मुश्किल वक्त में निवेशकों ने छोड़ा साथ, Byju Raveendran ने कहा- फिर से करेंगे वापसी

दिवालिया एडटेक बायजू के संस्थापक बायजू रविंद्रन ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि दुबई से कानूनी प्रक्रिया के बाद भारत लौटने के बाद एक और एडटेक शुरू करेंगे.

एडटेक बायजू के संस्थापक बायजू रविंद्रन Image Credit: Money 9

अर्श से फर्श पर आने वाली एडटेक कंपनी बायजू एक फिर अपना वजूद कायम करने की तैयारी में है. जी हां, दिवालिया हो चुकी एडटेक बायजू के संस्थापक बायजू रविंद्रन ने खुद इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि वह दुबई से अपनी कानूनी प्रक्रिया खत्म होने पर भारत लौटने के बाद एक और एडटेक शुरू करेंगे. रविंद्रन ने यह भी कहा कि वह दोबारा शुरू होने वाले कंपनी को आधे खर्च पर चलाएंगे. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि वे फिलहाल एडटेक बिजनेस में बने रहना चाहते है.

निवेशकों को ठहराया दोषी

फिलहाल बायजू रविंद्रन दुबई में हैं. उन्होंने वहीं अपने आवास पर गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत की. रविंद्रन ने निवेशकों को दोषी बताते हुए कहा कि जब उनकी कंपनी विस्तार कर रही थी तब उनका सबने समर्थन किया, लेकिन संकट का पहला संकेत मिलते ही वे सभी भाग खड़े हुए. उन्होंने कहा कि दिसंबर 2021 में जब से कंपनी में डाउनफॉल आना शुरू हुआ तब से सिर्फ हमने ही पैसा लगाया है. उन्होंने कहा कि निवेशकों को छात्रों व अभिभावकों की परवाह नहीं थी, वे बस चाहते थे कि मैं 100 अरब डॉलर की कंपनी बनाऊं.

निवेशकों ने किया था विरोध

बायजू रविंद्रन ने इस बात से साफ इंकार किया कि वह दुबई भाग गए हैं. उन्होंने कहा कि वह अपने पिता के इलाज के लिए वहां गए थे. साथ ही उन्होंने कहा कि दो लड़कों के बाद अब वह चार महीने की एक बच्ची के पिता भी हैं. उन्होंने अपनी मानसिक स्थिति को बिल्कुल ठीक बताते हुए कहा कि वे फिर से पढ़ाने के लिए उत्साहित हैं. उन्होंने कहा कि बायजू में हर निर्णय सभी निवेशकों की सहमति से लिया गया. व्हाइट हैट जूनियर और आकाश का जिक्र करते हुए रविंद्रन ने कहा कि अधिग्रहण के लिए मुझे सबसे अधिक प्रोत्साहन व्हाईट हैट जुनियर से मिला, जबकि इसके उल्टा बोर्ड से मुझे सबसे अधिक प्रतिरोध आकाश अधिग्रहण के लिए मिला.

लॉस-प्रॉफिट का गणित

बता दें कि बायजू द्वारा अधिग्रहण किए गए कंपनियों में आकाश ही एक मात्र कंपनी है जो चल रही है, जबकि व्हाईट हैट जुनियर सबसे अधिक लॉस में ले जाने वाली कंपनी है. रविंद्रन ने कहा कि यदि उन्हें शुरुआत में मोहनदास पई जैसे अनुभवी निवेशकों का लाभ मिलता, तो शायद वे गलतियां नहीं करते. रविंद्रन ने कहा ने यह भी कहा कि हमने संभावित बढ़ोतरी का अधिक अनुमान लगाया था. इसके साथ ही हमने एक साथ कई बाजारों में प्रवेश किया. बायजू का पतन मुख्य रूप से बाजार की गलत भविष्यवाणी और कंपनी द्वारा लिए गए कर्ज के कारण हुआ.

मुकदमों का करना पड़ रहा सामना

बायजू को कर्जदाताओं और निवेशकों की ओर से कई मुकदमों का सामना करना पड़ रहा है. कर्जदाताओं ने नवंबर 2021 में लिए गए 1.2 बिलियन डॉलर के कर्ज की अदायगी की मांग की है. निवेशकों ने कंपनी की मूल इकाई थिंक एंड लर्न में अपने अधिकारों को सुरक्षित रखने की मांग की है. कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी जैसे कुछ लोगों ने रविंद्रन की व्यक्तिगत संपत्तियों का डिटेल मांगने के लिए अदालत के फैसले की मांग की है. आकाश में शेयरधारिता के बारे में रविंद्रन ने कहा कि मणिपाल समूह के संस्थापक रंजन पई के पास 40% हिस्सेदारी है, जबकि शेष 60% हिस्सेदारी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के पास है.