अनिल अंबानी चले भूटान; ‘पारस पत्थर’ फिर करेगा कमाल! 2000 करोड़ का लगाया दांव

कुछ साल पहले कर्ज के जाल में उलझे अनिल अंबानी आजकल दोबारा चर्चाओं में हैं. हाल ही में चौथी तिमाही के रिजल्‍ट में जहां उनकी कंपनी रिलायंस पावर ने दमदार प्रदर्शन किया, वहीं अब उनकी प्‍लानिंग बिजनेस के विस्‍तार की है. इसी सिलसिले में उन्‍होंने अब भूटान के साथ हाथ मिलाया है, इसके लिए रिलायंस पावर ने 2000 करोड़ की बड़ी डील की है. तो क्‍या है प्रोजेक्‍ट और कैसे इसका फायदा मिलेगा, जानें डिटेल.

अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर ने भूटान से मिलाया हाथ Image Credit: money9

Reliance Power deal with Bhutan: एक समय डिफॉल्‍टर का टैग झेल चुके दिग्‍गज उद्योगपति अनिल अंबानी के दिन अब बदल रहे हैं. अपनी रणनीति के दम पर वो न सिर्फ कर्ज के जाल से बाहर आ पाए हैं, बल्कि उनकी दोनों कंपनियां रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर मजबूत स्थिति में हैं. अनिल अंबानी ने कामयाबी के इस सिलसिले को जारी रखते हुए एक नया दांव लगाया है. इसके लिए उनकी कंपनी रिलायंस पावर ने सोमवार को भूटान सरकार की ग्रीन डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक अहम करार की घोषणा की. ये डील 2000 करोड़ की है.

कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक रिलायंस पावर की इस डील के जरिए भूटान में अब तक का सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट बनाया जाएगा, जो 500 मेगावाट बिजली पैदा करेगा. यह प्रोजेक्ट रिलायंस पावर और भूटान की मुख्य निवेश कंपनी ड्रक होल्डिंग एंड इनवेस्टमेंट्स (DHI) के बीच 50-50 की साझेदारी में होगा. इसकी लागत 2,000 करोड़ रुपये तक होगी और यह भूटान के सोलर सेक्टर में अब तक का सबसे बड़ा निजी निवेश है.

रिन्यूएबल एनर्जी का होगा विस्‍तार

रिलायंस पावर ने बयान में कहा कि भूटान में यह सोलर निवेश रिलायंस ग्रुप की रिन्यूएबल एनर्जी पोर्टफोलियो को विस्तार देने की रणनीति का हिस्‍सा है. यह भारत-भूटान आर्थिक सहयोग को मजबूत करने के हमारे लॉन्‍ग टर्म के मकसद को दर्शाता है. कंपनी ने यह भी कहा कि रिलायंस पावर की कुल क्‍लीन एनर्जी पाइपलाइन 2.5 गीगावॉट सोलर और 2.5 गीगावॉट ऑवर बीईएसएस है, जो इसे इंटीग्रेटेड सौर + बीईएसएस सेग्‍मेंट में भारत की सबसे बड़ी कंपनी बनाती है.

क्‍या होगा फायदा?

रिलायंस पावर के मुताबिक यह सोलर प्लांट दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगा. इससे भूटान को क्‍क्‍लीन एनर्जी मिलेगी और वह अपने पड़ोसियों देशों खासकर भारत के साथ बिजली साझा कर सकेगा. रिलायंस पावर ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि बिजली को ग्रीन डिजिटल के साथ एक लॉन्‍ग टर्म समझौते के तहत बेचा जाएगा. कंपनी ने प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए कंपनियों की तलाश शुरू कर दी है और इसके लिए बोली प्रक्रिया अपनाई जा रही है. साथ ही, प्रोजेक्ट के लिए फंडिंग जुटाने के लिए बैंकों और दूसरे उधारदाताओं से बातचीत चल रही है.

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पहले भी हुई थी साझेदारी

अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस एंटरप्राइजेज (रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की संयुक्त कंपनी) ने इससे पहले भी भूटाने के साथ एक साझेदारी की थी, जो अक्टूबर 2024 में हुई थी. इसमें रिलायंस एंटरप्राइजेज ने भूटान की ड्रक होल्डिंग एंड इनवेस्टमेंट्स लिमिटेड (DHI) के साथ एक डील की थी. इसमें 500 मेगावाट के सोलर प्रोजेक्ट के साथ-साथ 770 मेगावाट के चमखारछु-I हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के लॉन्‍ग टर्म संचालन और एग्‍जीक्‍यूशन की जिम्‍मेदारी सौंपी गई है.