Bike vs Scooter: बाइक और स्कूटर में कौन बेहतर? आपके लिए क्या रहेगा फायदेमंद? यहां दूर कीजिए उलझन
आज के समय में दोपहिया (टू-व्हीलर) खरीदना आसान नहीं रह गया है. पहले हमारे पास बहुत कम विकल्प होते थे, लेकिन अब कंपनियां अलग-अलग जरूरतों के हिसाब से कई मॉडल लेकर आती हैं. ऐसे में जब कोई नया स्कूटर या मोटरसाइकल लेने जाता है तो कन्फ्यूजन बढ़ जाता है.
Bike vs Scooter: टू-व्हीलर खरीदते समय सबसे बड़ा सवाल यही होता यह है कि स्कूटर लें या मोटरसाइकल? दोनों के अपने-अपने फायदे और सीमाएं हैं. मोटरसाइकल तेज, दमदार और लंबी दूरी की सवारी के लिए सही मानी जाती है, वहीं स्कूटर आसान, आरामदायक और शहर की ट्रैफिक वाली सड़कों पर सबसे बेहतर साबित होता है. ऐसे में कन्फ्यूजन होना लाजमी है. अगर आप भी इसी दुविधा में हैं, तो यह गाइड आपके काम आएगी और आपको सही फैसला लेने में मदद करेगी.
आज के समय में दोपहिया (टू-व्हीलर) खरीदना आसान नहीं रह गया है. पहले हमारे पास बहुत कम विकल्प होते थे, लेकिन अब कंपनियां अलग-अलग जरूरतों के हिसाब से कई मॉडल लेकर आती हैं. ऐसे में जब कोई नया स्कूटर या मोटरसाइकल लेने जाता है तो कन्फ्यूजन बढ़ जाता है. सबसे बड़ा सवाल यही होता है कि स्कूटर लें या मोटरसाइकल?
मोटरसाइकल के फायदे
स्टाइल और लुक मोटरसाइकल का अपना अलग ही रोमांच होता है. यह स्पीड और एडवेंचर का एहसास कराती है. स्पोर्ट्स या टूरिंग मोटरसाइकल की बात ही अलग होती है, जिसे स्कूटर मैच नहीं कर पाता. |
ज्यादा परफॉर्मेंस तेज चलाने और मजेदार राइड के लिए मोटरसाइकल बेहतर होती है. एक्सेलेरेशन और टॉप स्पीड में यह हमेशा स्कूटर से आगे रहती है. 150cc से ऊपर के स्कूटर कम मिलते हैं, जबकि मोटरसाइकल में हर तरह के पावरफुल ऑप्शन मौजूद हैं. |
लंबी दूरी की यात्रा टूरिंग के लिए मोटरसाइकल सबसे बढ़िया है. इसमें बड़ा फ्यूल टैंक, मजबूत इंजन और लंबे सफर के लिए ज्यादा आराम मिलता है. |
बेहतर हैंडलिंग और कंट्रोल बड़े पहिए, मजबूत फ्रेम और गियर कंट्रोल की वजह से मोटरसाइकल मोड़ों पर ज्यादा स्थिर और मजेदार रहती है. |
अच्छी ब्रेकिंग मोटरसाइकल में ब्रेकिंग ज्यादा पावरफुल होती है. साथ ही गियर डाउन करने से इंजन ब्रेकिंग भी मिलती है, जो सुरक्षा बढ़ाती है. |
ज्यादा माइलेज एक ही इंजन कैपेसिटी में मोटरसाइकल स्कूटर से ज्यादा माइलेज देती है. |
ज्यादा वैरायटी मोटरसाइकल कई तरह की मिलती हैं. कम्यूटर, स्पोर्ट्स, क्रूजर, टूरिंग, ऑफ-रोड आदि. जबकि स्कूटर ज्यादातर शहर के लिए ही बने होते हैं. |
बेहतर स्थिरता मोटरसाइकल के बड़े पहिए खराब सड़कों, गड्ढों और मोड़ों पर ज्यादा बैलेंस देते हैं. |
स्कूटर के फायदे
आसान चलाना स्कूटर गियरलेस होते हैं. बस स्टार्ट करो, एक्सेलेरेटर घुमाओ और चल पड़ो. ट्रैफिक में बार-बार गियर बदलने की झंझट नहीं रहती. |
स्टोरेज स्पेस स्कूटर की सबसे बड़ी खासियत है अंडर-सीट स्टोरेज. इसमें 20–22 लीटर तक सामान रखा जा सकता है. साथ ही हुक और छोटे डिब्बे भी होते हैं. |
हल्के और आसान मोड़ने वाले स्कूटर हल्के होते हैं, छोटे टर्न में भी आसानी से घुमाए जा सकते हैं. |
सुरक्षित महसूस होते हैं स्कूटर की स्पीड और पावर कंट्रोल में होती है. इससे नए या अनुभवहीन राइडर्स के लिए यह ज्यादा सुरक्षित लगते हैं. |
कीमत में सस्ते एक ही इंजन और फीचर्स में स्कूटर, मोटरसाइकल से सस्ते आते हैं. |
सभी के लिए बेहतर स्कूटर महिलाओं और पुरुषों दोनों को पसंद आते हैं. आसान ऑपरेशन और स्टोरेज की वजह से हर उम्र और जेंडर के लोग इन्हें आराम से चला लेते हैं. |
कम सीट ऊंचाई स्कूटर की सीट मोटरसाइकल से नीची होती है. छोटे कद के लोग और पहली बार टू-व्हीलर चलाने वाले आसानी से हैंडल कर लेते हैं. |
स्कूटर और मोटरसाइकल दोनों की अपनी-अपनी खूबियां हैं. मोटरसाइकल स्पीड, परफॉर्मेंस और लंबी दूरी की यात्रा के लिए बेहतर है, जबकि स्कूटर शहर के ट्रैफिक, आराम और स्टोरेज जैसी जरूरतों के लिए सबसे सही विकल्प है. अगर आप एडवेंचर और लंबी राइड के शौकीन हैं तो मोटरसाइकल चुनें, और अगर आपकी प्राथमिकता रोजमर्रा की आसान और किफायती सवारी है तो स्कूटर आपके लिए बेहतर रहेगा.
ये भी पढ़े: Maruti बनी दुनिया की 8वीं सबसे बड़ी ऑटो कंपनी, 58 अरब डॉलर पहुंचा मार्केट कैप, डेढ़ महीने में 25% रिटर्न