Income Tax Budget 2025: इनकम टैक्स पर सरकार का बड़ा ऐलान, अगले हफ्ते पेश होगा बिल, जानें क्या बदलेगा
Income Tax Bill: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्सपेयर्स की सुविधा बढ़ाने के लिए टैक्स रिफॉर्म को लागू करने में सरकार के दशक भर के प्रयासों के बारे में बताया है. प्रमुख उपायों में फेसलेस असेसमेंट, टैक्सपेयर चार्टर और रिटर्न की तेज प्रोसेसिंग शामिल है, जिसमें लगभग 99 फीसदी रिटर्न सेल्फ एसेसमेंट पर आधारित हैं.
Income Tax Bill: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान इनकम टैक्स को लेकर बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि इनकम टैक्स बिल अगले हफ्ते पेश किया जाएगा. इनकम टैक्स बिल का थीम ‘ट्रस्ट फर्स्ट, स्क्रूटनी लेटर’ होगा. इस बिल में आधे कानून खत्म कर दिए जाएंगे, ऐसा वित्त मंत्री ने अपने भाषण में बताया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्सपेयर्स की सुविधा बढ़ाने के लिए टैक्स रिफॉर्म को लागू करने में सरकार के दशक भर के प्रयासों के बारे में बताया. प्रमुख उपायों में फेसलेस असेसमेंट, टैक्सपेयर चार्टर और रिटर्न की तेज प्रोसेसिंग शामिल है, जिसमें लगभग 99 फीसदी रिटर्न सेल्फ एसेसमेंट पर आधारित हैं. टैक्स विभाग के पहले भरोसा करो, बाद में जांच करो के दृष्टिकोण की पुष्टि करते हुए, उन्होंने अनुपालन को आसान बनाने के लिए निरंतर प्रतिबद्धता पर जोर दिया. इसके अतिरिक्त, उन्होंने घोषणा की कि सरकार के सुधार एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए अगले सप्ताह एक नया आयकर विधेयक पेश किया जाएगा.
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई के बजट में छह महीने के भीतर छह दशक पुराने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की व्यापक समीक्षा की घोषणा की थी. एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, “नया इनकम टैक्स लॉ संसद के बजट सत्र में पेश किया जाएगा. यह एक नया कानून होगा, न कि मौजूदा अधिनियम में संशोधन. फिलहाल, कानून के मसौदे पर विधि मंत्रालय विचार कर रहा है और बजट सत्र के दूसरे हिस्से में इसे संसद में पेश किए जाने की संभावना है.”
क्या है डायरेक्ट टैक्स कोड
क्लीयरटैक्स ने एक नोट में कहा कि डायरेक्ट टैक्स कोड भारत सरकार द्वारा वर्तमान जटिल इनकम टैक्स कानून को सभी के लिए सरल बनाने की एक पहल है. डीटीसी मौजूदा इनकम टैक्स कानून को सरल बनाएगा. मौजूदा टैक्स स्ट्रक्चर जटिल है, जिसमें सैकड़ों धाराएं, छूट और कटौतियां हैं, जो टैक्सपेयर्स को भ्रमित करती हैं. नया कोड इस तरह से बनाया जाएगा:
- टैक्स प्रोसेस को सरल बनाना
- व्यक्तियों और बिजनेस दोनों के लिए कंप्लायंस को आसान बनाना
- भारत में टैक्सपेयर्स की संख्या बढ़ाना
क्यों लागू करना चाहती है सरकार
डीटीसी को लागू करने के पीछे भारत में टैक्सपेयर्स की संख्या बढ़ाना और कंप्लायंस में सुधार करना है. इससे सरकार अधिक लोगों को टैक्स में योगदान के लिए प्रोत्साहित करना चाहती है, जिससे आर्थिक विकास में सहायता मिल सके. सरकार का लक्ष्य:
- टैक्स कानून को सरल बनाना: इससे अधिक लोग टैक्स भरने के लिए प्रोत्साहित होंगे.
- ट्रांसपरेंसी: क्लियर टैक्स स्ट्रक्चर होने से गलतियों का मौका कम होगा, जिससे ट्रांसपरेंसी बढ़ेगी.
टैक्सपेयर्स को क्या हैं उम्मीदें
सरकार टैक्स सिस्टम में सुधार करने की तैयारी कर रही है, ऐसे में नई डायरेक्ट टैक्स कोड से कई उम्मीदें हैं:
- सिंप्लिफाई रेसिडेंशियल रूल: रेसिडेंट, नॉन-रेसिडेंट और एनआरआई के बारे में मौजूदा टैक्स नियमों में कई कन्फ्यूजन हैं. डीटीसी इन नियमों को सिंपल बनाएगा, जिससे व्यक्तियों के लिए अपनी टैक्स निर्धारण करना आसान हो जाएगा.
- फाइनेंशियल ईयर VS असेसमेंट ईयर का कंफ्यूजन खत्म करना: कई टैक्सपेयर्स फाइनेंशियल ईयर और असेसमेंट ईयर के बीच अंतर को लेकर कन्फ्यूज रहते हैं. डीटीसी का लक्ष्य इन टर्म्स को सरल बना कर भ्रम को दूर करना है.
- यूनिफाइड टैक्स स्ट्रक्चर: डीटीसी का लक्ष्य घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए टैक्स रेट को एक समान करना होगा. इससे बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारत की टैक्स सिस्टम को बेहतर तरीके से समझने और निपटाने में मदद मिलेगी.
- सिंपलिफाई टैक्स स्ट्रक्चर: मौजूदा टैक्स कानून में 298 धाराएं और कई उप-धाराएं और खंड शामिल हैं, जिससे इसे समझना जटिल हो जाता है. डीटीसी का लक्ष्य इन प्रावधानों को सरल बनाना होगा ताकि सभी के लिए इनका पालन करना आसान हो.
- आसान कंप्लायंस: टैक्स फाइलिंग, TDS का भुगतान करना और डेडलाइन का ध्यान रखना कई लोगों के लिए मुश्किल हो सकता है. डीटीसी इन कामों की जटिलता को कम करेगा और अधिक सरल प्रक्रिया शुरू करेगा.
डायरेक्ट टैक्स कोड के फायदे
डायरेक्ट टैक्स कोड से व्यक्तियों और बिजनेस दोनों को कई महत्वपूर्ण फायदे होंगे, जिनमें:
- कम जटिलता
- कंप्लायंस में कमी
- यूनिफाइड टैक्स रेट
- कम से कम कानूनी विवाद
Direct Tax Code कब होगा लागू
फिलहाल डीटीसी की समीक्षा की जा रही है और अलग-अलग स्टेकहोल्डर्स से चर्चा की जा रही है. डायरेक्ट टैक्स कोड को बजट 2025 में पेश किया जा सकता है, जिससे भारतीय टैक्स सिस्टम में लंबे समय से इंतजार किए जा रहे बदलाव देखने को मिलेंगे.