Axis Mutual Fund घोटाला: फ्रंट-रनिंग केस में ED की बड़ी कार्रवाई, देशभर में छापेमारी शुरू
Axis Mutual Fund से जुड़े फ्रंट-रनिंग घोटाले में ED ने PMLA के तहत मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू कर दी है. मुख्य आरोपी पूर्व फंड मैनेजर वीरेश जोशी पर गोपनीय जानकारी का गलत इस्तेमाल कर करोड़ों का मुनाफा कमाने का आरोप है. इस सिलसिले में देश के सात शहरों में छापेमारी की गई है.
Axis Mutual Fund and Front Running ED: एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक्सिस म्यूचुअल फंड से जुड़े एक बड़े फ्रंट-रनिंग घोटाले में PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत केस दर्ज कर देशभर के कई शहरों में छापेमारी की है. यह जांच 2018 से 2021 के बीच एक्सिस म्यूचुअल फंड द्वारा किए गए संदिग्ध स्टॉक ट्रेडिंग से संबंधित है.
क्या है फ्रंट-रनिंग घोटाला?
फ्रंट-रनिंग शेयर बाजार की एक गैरकानूनी और अनैतिक प्रक्रिया है, जिसमें कोई ट्रेडर या ब्रोकर अपने ग्राहकों के ट्रेडिंग ऑर्डर की जानकारी पहले से जानकर खुद के फायदे के लिए पहले ही उस स्टॉक में खरीद-फरोख्त कर लेता है. इससे आम निवेशकों को नुकसान होता है और बाजार की निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं.
कौन है जांच के घेरे में?
इस मामले में मुख्य आरोपी वीरेश जोशी हैं, जो एक्सिस म्यूचुअल फंड में पूर्व चीफ ट्रेडर और फंड मैनेजर रह चुके हैं. आरोप है कि उन्होंने फंड के ट्रेडिंग प्लान की गोपनीय जानकारी का दुरुपयोग कर खुद और दूसरे सहयोगियों के लिए अवैध मुनाफा कमाया. प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली, अहमदाबाद, भावनगर, भुज, गुरुग्राम, कोलकाता और लुधियाना में छापेमारी की. यह छापेमारी उन ठिकानों पर की गई जहां से जोशी और उनके सहयोगियों की ओर से फर्जी ट्रेडिंग अकाउंट्स, शेल कंपनियों और बैंक खातों के जरिए पैसा इधर-उधर किया गया था.
क्या है आरोप?
मुंबई पुलिस द्वारा दिसंबर 2024 में दर्ज FIR के मुताबिक, जोशी ने एक्सिस म्यूचुअल फंड के इन्वेस्टमेंट प्लान की जानकारी का फायदा उठाकर निजी ट्रेडिंग की. इस घोटाले के जरिए करोड़ों रुपये का अवैध लाभ कमाया गया, जिससे आम निवेशकों को नुकसान हुआ. Axis Mutual Fund के पास उस समय 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) थी.
दुबई कनेक्शन और दूसरे ट्रेडर्स की भूमिका
जांच एजेंसियों को शक है कि जोशी ने दुबई से ट्रेडिंग टर्मिनल का इस्तेमाल करके यह फ्रंट-रनिंग ऑपरेशन चलाया. इसके लिए उन्होंने कुछ ब्रोकर्स से मूल अकाउंट्स लिए थे. जोशी ने जांच में यह भी कबूला है कि कई अन्य ट्रेडर्स और ब्रोकर भी एक्सिस फंड की इनसाइड जानकारी का इस्तेमाल कर इसी तरह के घोटाले में शामिल थे. ED को पता चला है कि अवैध कमाई को कई शेल कंपनियों और परिवार के सदस्यों के नाम से चल रहे बैंक खातों में घुमाया गया. इन सभी लेन-देन की जांच अब जारी है.
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