सिर्फ 30 दिनों में 16000 रुपये पर 1 लाख तक का मुनाफा! MP की इस लड़की ने खेती से किया कमाल
इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए उनके छोटे से वीडियो ने किसानों और आम लोगों के बीच जबरदस्त चर्चा छेड़ दी है. अपने वीडियो में शिवानी ने बताया है कि कैसे एक छोटे धनिया खेत ने उन्हें 1 लाख रुपये से ज्यादा का रिटर्न दिया.
मध्य प्रदेश की एक युवा किसान और एग्रीकल्चर इंफ्लूएंसर शिवानी पवार ने सिर्फ 16,000 रुपये लगाकर एक महीने में 1.09 लाख रुपये का मुनाफा कमाया है. इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए उनके छोटे से वीडियो ने किसानों और आम लोगों के बीच जबरदस्त चर्चा छेड़ दी है. अपने वीडियो में शिवानी ने बताया है कि कैसे एक छोटे धनिया खेत ने उन्हें 1 लाख रुपये से ज्यादा का रिटर्न दिया और कैसे स्मार्ट खेती नौकरी से ज्यादा कमाई दे सकती है.
एक ही फसल से लाख रुपये से ज्यादा की कमाई
शिवानी पवार ने अपने वीडियो में बताया कि उन्होंने एक छोटे प्लॉट पर धनिया लगाया और लगभग 30वें दिन से उसकी कटाई शुरू कर दी. उनकी कुल बिक्री 1.25 लाख रुपये तक पहुंच गई, जबकि बीज, खाद, मजदूरी और सिंचाई पर उनका कुल खर्च सिर्फ लगभग 16,000 रुपये रहा. इस तरह उन्हें करीब 1.09 लाख रुपये का नेट प्रॉफिट मिला है. धनिया रोजमर्रा की रसोई में इस्तेमाल होने वाला एक पॉपुलर हरा मसाला है और कम निवेश में तेज रिटर्न देने वाली फसल मानी जाती है. खास तौर पर सर्दियों में हरी सब्जियों की मजबूत मांग किसानों को बेहतर दाम दिलाती है.
5 से 10 टन प्रति एकड़ तक उपज
धनिया एक तेजी से बढ़ने वाली फसल है, जो 30 से 40 दिनों में तैयार हो जाती है. इसकी औसत उपज 5 से 10 टन प्रति एकड़ तक रहती है. नवंबर 2025 में थोक बाजारों में धनिया की औसत कीमत करीब 1,540 रुपये प्रति क्विंटल रही, जबकि चुनिंदा लॉट 3,500 रुपये प्रति क्विंटल तक बिके. इन्हीं बाजार भावों के आधार पर किसान सिर्फ पत्तियों की कटाई करके एक एकड़ से प्रति माह 60,000 से 1.5 लाख रुपये तक कमा सकते हैं, बशर्ते सिंचाई बेहतर हो और बुवाई को चरणों में किया जाए.
तेज रिटर्न वाली फसलों की ओर झुकाव बढ़ा
शिवानी का वीडियो देश में उभर रहे उस नए ट्रेंड का हिस्सा है, जहां युवा किसान सोशल मीडिया पर अपने तरीकों, मार्केट अपडेट और आय मॉडल साझा कर रहे हैं. धनिया, पालक, हरी प्याज और मेथी जैसी जल्दी तैयार होने वाली फसलें अब कई राज्यों में तेजी से फेमस हो रही हैं. हालांकि मौसम, मिट्टी की स्थिति और मंडी भाव के अनुसार नतीजे बदल सकते हैं, लेकिन शिवानी की सफलता की बुनियाद मजबूत है, कम लागत, तेज कटाई, ज्यादा मांग और तुलनात्मक रूप से कम जोखिम.
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