अनिल अंबानी को बड़ी राहत, RCOM से फ्रॉड का टैग हटा, केनरा बैंक के 1050 करोड़ लोन का है मामला

Anil Ambani: यह लोन अकाउंट अंबानी की फर्म रिलायंस कम्युनिकेशंस से संबंधित है, जो दिवालियापन की कार्यवाही से गुजर रही है. 8 नवंबर 2024 को बैंक ने लोन अकाउंट को फ्रॉड के रूप में कैटेगराइज्ड किया था. हालांकि, अब अनिल अंबानी को बैंक से राहत मिल गई है.

अनिल अंबानी को मिली बड़ी राहत. Image Credit: Tv9

Anil Ambani: उद्योगपति अनिल अंबानी को केनरा बैंक से राहत मिली है. केनरा बैंक ने गुरुवार 10 जुलाई को बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया कि उसने उद्योगपति अनिल अंबानी से जुड़ी एक फर्म के लोन अकाउंट को ‘फ्रॉड’ के रूप में कैटेगराइज्ड करने का आदेश वापस ले लिया है.

कोर्ट ने कही ये बात

बैंक के सूचना देने के बाद न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति नीला गोखले की पीठ ने बैंक के आदेश को चुनौती देने वाली अंबानी द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि इसमें कुछ भी नहीं बचा है. पीठ ने कहा कि वापसी के आदेश की सूचना भारतीय रिजर्व बैंक को दी जाएगी. यह लोन अकाउंट अंबानी की फर्म रिलायंस कम्युनिकेशंस से संबंधित है, जो दिवालियापन की कार्यवाही से गुजर रही है.

क्या है पूरा मामला?

8 नवंबर 2024 को बैंक ने लोन अकाउंट को फ्रॉड के रूप में कैटेगराइज्ड किया, जिसमें यह भी शामिल था कि 2017 में दिया गया 1,050 करोड़ रुपये का कर्ज एक समूह की कंपनी को भेजा गया था, ताकि उससे जुड़े या संबंधित पक्षों को अन्य देनदारियों का भुगतान किया जा सके.

यह आदेश धोखाधड़ी वाले खातों से संबंधित RBI के मास्टर सर्कुलर पर आधारित था, जिसमें ऐसी घोषणाओं के लिए दिशानिर्देश दिए गए थे. इस साल फरवरी में हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई लंबित रहने तक आदेश पर रोक लगा दी थी.

कोर्ट ने उठाया था सवाल

उस समय उच्च न्यायालय ने सवाल उठाया था कि क्या RBI उन बैंकों के खिलाफ कार्रवाई करेगा, जिन्होंने बार-बार उसके मास्टर सर्कुलर और सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले की अवहेलना की है, जिसमें कहा गया है कि उधारकर्ताओं के खातों को ‘फ्रॉड’ घोषित करने से पहले उन्हें सुनवाई का अवसर दिया जाना चाहिए.

अंबानी ने दी थी चुनौती

अंबानी ने केनरा बैंक के आदेश को चुनौती देते हुए तर्क दिया था कि उनके लोन अकाउंट को फ्रॉड घोषित करने से पहले उनकी सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया. उद्योगपति ने तर्क दिया था कि धोखाधड़ी का वर्गीकरण 8 नवंबर 2024 को जारी किया गया था, लेकिन उन्हें इसकी सूचना 25 दिसंबर को दी गई, जबकि उच्च न्यायालय ने एक संबंधित मामले में इसी तरह के कैटेगराइजेशन पर पहले ही रोक लगा दी थी.

अंबानी ने आगे दावा किया कि केनरा बैंक ने आधिकारिक तौर पर आदेश जारी करने से पहले ही, 6 सितंबर 2024 को ही RBI को धोखाधड़ी के वर्गीकरण के बारे में सूचित कर दिया था.

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