अहमदाबाद एयर इंडिया विमान में लगा था बेहद महंगा इंजन, जानें कितनी होती है कीमत, फिर क्यों हो गए दोनों एक साथ फेल

अहमदाबाद प्लेन हादसे के एक महीने बाद शुरुआती जांच रिपोर्ट सामने आ गई है. जांच में साफ हुआ है कि यह हादसा विमान के दोनों इंजन बंद होने की वजह से हुआ है. ऐसे में सवाल बोइंग 787 के इंजन और उसकी तकनीक पर उठ रहे हैं. इतना महंगा और एडवांस इंजन होने के बावजूद कैसे हुआ इतना बड़ा फेलियर.

अहमदाबाद विमान हादसा Image Credit:

Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद प्लेन हादसे के एक महीने बाद शुरुआती जांच रिपोर्ट सामने आ गई है. एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो यानी AAIB ने 15 पेज की रिपोर्ट दी है. जांच में साफ हुआ है कि यह हादसा विमान के दोनों इंजन बंद होने की वजह से हुआ. रिपोर्ट में कहा गया है कि टेकऑफ के तुरंत बाद दोनों इंजन के फ्यूल कंट्रोल स्विच खुद-ब-खुद बंद हो गए थे. इसके चलते इंजन को ईंधन मिलना बंद हो गया और दोनों इंजन ठप हो गए. कॉकपिट की रिकॉर्डिंग में एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि क्या तुमने फ्यूल स्विच बंद किया है. जवाब मिला, नहीं.

आमतौर पर ऐसा कभी नहीं होता कि दोनों इंजन एक साथ फेल हो जाएं. दो इंजन वाले विमान इस तरह बनाए जाते हैं कि एक फेल हो जाए तो दूसरा विमान को उड़ाए सके. लेकिन एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 के साथ ऐसा नहीं हुआ. दोनों इंजन एक के बाद एक बंद हो गए और प्लेन कुछ ही सेकंड में एक मेडिकल कॉलेज टकरा गया. ऐसे में सवाल बोइंग 787 के इंजन और उसकी तकनीक पर उठ रहे हैं. इतना महंगा और एडवांस इंजन होने के बावजूद आखिर कैसे हुआ इतना बड़ा फेलियर.

जांच में सामने आई तकनीकी गड़बड़ी

AAIB की रिपोर्ट कहती है कि फ्यूल कंट्रोल स्विच का बंद होना अनजाने में हुआ. यानी पायलटों ने जानबूझकर ऐसा नहीं किया. न ही फ्लाइट मैन्युअल में इस स्थिति के लिए कोई चेतावनी जारी थी. दोनों स्विच एक-दूसरे से महज 1 सेकंड के अंतर पर कट हुए. बाद में पायलट्स ने उन्हें RUN पोजिशन में वापस किया लेकिन तब तक ऊंचाई बहुत कम थी. इंजन-1 थोड़ा एक्टिव हुआ भी लेकिन इंजन-2 पूरी तरह फेल रहा.

क्या होता है फ्यूल कंट्रोल स्विच और इतना अहम क्यों है?

फ्यूल कंट्रोल स्विच इंजन के लिए ईंधन चालू या बंद करता है. RUN मोड में फ्यूल मिलता रहता है. लेकिन अगर स्विच CUTOFF पर चला जाए तो इंजन फ्यूल के बिना रुक जाता है. FAA ने पहले भी 2018 में चेतावनी दी थी कि Boeing 737 में ऐसा स्विच लॉकिंग में गड़बड़ी पाई गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक वही डिजाइन बोइंग 787-8 VT-ANB में भी इस्तेमाल हुआ था. यानी गलती से स्विच मूव होने की आशंका पहले भी जताई जा चुकी थी.

इतना एडवांस विमान और फिर भी फेल हो गया सिस्टम?

बोइंग 787 ड्रीमलाइनर को दुनिया के सबसे आधुनिक विमानों में गिना जाता है. इसके दो इंजन होते हैं General Electric GEnx-1B और Rolls-Royce Trent 1000. ये दोनों इंजन ईंधन की कम खपत, कम आवाज और लंबी दूरी तय करने की क्षमता के लिए मशहूर हैं. विमान की बॉडी 50 फीसदी तक कार्बन फाइबर से बनी होती है जिससे यह हल्का होता है. यह पुराने विमानों की तुलना में 20 से 25 फीसदी तक कम फ्यूल खपत करता है. इसमें बड़े विंडो, बेहतर ह्यूमिडिटी और कैबिन प्रेशर होते हैं जिससे यात्रियों को लंबी फ्लाइट में भी थकान कम महसूस होती है.

आखिर बोइंग 787 का इंजन कितने में आता है?

वैसे तो एक बोइंग 787-8 की बेस कीमत करीब 239 से 250 मिलियन डॉलर (2,000 करोड़ से ज्यादा) होती है. लेकिन इस कीमत का एक बड़ा हिस्सा उसके इंजन की लागत होती है. GE एयरोस्पेस की रिपोर्ट के मुताबिक, GEnx-1B इंजन की कीमत करीब 50 मिलियन डॉलर यानी लगभग 429 करोड़ रुपये है.

क्या एक इंजन से विमान उड़ सकता है?

जवाब है, हां. आज के समय में सभी कमर्शियल ट्विन इंजन विमान इस डिजाइन के होते हैं कि अगर एक इंजन फेल हो जाए, तो दूसरा इंजन विमान को आराम से निकटतम एयरपोर्ट तक ले जा सकता है. लेकिन जब दोनों इंजन लगभग एक साथ फेल हो जाएं और विमान जमीन के बेहद करीब हो, तो पायलट के पास वक्त भी नहीं बचता.

Boeing SOP के मुताबिक क्या करना होता है?

बोइंग की मानक प्रक्रिया कहती है कि डुअल इंजन फेल होने पर पायलट को फ्यूल कंट्रोल स्विच ON/OFF कर EEC को रीसेट करना होता है. इसे विंडमिल स्टार्ट कहते हैं. लेकिन विंडमिल स्टार्ट के लिए प्लेन को हवा में कुछ देर रहना जरूरी होता है. इस केस में टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही दोनों इंजन बंद हो गए थे और RAT (Ram Air Turbine) एक्टिव हो चुका था. यानी पूरा सिस्टम बैकअप मोड पर चला गया था.

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