डिजिटल पेमेंट्स बढ़ें लेकिन कैश का जलवा बरकरार, बाजार में 38 लाख करोड़ रुपये का सर्कुलेशन

भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक देश में कैश का इस्तेमाल अब भी तेजी से हो रहा है. मई 2025 तक करेंसी इन सर्कुलेशन 2.4 फीसदी बढ़कर 38.1 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई है जो भारत की GDP का 11.5 फीसदी है. डिजिटल भुगतान में बढ़ोतरी के बावजूद ग्रामीण इलाकों में कैश की जगह अब भी मजबूत है.

कैश बनाम डिजिटल पेमेंट Image Credit: @Money9live

Cash Circulation vs Digital Payment: कुछ साल पहले जब डिजिटल पेमेंट का दौर शुरू हुआ था तब कई लोगों का ऐसा लगने लगा था कि आने वाले कुछ सालों में कैश की जरूरत खत्म हो जाएगी. ऐसा इसलिए क्योंकि बड़ी संख्या में लोगों का पलायल कैश से डिजिटल पेमेंट की ओर होने लगा था. लेकिन मौजूदा समय के आंकड़े इस बात को पूरी तरह से गलत साबित कर रहे हैं. देश में डिजिटल पेमेंट्स तेजी से बढ़ तो रहे हैं लेकिन इसके बावजूद लोग कैश का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2 मई 2025 तक देश में करेंसी इन सर्कुलेशन (यानी लोगों के पास घूम रहा कैश) 2.4 फीसदी बढ़ गया है जबकि पिछले साल इसी समय यह आंकड़ा 1.7 फीसदी था.

कितना कैश है सर्कुलेशन में

इस समय देश में करीब 38.1 लाख करोड़ रुपये की कैश सर्कुलेशन में है जो भारत की GDP का लगभग 11.5 फीसदी है. हालांकि यह आंकड़ा 2016 के नोटबंदी वाले समय से अब भी 0.5 फीसदी कम है. आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल कोई चुनाव भी नहीं था फिर भी कैश की मांग बढ़ी है. इसका असल कारण ग्रामीण इलाकों में अच्छी फसल और बेहतर दाम हैं जिससे किसानों और ग्रामीण लोगों के पास कैश की मांग बढ़ी है. जब लोगों के पास ज्यादा कैश होता है तब बैंकों में लिक्विडिटी यानी नकद राशि की उपलब्धता घट जाती है.

इसे आर्थिक भाषा में “लीकेज” कहा जाता है यानी पैसा बैंकिंग सिस्टम से निकलकर लोगों के हाथ में चला जाता है. CMS (कैश मैनेजमेंट सर्विस) इंफो सिस्टम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2024 तक देश में कुल कंज्यूमर खर्च का 60 फीसदी हिस्सा कैश से किया जा रहा है जबकि डिजिटल पेमेंट में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.

डिजिटल पेमेंट बढ़ा लेकिन कैश ने भी दिखाया दम

पिछले 10 सालों (2014 से 2024) के दौरान जहां डिजिटल पेमेंट्स का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हुआ वहीं कैश का इस्तेमाल भी बढ़ा है. इस दौरान, करेंसी इन सर्कुलेशन दोगुनी हो गई, ATM की संख्या 32 फीसदी हुई और बैंक के ब्रांच में भी 36 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. CMS की रिपोर्ट में कहा गया, “भारत ने डिजिटल और कैश दोनों सिस्टम को साथ लेकर चलने में संतुलन बनाए रखा है लेकिन आज भी कैश का इस्तेमाल भारत की खरीददारी में अहम भूमिका निभा रहा है.” आरबीआई के हालिया डाटा से समझा जा सकता है कि डिजिटल पेमेंट में लगातार हो रही बढ़ोतरी का असर कैश फ्लो पर ज्यादा नहीं पड़ रहा है. दोनों ही अपनी अहमियत के आधार पर सही बैलेंस बनाए हुए हैं.

ये भी पढ़ें- वोडा-आइडिया ने खड़े किए हाथ, कहा- सरकार के सपोर्ट के बिना हो जाएंगे दिवालिया, 20 करोड़ ग्राहकों का क्या होगा?