Air India क्रैश में चौंकाने वाले खुलासे, टेकऑफ के बाद दोनों इंजन हो गए बंद; पायलटों की बातचीत आई सामने

एयर इंडिया विमान हादसे की जांच शुरू हो गई है. जांच ब्यूरो (AAIB) ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. शुरूआती जांच के अनुसार, उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद विमान के दोनों इंजनों के फ्यूल स्विच 'RUN' से 'CUTOFF' की स्थिति में चले गए. इससे इंजनों में ईंधन की आपूर्ति रुक गई और विमान क्रैश हो गया. आइए विस्तार से जानते हैं कि शुरुआती जांच में अब तक क्या-क्या पता लगा है.

एयर इंडिया विमान हादसा Image Credit: ANI

AAIB Probe Report: 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का विमान AI 171 दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे की जांच शुरू हो गई है. जांच ब्यूरो (AAIB) ने 15 पन्नों की प्रारंभिक रिपोर्ट भी जारी की है. रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. शुरूआती जांच के अनुसार, उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद विमान के दोनों इंजनों के फ्यूल स्विच ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ की स्थिति में चले गए. इससे इंजनों में ईंधन की आपूर्ति रुक गई और विमान क्रैश हो गया. आइए विस्तार से जानते हैं कि शुरुआती जांच में अब तक क्या-क्या पता लगा है.

पायलट ने आपस में क्या बात-चीत की थी?

जांच में कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर से पता चला कि पायलट सुमीत सभरवाल ने अपने को-पायलट क्लाइव कुंदर से सवाल पूछा- ‘तुमने इंजन फ्यूल क्यों बंद किया?’. इसके जवाब में को-पायलट क्लाइव कुंदर ने कहा, ‘मैंने कुछ नहीं किया.’ AAIB की रिपोर्ट के अनुसार, इंजन-1 और इंजन-2 के फ्यूल कट-ऑफ स्विच (जो इंजन को ईंधन भेजते हैं) ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ पोजिशन में चले गए, जिससे इंजनों में ईंधन आना बंद हो गया और दोनों इंजन के N1 व N2 रोटेशन स्पीड तेजी से गिरने लगी. इसके बाद फ्यूल स्विच को ‘CUTOFF’ से ‘RUN’ स्थिति में लाने की कोशिश की गई, ताकि इंजन फिर से चालू हो सके. लेकिन विमान बहुत कम ऊंचाई पर था, इसलिए इंजनों को दोबारा शुरू करने का समय नहीं मिला. उड़ान शुरू होने के 30 सेकंड बाद ही विमान क्रैश हो गया.

क्या होता है फ्यूल कंट्रोल स्विच?

फ्यूल कंट्रोल स्विच बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. ये स्विच इंजन में ईंधन की आपूर्ति को नियंत्रित करते हैं. जांच में अभी यह साफ नहीं हुआ है कि स्विच किसने या कैसे बंद किए. ये स्विच आमतौर पर जमीन पर ही इस्तेमाल किए जाते हैं. उड़ान के दौरान इन्हें तभी बंद किया जाता है, जब इंजन में कोई गंभीर खराबी हो और उसे बंद करना जरूरी हो. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि विमान एयरपोर्ट को क्रॉस करने से पहले ही ऊंचाई खोने लगा था. जांच में इस बात के कोई संकेत नहीं मिले हैं कि विमान के रास्ते में कोई पक्षी थे. इससे यह साफ है कि बर्ड हिट इस दुर्घटना का कारण नहीं था.

FAA ने फ्यूल स्विच की खराबी के बारे में दी थी चेतावनी

शुरूआती रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2018 में अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने फ्यूल स्विच की लॉकिंग में संभावित खराबी के बारे में चेतावनी दी थी, लेकिन यह केवल सलाह थी. इसलिए एयर इंडिया ने इसकी जांच नहीं की. विमान के रखरखाव रिकॉर्ड में दिखा कि साल 2019 और साल 2023 में थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल बदला गया था, लेकिन इसका फ्यूल स्विच से कोई संबंध नहीं था. साल 2023 के बाद फ्यूल स्विच में कोई खराबी दर्ज नहीं हुई.

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि विमान का टेक-ऑफ वजन सही था, मौसम में कोई समस्या नहीं थी, और फ्लैप्स सही स्थिति में थे. विमान में कोई खतरनाक सामान भी नहीं था. जांच में मलबे का ड्रोन से फोटो और वीडियो लिया गया है, इंजनों को अलग रखा गया है, और ब्लैक बॉक्स डेटा की जांच चल रही है. एकमात्र जीवित यात्री और गवाहों के बयान लिए गए हैं. ईंधन के कुछ नमूने जांच के लिए भेजे जाएंगे, लेकिन अहमदाबाद हवाई अड्डे के ईंधन टैंकों की जांच में कोई खराबी नहीं पाई गई.

शुरुआती दौर में है जांच

इस उड़ान में को-पायलट क्लाइव कुंदर विमान उड़ा रहे थे, जबकि पायलट-इन-कमांड सुमीत सभरवाल निगरानी कर रहे थे. सभरवाल के पास 8,600 घंटे और कुंदर के पास 1,100 घंटे का बोइंग 787 उड़ाने का अनुभव था. दोनों पायलट पूरी तरह प्रशिक्षित थे और उड़ान से पहले पर्याप्त आराम कर चुके थे. अभी जांच शुरुआती दौर में है और इसे पूरा होने में महीनों या साल भी लग सकते हैं. अंतिम रिपोर्ट एक साल में आने की उम्मीद है.

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