हाई रिटर्न का झांसा देकर 9.38 करोड़ की ठगी, हल्दीराम डायरेक्टर बने शिकार; जानें क्या है पूरा मामला
मिठाई और नमकीन बनाने वाली मशहूर ब्रांड हल्दीराम के डायरेक्टर से चार लोगों ने 9.38 करोड़ रुपये की ठगी की है. आरोपियों ने हल्दीराम के डायरेक्टर को निवेश करने की सलाह दी थी और हाई रिटर्न का वादा किया था. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.

Haldiram Fraud Case: फूड और स्वीट्स ब्रांड Haldiram के डायरेक्टर कमल अग्रवाल से मुंबई के चार लोगों ने मिलकर करीब 9.38 करोड़ रुपये की ठगी की है. आरोपियों ने उन्हें अपनी ड्राई फ्रूट कंपनी में निवेश के लिए फर्जी दस्तावेज और झूठे वादों के जरिए फंसा लिया, जिसमें हाई रिटर्न का लालच दिया गया था. फिलहाल इस मामले में नागपुर के कलमना पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है, जबकि सभी आरोपी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश में जुटी है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला और कैसे हुई यह ठगी.
कैसे हुई ठगी?
दरअसल कमल अग्रवाल, जो कि Haldiram Foods International Ltd के डायरेक्टर हैं और Om Industries के मालिक हैं, को Royal Dryfruit Private Limited में इन्वेस्टमेंट करने का झांसा दिया गया. मुंबई के बांद्रा निवासी समीर अब्दुल हुसैन ललानी, उनकी पत्नी हीना ललानी, बेटा अलीशान ललानी और सहयोगी प्रकाश भोसले ने उन्हें निवेश का लालच दिया.
कैसे किया ठगी?
आरोपियों ने सबसे पहले अग्रवाल के इन्वेस्टमेंट ऑफिसर से संपर्क किया और नकली बैलेंस शीट और बिजनेस रिकॉर्ड दिखाए. बदले में 12.5 करोड़ रुपये के निवेश पर 35 फीसदी की साझेदारी का वादा किया गया. बाद में यह वादा 76 फीसदी शेयर में बदल दिया गया और इस पर नया एग्रीमेंट भी साइन हुआ. इसके बाद जनवरी से जून 2023 के बीच कमल अग्रवाल ने ऑनलाइन 4.5 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए और कुल मिलाकर 9.38 करोड़ रुपये थे. लेकिन इसके बाद ना तो कोई शेयर ट्रांसफर हुआ और ना ही किसी तरह का रिटर्न मिला.
कैसे हुआ धोखाधड़ी का पर्दाफाश?
जब लगातार वादे टूटते गए और दस्तावेज नहीं दिए गए, तो Haldiram की टीम ने जांच शुरू की. जांच में पता चला कि Royal Dryfruit Pvt Ltd ने अपने टर्नओवर और मुनाफे के आंकड़े फर्जी तरीके से बढ़ा-चढ़ाकर दिखाए थे. इन झूठे आंकड़ों के जरिए कंपनी को एक हाई-वैल्यू वेंचर की तरह प्रोजेक्ट किया गया था. दरअसल यह घटना ऐसे वक्त सामने आई है, जब Haldiram ग्रुप अपने नागपुर और दिल्ली यूनिट्स का मर्जर कर 84,000 करोड़ रुपये की एक बड़ी इकाई में बदल रहा है.
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