अवधि में 13.50 लाख हेक्टेयर था.
कुल रबी बुवाई में बड़ी छलांग
17 नवंबर तक सभी रबी फसलों का कुल बोया गया क्षेत्र 208.19 लाख हेक्टेयर रहा है, जो पिछले साल के 188.73 लाख हेक्टेयर से काफी अधिक है. इसका मतलब है कि किसान इस बार मौसम और बाजार दोनों पर ज्यादा भरोसा दिखा रहे हैं.
इसे भी पढ़ें- PM फसल बीमा योजना का बढ़ा दायरा, जंगली जानवरों और जलजमाव से हुए नुकसान पर भी मिलेगा मुआवजा