अगर खरीदी है नई कार तो पहले 1000 KM तक न करें ये गलतियां, वरना बाद में हो सकती है परेशानी
New Car Maintenance: हैं. इस अवधि को ऑटोमोबाइल की भाषा में 'रन-इन पीरियड' कहा जाता है, जहां इंजन, गियरबॉक्स और अन्य मैकेनिकल पार्ट्स अपने बेहतरीन ऑपरेशन के लिए 'सेट' होते हैं. सही ड्राइविंग आदतें और नियमित जांच न केवल गाड़ी की लाइफ बढ़ाएंगी, बल्कि लंबे समय तक आपको स्मूद और भरोसेमंद परफॉर्मेंस भी देंगी.
New Car Maintenance: नई कार लेना हर किसी के लिए एक खास पल होता है, लेकिन इसके शुरुआती 1000 किलोमीटर आपके वाहन की लंबी उम्र और बेहतर परफॉर्मेंस के लिए बेहद अहम होते हैं. इस अवधि को ऑटोमोबाइल की भाषा में ‘रन-इन पीरियड’ कहा जाता है, जहां इंजन, गियरबॉक्स और अन्य मैकेनिकल पार्ट्स अपने बेहतरीन ऑपरेशन के लिए ‘सेट’ होते हैं. गलत ड्राइविंग आदतें इस समय में गाड़ी की परफॉर्मेंस और माइलेज पर बुरा असर डाल सकती हैं. आइए जानते हैं वे 15 बातें, जो शुरुआती 1000 किमी में ध्यान रखना जरूरी है.
स्पीड पर रखें नियंत्रण
पहले 1000 किमी तक कार को 60–80 किमी/घंटा से ज्यादा स्पीड पर न चलाएं. तेज रफ्तार इंजन पर अतिरिक्त दबाव डाल सकती है.
अचानक एक्सिलरेशन और ब्रेकिंग से बचें
तेजी से स्पीड बढ़ाना या जोर से ब्रेक लगाना इंजन और ब्रेक सिस्टम पर दबाव डालता है. धीरे-धीरे एक्सिलरेट करें और सॉफ्ट ब्रेकिंग अपनाएं.
इंजन को ज्यादा देर आइडल न रखें
लंबे समय तक इंजन चालू छोड़ने से फ्यूल बर्बाद होता है और ऑयल प्रेशर पर असर पड़ता है.
लंबी दूरी की लगातार हाईवे ड्राइविंग से बचें
एक जैसी स्पीड पर लगातार ड्राइविंग से इंजन जल्दी गर्म हो सकता है.
RPM नियंत्रित रखें
इंजन को 2500–3000 RPM से ऊपर न ले जाएं, ताकि पार्ट्स आसानी से सेट हो सकें.
ओवरलोडिंग न करें
शुरुआती दौर में ज्यादा यात्रियों या भारी सामान के साथ ड्राइविंग से बचें.
एसी का संतुलित इस्तेमाल
जरूरत के अनुसार एसी चलाएं, लेकिन लगातार फुल ब्लास्ट पर न रखें.
गियर बदलने में रखें स्मूदनेस
गियर को झटके में बदलना गियरबॉक्स को नुकसान पहुंचा सकता है.
ऑयल और कूलेंट चेक करें
हर 200–300 किमी पर इंजन ऑयल और कूलेंट का स्तर जांचें.
पहली सर्विस समय पर कराएं
आमतौर पर 1000 किमी के बाद पहली सर्विस होती है, इसे टालें नहीं.
टायर प्रेशर पर नजर
गलत टायर प्रेशर माइलेज, कंट्रोल और टायर लाइफ पर असर डालता है.
सस्पेंशन और स्टेयरिंग चेक करें
अगर असामान्य आवाज या झटका महसूस हो, तो तुरंत जांच करवाएं.
ऑफ-रोडिंग से बचें
शुरुआती समय में कार को सिर्फ नॉर्मल सड़कों पर ही चलाएं.
फ्यूल टैंक को खाली न होने दें
कम फ्यूल पर ड्राइविंग से इंजन और फ्यूल पंप को नुकसान हो सकता है.
कार के बिहेवियर को समझें
किसी भी असामान्य आवाज, कंपन या परफॉर्मेंस में गिरावट पर तुरंत वर्कशॉप जाएं.
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