अनिल अंबानी के लिए कुबेर का खजाना बना ये देश, कर रहा धड़ाधड़ डील, क्या चमकेगी किस्मत?
एक समय में कर्ज में डूबे अनिल अंबानी की किस्मत ने अब यू-टर्न ले लिया है. उनकी दोनों कंपनियां रिलायंस इंफ्रा और रिलायंस पावर धमाकेदार प्रदर्शन कर रही हैं. इतना ही नहीं अनिल अंबानी लगातार विदेशी कंपनियों से डील हो रही है, जिससे उनकी पकड़ बाजार में और मजबूत हो रही है. हाल ही में जर्मनी कंपनी के साथ हुई डील भी उनकी किस्मत को चमका सकती है.

Anil Ambani new deal: अनिल अंबानी के सितारे इन-दिनों बुलंदियों पर है. उनके लिए पारस पत्थर का काम करने वाली रिलायंस इंफ्रा की सहायक कंपनी रिलायंस डिफेंस को लगातार एक के बाद एक नई डील मिल रही है. खास बात यह है कि अनिल अंबानी पर जर्मनी ने काफी भरोसा दिखाया है. यही वजह है कि हाल ही में रिलायंस डिफेंस ने जर्मनी की Diehl Defence के साथ एक बड़ी डील की है. इससे पहले भी जर्मनी की एक दूसरी कंपनी ने अंबानी के साथ गोला बारूद बनाने के लिए हाथ मिलाया था. तो आखिर क्यों जर्मनी की कंपनियां हैं अनिल अंबानी पर मेहरबान, कैसे रिलायंस डिफेंस का बढ़ रहा दबदबा, यहां जानें पूरी डिटेल.
क्या होगी रिलायंस डिफेंस की भूमिका?
अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस यानी R-डिफेंस ने भारतीय सशस्त्र बलों के लिए अगली पीढ़ी की टर्मिनली गाइडेड म्यूनिशन्स (TGM) बनाने के लिए जर्मनी की दिग्गज कंपनी डाइहल डिफेंस के साथ हाथ मिलाया है. यह पार्टनरशिप भारत में वुल्केनो 155 mm प्रिसिजन-गाइडेड म्यूनिशन सिस्टम का स्थानीय उत्पादन करेगी, जिससे देश की डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग को बल मिलेगा. इतना ही नहीं R-डिफेंस महाराष्ट्र के रत्नागिरी में वटद इंडस्ट्रियल एरिया में एक बड़ा, हाईटेक और ग्रीनफील्ड इंटीग्रेटेड गोला-बारूद व विस्फोटक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाएगी. अगले पांच साल में इस प्रोजेक्ट में 5,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा. रिलायंस डिफेंस इस प्रोजेक्ट में भारतीय सशस्त्र बलों के लिए प्राइम कॉन्ट्रैक्टर होगी, जबकि डाइहल डिफेंस क्रिटिकल टेक्नोलॉजी और सिस्टम-लेवल एक्सपर्टीज देगी.
जर्मनी से पहले से है कनेक्शन
यह पहला मौका नहीं है जब अनिल अंबानी ने जर्मनी कंपनी से डील की हो. इससे पहले मई में R-डिफेंस ने जर्मनी की एक और बड़ी कंपनी राइनमेटल AG के साथ साझेदारी की थी. इसके तहत दोनों कंपनियों ने मध्यम और बड़े कैलिबर गोला-बारूद के लिए विस्फोटक और प्रोपेलेंट्स सप्लाई की डील की थी. पार्टनरशिप के तहत रत्नागिरी में प्लांट तैयार किए जाने की भी योजना है.
रिलायंस का ग्लोबल नाता
Diehl Defence या राइनमेटल AG ही नहीं इससे पहले भी अनिल अंबानी की कंपनी ने कई ग्लोबल डील की है. इससे पहले कंपनी ने फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन, थेल्स ग्रुप के साथ करार किए थे. अनिल अंबानी का ये स्ट्रैटेजिक गठजोड़ न सिर्फ भारत की डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग को तेज करेगा, बल्कि रिलायंस डिफेंस को ग्लोबल डिफेंस सप्लाई चेन में अहम खिलाड़ी बनाएगा. कंपनी का लक्ष्य अगले 12-24 महीनों में भारत के टॉप-3 प्राइवेट डिफेंस एक्सपोर्टर्स में शामिल होना है.
रिलायंस डिफेंस की रणनीति गोला-बारूद पर फोकस्ड है, जिसमें भारत में बने प्रोडक्ट्स में 60% चीजें स्वदेशी होगी. बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक कंपनी अगले कुछ महीनों में Diehl और राइनमेटल जैसी फर्म्स के साथ 5-10 साल के लॉन्ग-टर्म अग्रीमेंट्स साइन कर सकती है. इसका लक्ष्य एडवांस्ड गोला-बारूद सिस्टम्स के जरिए 10,000 करोड़ रुपये की रेवेन्यू हासिल करना है.
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शेयरों में उछाल से बढ़ रही कमाई
बाजार भले ही कंसॉलिडेशन मोड में हों लेकिन अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनियों शेयर धमाकेदार प्रदर्शन कर रहे हैं. हाल ही उनकी कंपनी रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिली. रिलायं पावर के शेयर 2018 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं, वहीं रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में पिछले पांच कारोबारी सत्रों में 11% से अधिक की वृद्धि हुई है. वहीं एक महीने में इसमें 61% से अधिक की वृद्धि हुई है. पिछले एक साल में इसने 105% चढ़कर मल्टीबैगर रिटर्न दिया है. वहीं रिलायंस पावर पिछले 1 महीने में 63% से ज्यादा बढ़ा है. शेयरों में आई इन तेजी से अनिल अंबानी की कमाई में भी इजाफा हुआ है.
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