बिहार की महिलाओं को मिलेंगे 2 लाख, जानें 10,000 की पहली किस्त के बाद कैसे करें आवेदन, ये है पूरा तरीका

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत बिहार की 75 लाख महिलाओं को रोजगार शुरू करने के लिए 10 हजार रुपये की पहली किस्त दी गई है. अब काम शुरू करने और सरकार द्वारा समीक्षा के बाद वही महिलाएं आगे 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त आर्थिक सहायता पा सकेंगी. यह पहल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम है.

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना

Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana: आज यानी 26 सितंबर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ की शुरुआत की. इस मौके पर पीएम मोदी ने बिहार की 75 लाख महिलाओं के बैंक खाते में 10,000-10,000 रुपये ट्रांसफर किए. यानी कुल 7,500 करोड़ रुपये महिलाओं तक पहुंचाए गए. इस योजना का मकसद है कि राज्य के हर परिवार की एक महिला को अपनी पसंद का रोजगार शुरू करने के लिए आर्थिक मदद दी जाए. खास बात यह है कि शहर और गांव की महिलाओं के लिए यह योजना अलग-अलग विभागों के जरिए लागू की जा रही है. गांव में रहने वाली महिलाओं के लिए इस योजना को बिहार सरकार के तहत बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका) चला रही है. वहीं, शहरी क्षेत्रों में इसका जिम्मा नगर विकास एवं आवास विभाग को जिम्मा मिला है.

अब जब बिहार के हर परिवार की एक महिला को अपने सपनों का रोजगार शुरू करने के लिए पहली किस्त के तौर पर 10 हजार रुपये मिल ही गए हैं, तो सवाल यह है कि आगे चलकर उन्हें 2 लाख रुपये की और मदद कैसे मिलेगी. आइए जानते हैं.

किसे मिलेगा मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का फायदा

इस योजना का फायदा सिर्फ बिहार की महिलाओं को मिलेगा. इसके तहत महिलाएं अपनी पसंद का रोजगार चुन सकती हैं. योजना का लाभ पाने के लिए महिला बिहार की स्थायी निवासी होनी चाहिए. इसके अलावा उसकी न्यूनतम पढ़ाई इंटरमीडिएट, आईटीआई, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा या इसके बराबर होनी जरूरी है. उम्र 18 से 60 साल के बीच होनी चाहिए. परिवार में कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए.

कैसे मिलेगा 2 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद

योजना के तहत शुरुआत में हर परिवार की एक महिला को 10 हजार रुपये की पहली किस्त दी जा रही है. जब महिला अपना रोजगार शुरू कर लेगी और सरकार उसकी प्रगति का रिव्यू करेगी, तब उन्हें आगे चलकर 2 लाख रुपये की अतिरिक्त मदद दी जाएगी. सरकार का कहना है कि इस कदम से न सिर्फ महिलाओं को मजबूती मिलेगी बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी.

योजना से जुड़ी शर्तें और एलिजिबिलिटी

  • परिवार का मतलब है पति-पत्नी और उनके अविवाहित बच्चे.
  • ऐसी अविवाहित महिला जिनके माता-पिता जीवित नहीं हैं, उन्हें एकल परिवार माना जाएगा और वे भी इस योजना का लाभ ले सकेंगी.
  • शहरी क्षेत्रों के स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी महिलाएं इस योजना की पात्र होंगी.
  • ध्यान देने वाली बात ये है कि जो महिलाएं अभी तक SHG से जुड़ी नहीं हैं, उन्हें पहले समूह से जुड़ना होगा.
  • इसके अलावा आवेदिका या उसका पति टैक्स पेयर नहीं होना चाहिए.
  • आवेदिका या उसका पति सरकारी नौकरी (रेगुलर या संविदा) में नहीं होना चाहिए.
  • उम्र 18 से 60 साल के बीच होनी जरूरी है.

शहरी क्षेत्रों की महिलाओं के लिए आवेदन प्रक्रिया

  • शहरी क्षेत्र की महिलाएं योजना के लिए जीविका की वेबसाइट brlps पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा.
  • आवेदन के समय मोबाइल नंबर, आधार नंबर, बैंक खाता डिटेल और रोजगार का प्रकार भरना जरूरी होगा.
  • साथ ही आधार कार्ड, बैंक पासबुक (नाम, खाता संख्या और IFSC कोड के साथ), पासपोर्ट साइज फोटो और हस्ताक्षर की स्कैन कॉपी अपलोड करनी होगी.
  • जो महिलाएं पहले से SHG की सदस्य हैं, उन्हें ऑनलाइन आवेदन करने की जरूरत नहीं है.
  • सभी आवेदनों का फिजिकल वेरिफिकेशन होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि महिला बिहार की निवासी है.
  • योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं को ट्रेनिंग भी लेनी होगी.
  • जरूरत पड़ने पर और दस्तावेज मांगे जा सकते हैं.

गांव की महिलाओं के लिए आवेदन प्रक्रिया

  • गांव की जो महिलाएं जीविका के स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं, उन्हें सीधे इस योजना का फायदा मिलेगा.
  • इसके लिए समूह की एक बैठक बुलाई जाएगी और सभी महिलाओं का आवेदन सामूहिक रूप से लिया जाएगा.
  • जो महिलाएं अभी तक समूह से नहीं जुड़ी हैं, उन्हें पहले समूह में शामिल होना होगा और फिर आवेदन करना होगा.
  • आवेदन करने के लिए संबंधित ग्राम संगठन से संपर्क करना होगा.
  • याद रहे समूह में शामिल होने के बाद ही योजना का लाभ मिलेगा.

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