सर्दियों में कार हीटर इस्तेमाल के लिए ये हैं गोल्डन रूल्स, जानें A to Z गाइड; सफर होगा आसान
सर्दियों में कार चलाते समय हीटर का सही इस्तेमाल आपकी सेहत और इंजन दोनों के लिए जरूरी है. जानिए हीटर चलाने से पहले इंजन को वार्मअप क्यों देना चाहिए, एयर सर्कुलेशन और डिफॉगर मोड का सही उपयोग क्या है, और क्यों तापमान को एकदम से हाई नहीं करना चाहिए. इन गोल्डन रूल्स को अपनाकर आप ठंड में भी आरामदायक और सुरक्षित सफर का आनंद ले सकते हैं.
Car heater tips: ठंड का मौसम आते ही कार में सफर करने वालों के लिए हीटर एक वरदान की तरह साबित होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि गलत तरीके से हीटर चलाना न केवल असुविधाजनक हो सकता है, बल्कि यह सेहत के लिए नुकसानदायक होने के साथ-साथ कार के इंजन पर भी अतिरिक्त दबाव डाल सकता है? अक्सर लोग कार स्टार्ट करते ही हीटर ऑन कर देते हैं और फिर शिकायत करते हैं कि हवा गर्म नहीं हो रही या शीशे धुंधले हो रहे हैं. आइए जानते हैं सर्दियों में कार का हीटर इस्तेमाल करने के वैज्ञानिक और सही तरीके क्या हैं.
इंजन को दें वार्मअप का समय
सबसे महत्वपूर्ण और अक्सर की जाने वाली गलती है, कार स्टार्ट करते ही हीटर चला देना. जब आप कार स्टार्ट करते हैं, तब इंजन और कूलेंट दोनों ठंडे होते हैं. हीटर वास्तव में इंजन से उत्पन्न गर्मी का इस्तेमाल करता है. यदि इंजन गर्म नहीं हुआ है, तो हीटर से केवल ठंडी हवा ही निकलेगी, जिससे आपको और अधिक ठंड लगेगी तथा इंजन पर अनावश्यक लोड पड़ेगा.
एक्सपर्ट का सुझाव है कि कार स्टार्ट करने के बाद इंजन को कम से कम 2 से 5 मिनट तक चलने दें. इस दौरान हीटर ऑन न करें. जब इंजन का तापमान बढ़ जाएगा, तब हीटर से निकलने वाली हवा वास्तव में गर्म और आरामदायक होगी.
एयर सर्कुलेशन मोड का सही चुनाव करें
कार में एयर सर्कुलेशन के दो मोड होते हैं, फ्रेश एयर मोड (बाहर की हवा अंदर आती है) और रीसर्कुलेशन मोड (अंदर की हवा बार-बार घूमती रहती है). सर्दियों में लोग गर्मी बचाने के लिए रीसर्कुलेशन मोड चालू रखते हैं, लेकिन यही शीशों पर फॉग बनने का मुख्य कारण होता है. अंदर बैठे लोगों की सांसों और शरीर से निकलने वाली नमी बंद कैबिन में घूमती रहती है, जो ठंडे शीशों पर जमकर भाप का रूप ले लेती है.
इस समस्या से बचने के लिए शुरुआती कुछ मिनटों तक फ्रेश एयर मोड चालू रखें. इससे अंदर की नमी बाहर निकल जाएगी और कैबिन में ताजी हवा आएगी. एक बार हवा गर्म हो जाने और नमी कम हो जाने के बाद आप रीसर्कुलेशन मोड पर स्विच कर सकते हैं.
डिफॉगर का सही इस्तेमाल
अगर कार के शीशे अचानक भाप से भर गए हैं, तो घबराएं नहीं. इसके लिए डिफॉगर मोड बना ही है. डैशबोर्ड पर विंडशील्ड के निशान वाला बटन दबाएं. यह मोड हवा का फ्लो सीधे आगे और पीछे के शीशों की ओर कर देता है. इस मोड में हीटर और AC मिलकर काम करते हैं, जिससे गर्म और सूखी हवा शीशों से टकराकर भाप को तेजी से साफ करती है. याद रखें, तौलिए या हाथ से शीशा पोंछना केवल अस्थायी समाधान है, जबकि डिफॉगर समस्या की जड़ पर काम करता है.
तापमान को एकदम से हाई न करें
अक्सर ठंड से बचने के चक्कर में लोग हीटर को तुरंत हाई पर सेट कर देते हैं. यह शरीर के लिए सही नहीं है. अचानक तेज गर्मी से चक्कर आना, घुटन महसूस होना या सिर दर्द हो सकता है. साथ ही, कार के अंदर और बाहर के तापमान में अधिक अंतर होने से सर्दी-जुकाम की संभावना भी बढ़ जाती है. बेहतर होगा कि हीटर को पहले मीडियम तापमान पर सेट करें और शरीर को धीरे-धीरे एडजस्ट होने दें. 5-10 मिनट बाद जरूरत के अनुसार तापमान बढ़ाया जा सकता है. इससे कार के अंदर संतुलित और आरामदायक गर्मी बनी रहेगी.
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