गलत कूलेंट मिलाने पर इंजन हो सकता है बर्बाद, प्री-मिक्स्ड या पोस्ट-मिक्स्ड जानें कार के लिए कौन है बेहतर
गलत कूलेंट का चुनाव या उसे मिलाने की गलत विधि कार इंजन के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है. इंजन सीज होने से लेकर महंगी मरम्मत तक की समस्या पैदा हो सकती है. बाजार में प्री-मिक्स्ड और पोस्ट-मिक्स्ड कूलेंट उपलब्ध हैं, जिनका सही चुनाव और सही अनुपात में उपयोग करना जरूरी है. दो अलग-अलग कूलेंट मिलाना या नल के पानी का इस्तेमाल इंजन को नुकसान पहुंचाता है.
Car Coolant: कार के रखरखाव में इंजन कूलेंट की भूमिका अहम होती है, लेकिन इसकी अनदेखी अक्सर मोटर मालिकों को भारी नुकसान पहुंचा देती है. एक्सपर्ट्स की मानें तो गलत कूलेंट का चुनाव या उसे मिलाने की गलत विधि आपके वाहन के इंजन को पूरी तरह से सीज कर सकती है. ऐसे में मरम्मत पर कई हजार रुपये तक का खर्च आ सकता है. आइए जानते हैं कूलेंट से जुड़ी उन जरूरी बातों के बारे में, जो हर कार मालिक को जानना चाहिए.
प्री-मिक्स्ड बनाम पोस्ट-मिक्स्ड: क्या है बेहतर?
मुख्य रूप से बाजार में दो तरह के कूलेंट उपलब्ध हैं, जिनमें प्री-मिक्स्ड और पोस्ट-मिक्स्ड शामिल हैं.
- प्री-मिक्स्ड कूलेंट: यह पहले से ही डिस्टिल्ड वाटर के साथ मिला हुआ आता है. यह उपयोगकर्ताओं के लिए सबसे आसान विकल्प है. इसे सीधे रेडिएटर में डाला जा सकता है. यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए बेहतर है, जो तकनीकी जानकारी रखने में अधिक रुचि नहीं रखते.
- पोस्ट-मिक्स्ड कूलेंट: यह कंसंट्रेटेड रूप में आता है, जिसे इस्तेमाल से पहले डिस्टिल्ड वाटर के साथ मिलाना पड़ता है. इसमें आमतौर पर 50 फीसदी कूलेंट और 50 फीसदी डिस्टिल्ड वाटर का अनुपात होता है. यह आर्थिक रूप से थोड़ा फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसमें सही अनुपात और पानी की शुद्धता का ध्यान रखना जरूरी है.
दो अलग-अलग कूलेंट कभी न मिलाएं
मोटर वाहन एक्सपर्ट लगातार इस बात पर जोर देते हैं कि दो अलग-अलग प्रकार के कूलेंट को आपस में कभी नहीं मिलाना चाहिए. ऐसा करना इंजन के लिए घातक साबित हो सकता है. जब ये आपस में मिलते हैं तो एक केमिकल रिएक्शन हो सकता है. इस प्रतिक्रिया के कारण कूलेंट गाढ़ा हो सकता है, जेल जैसा बन सकता है या प्रीसिपिटेट बना सकता है.
यह गाढ़ा पदार्थ कूलेंट की नलिकाओं, रेडिएटर और इंजन के ब्लॉक के अंदरूनी हिस्सों में जमा हो जाता है, जिससे पानी का प्रवाह रुक जाता है. परिणामस्वरूप इंजन ओवरहीट होता है और अंततः पूरी तरह सीज हो सकता है. ऐसी स्थिति में इंजन की मरम्मत बहुत महंगी पड़ती है और कई बार पूरे इंजन को बदलने की भी नौबत आ सकती है.
सामान्य नल के पानी का प्रयोग है खतरनाक
एक और आम गलती जो लोग करते हैं, वह है कूलेंट में सामान्य नल का पानी या कुएं का पानी मिला देना. यह पानी खनिजों (मिनरल्स) और लवणों (साल्ट्स) से भरपूर होता है. जब इन खनिजों को उच्च तापमान के संपर्क में लाया जाता है, तो ये रेडिएटर और इंजन के अंदर जमा होकर जंग (कॉरोजन) और स्केल (मैल) का कारण बनते हैं.
यह जमाव हीट ट्रांसफर को रोकता है, इंजन के ओवरहीटिंग की संभावना बढ़ाता है और लंबे समय में कूलिंग सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है. इसलिए, अगर आप पोस्ट-मिक्स्ड कूलेंट का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो केवल डिस्टिल्ड वाटर ही मिलाएं, क्योंकि इसमें से सारे खनिज और अशुद्धियां निकाल दी जाती हैं.
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