आफ्टर-मार्केट लाइट्स या हॉर्न जैसी एक्सेसरीज से खत्म हो सकती है कार की वारंटी, क्या आप भी करते हैं ये काम?

Disadvantages of After-Market Accessories: अनअप्रूव्ड एक्सेसरीज लगाने से गाड़ी की इलेक्ट्रिकल वारंटी रद्द हो सकती है. यह गंभीर तकनीकी और आर्थिक नुकसान का कारण बन सकता है. आजकल लोग मार्केट से अपनी कार में कई तरह के बदलाव कराते हैं. ये कई बार भारी नुकसान वाला सौदा भी साबित हो सकता है.

सस्ती एक्सेसरीज पड़ सकती है महंगी. Image Credit: AI

Disadvantages of After-Market Accessories: आजकल की मॉडर्न और हाई टेक्नोलॉजी से लैस गाड़ियां सिर्फ इंजन और पहिए तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि यह स्मार्ट मशीनें अब पूरी तरह इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट (ECU), सेंसर और CAN-बेस्ड वायरिंग सिस्टम पर निर्भर हैं. ऐसे में गाड़ियों में आफ्टर-मार्केट लाइट्स, हॉर्न या अन्य इलेक्ट्रॉनिक एक्सेसरीज जोड़ना आम बात हो गई है, लेकिन अगर यह काम बिना विशेषज्ञ सलाह या सही तकनीकी जानकारी के बिना किया जाए, तो यह गंभीर तकनीकी और आर्थिक नुकसान का कारण बन सकता है. आजकल लोग मार्केट से अपनी कार में कई तरह के बदलाव कराते हैं. अलग-अलग लाइट्स लगवाते है, लेकिन ये कई बार भारी नुकसान वाला सौदा भी साबित हो सकता है.

आफ्टर-मार्केट एक्सेसरीज से भारी नुकसान

आफ्टर-मार्केट एक्सेसरीज सावधानी या एक्सपर्ट की सलाह के बिना लगवाने से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट (ECU) और इलेक्ट्रिकल सिस्टम को नुकसान हो सकता है. गलत वायरिंग या हाई वोल्टेज/अंपरेज से ECU फेल भी हो सकता है.

खर्च करनी पड़ जाएगी मोटी रकम

फाल्स अलार्म, सेंसर फेलियर या डैशबोर्ड पर वॉर्निंग लाइट्स जल सकती हैं. इस स्थिति में आपको भारी नुकसान हो जाएगा और इसे ठीक कराने के लिए आपको मोटी राशि खर्च करनी पड़ेगी. ECU की मरम्मत या रिप्लेसमेंट पर 20,000 रुपये से 80,000 रुपये तक का खर्च आ सकता है.

बैटरी पर बढ़ता दबाव

हाई पावर लाइट्स (जैसे LED Bar, HID, Projector) और पावरफुल हॉर्न से बैटरी और अल्टरनेटर पर अतिरिक्त दबाव बढ़ता है. इससे बैटरी जल्दी डिस्चार्ज हो सकती है. साथ ही अल्टरनेटर की उम्र कम हो सकती है.

कंपनी वारंटी और इंश्योरेंस पर सीधा असर

अनअप्रूव्ड एक्सेसरीज लगाने से गाड़ी की इलेक्ट्रिकल वारंटी रद्द हो सकती है. कंपनी अपनी वारंटी की शर्तों में साफ लिखती है कि अनअप्रूव्ड इलेक्ट्रॉनिक एक्सेसरीज लगाने से इलेक्ट्रिकल वारंटी खत्म हो जाती है.
कभी-कभी इंजन और ECU वारंटी भी रद्द हो सकता है. इसके अलावा इंश्योरेंस क्लेम भी खारिज हो सकता है.

सस्ती एक्सेसरीज कभी-कभी बहुत महंगी पड़ सकती हैं. इसलिए किसी भी एक्सेसरी को लगाने से पहले अधिकृत सर्विस सेंटर या प्रशिक्षित टेक्नीशियन से सलाह लें.

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