अनिल अंबानी को मिली नई पावर, गोला-बारूद पर लगाया दांव, क्या बनेगा ‘पारस पत्थर’
अनिल अंबानी लगातार नए-नए डील करके अपने बिजनेस का विस्तार कर रहे हैं. भूटान के सोलर प्रोजेक्ट के बाद अब वो डिफेंस सेक्टर में अपनी धाक जमाना चाहते हैं. यही वजह है कि उन्होंने जर्मनी की एक कंपनी से हाथ मिलाया है. इसके तहत कंपनी गोला-बारूद समेत दूसरी चीजें बनाएगी, तो क्या है अनिल अंबानी का प्लान और कैसे उनका ये दांव उनकी किस्मत बदलेगा, जानें डिटेल.
Anil Ambani’s company new deal: दिग्गज उद्योगपति अनिल अंबानी की किस्मत के सितारे इन-दिनों बुलंदियों पर है. वो न सिर्फ कर्ज चुकाने में कामयाब हुए है, बल्कि लगातार एक के बाद एक कई डील भी कर रहे हैं. हाल ही में उन्होंने भूटान में सबसे बड़े सोलर प्रोजेक्ट के लिए वहां की एक कंपनी से डील की है. अब अनिल अंबानी डिफेंस सेक्टर में अपना जलवा कायम करने को तैयार है. यही वजह है कि अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस लिमिटेड ने जर्मन हथियार निर्माता राइनमेटल एजी के साथ डील की है. इस साझेदारी के तहत महाराष्ट्र में एक नई हाईटेक फैक्ट्री तैयार की जाएगी, जो तोपखानों के गोले, विस्फोटक और प्रोपेलेंट्स का प्रोडक्शन करेगी.
डिफेंस सेक्टर में अनिल अंबानी का ये तीसरा दांव है. रिलायंस समूह का यह तीसरा सबसे बड़ा डिफेंस सौदा है. इससे पहले कंपनी ने फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन और थेल्स के साथ ज्वाइंट वेंचर के तहत काम किया था. हाल ही में भारत-पाक के बीच हुए तनावपूर्ण हालात में डिफेंस कंपनियों की ग्रोथ में जबरदस्त उछाल आया. इस ओर सरकार के भी फोकस बढ़ाने से कंपनियों के प्रदर्शन में और सुधार होने की उम्मीद है. ऐसे में अनिल अंबानी का डिफेंस सेक्टर में दांव उनकी किस्मत को और चमका सकता है.
गोला-बारूद समेत इन चीजों का होगा प्रोडक्शन
अनिल अंबानी की रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के तहत आने वाली रिलायंस डिफेंस लिमिटेड ने जर्मन हथियार निर्माता राइनमेटल एजी के साथ एक रणनीतिक साझेदारी की है. डील के तहत दोनों कंपनियां मिलकर तोपखाने के गोले, विस्फोटक और प्रोपेलेंट्स का प्रोडक्शन करेगी. दोनों कंपनियां मध्यम और बड़े कैलिबर के गोला-बारूद के लिए विस्फोटक की आपूर्ति में मदद करेंगी. इसके अलावा, दोनों कंपनियां चुनिंदा प्रोडक्टों के लिए ज्वाइंट मार्केटिंग गतिविधियों में शामिल होंगी, जिससे भविष्य के अवसरों के आधार पर उनके बिजनेस को बढ़ाने में मदद करेगी. इस डील के तहत रिलायंस डिफेंस राइनमेटल को महत्वपूर्ण कच्चे माल तक पहुंच प्रदान करेगा, जिससे इसकी आपूर्ति श्रृंखला सुरक्षित होगी.
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कितनी होगी प्रोडक्शन क्षमता?
रिलायंस डिफेंस का कहना है कि इस डील के तहत महाराष्ट्र के रत्नागिरी में वटद औद्योगिक क्षेत्र में एक ग्रीनफील्ड मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित की जाएगी. कंपनी का दावा है कि यह दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी फैक्ट्रियों में से एक होगी, जिसकी वार्षिक क्षमता 2,00,000 तोपखाने के गोले, 10,000 टन विस्फोटक और 2,000 टन प्रोपेलेंट्स उत्पादन की होगी. हालांकि इसमें कितना निवेश किया जाएगा इसकी राशि का खुलासा नहीं किया गया है. यह नई सुविधा रिलायंस डिफेंस को देश के टॉप तीन रक्षा निर्यातकों में शामिल होने के अपने लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगी. इस साझेदारी से भारत की रक्षा विनिर्माण क्षमताओं को मजबूत करने में भी मदद मिलेगी.